Virtual Ram क्या है यह किस तरह काम करती है?

आज के आर्टिकल में हम Virtual Ram से रिलेटेड कुछ जानकारियां जानेंगे। आखिर Virtual Ram क्या है, कैसे कार्य करती हैं। सभी जानकारियां इस आर्टिकल की मदद से आसान शब्दों में जानने की कोशिश करेंगे। तो आइए दोस्तों बिना वक्त गंवाए नीचे विस्तार से जानते हैं।

 

Virtual Ram क्या है?

Virtual Ram एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जो मुख्यतः कंप्यूटर को सपोर्ट करने के लिए एक्स्ट्रा मेमोरी प्रदान करती है। विशेष रूप से कंप्यूटर में multiprocessing वर्क करने के लिए रैम का होना बहुत आवश्यक है। multiprocessing का हिंदी मतलब अनेक होता है। जब आप कंप्यूटर में अनेक प्रोग्राम्स या एप्लीकेशंस को एक साथ इस्तेमाल करते हैं। जैसे- Web Browser, Microsoft Word, Photoshop, MS Excel, YouTube इत्यादि प्रोग्राम्स को एक साथ ओपन करते हैं तो इन प्रोग्राम्स या एप्लीकेशंस को run कराने के लिए रैम बहुत अहम भूमिका निभाता है।

हम जब भी भिन्न-भिन्न एप्लीकेशंस को कंप्यूटर सिस्टम में ओपन करेंगे ठीक उतनी ही बार रैम स्टोरेज भरता चला जाएगा तथा जब रैम फुल भरा जाता है तब आप कंप्यूटर में किसी भी एप्लीकेशंस या प्रोग्राम्स को ओपन नहीं कर सकते। तो इस परिस्थिति में वर्चुअल रैम अपना कार्य करती है कहने का मतलब वर्चुअल रैम का कंप्यूटर तब यूज़ करता है जब रैम फुल हो जाती है। वर्चुअल रैम, सॉफ्टवेयर के रूप में होती है तथा इसे वर्चुअल मेमोरी भी कहां जाता है।

 

Virtual Ram का आविष्कार किसने किया था?

Virtual Ram का आविष्कार 1950 के दशक की समाप्ति में ”Tom Kilburn” एवं उनकी टीम ने ”Atlas System” में किया था।

 

Virtual Ram किस प्रकार काम करती है?

वर्चुअल रैम का कार्य डिवाइस के माध्यम से किया जाता है। जिसको पेज फाइल कहते हैं। जब कंप्यूटर पर कोई प्रोग्राम या एप्लीकेशन run करती है। तब उसमें रैम की खास जरूरत होती है और ऐसी स्थिति में जब RAM का space फुल हो गया है तो कंप्यूटर का ऑपरेटिंग सिस्टम सभी एप्लीकेशन और फाइल को चेक करता है जिनको हम अपने सिस्टम में ओपन करके रखना चाहते हैं। सिस्टम में जो भी एप्लीकेशन या फाइल मिनिमाइज होकर रहती है।
कहने का मतलब जिन एप्लीकेशन नया फाइल पर यूजर प्रेजेंट टाइम में वर्क नहीं करता है किंतु वे सभी नीचे ओपन रहती है तो कंप्यूटर सिस्टम उन टोटल फाइलों को वर्चुअल मेमोरी में से पेजिंग फाइल की हेल्प लेकर रैम के डाटा को पूर्णतः ट्रांसफर करता है।
जिस स्थिति में डाटा फिजिकल मेमोरी में से वर्चुअल मेमोरी में ट्रांसफर होता है तभी ऑपरेटिंग सिस्टम एप्लीकेशंस के प्रोग्राम को पेज फाइल्स के रूप में डिवाइड कर देता है व प्रत्येक पेज फाइल के साथ में एक fixed number के जैसा एड्रेस भी जोड़ता है तो कंप्यूटर डाटा को ट्रांसफर करने में रैम के उस एरिया की ओर देखता है जिनको Recently यूज़ नहीं किया गया हो तथा उनको हार्ड डिस्क में जो वर्चुअल मेमोरी होती है उसमें कॉपी कर देता है इससे प्रत्येक पेज फाइल हार्ड डिस्क में पहुंचकर स्टोर हो जाती है। जिस कारण हमारी रैम के स्पेस की जगह खाली होने लगती है तो यूजर प्रजेंट टाइम में जिस भी एप्लीकेशन पर काम करता है वहां एप्लीकेशन सुचारू रूप से यानी की आराम से run करती है फिर न्यू एप्लीकेशन को भी सरलता से लोड किया जा सकता है।

हमने जिन एप्लीकेशन को मिनिमाइज करके रखा हुआ है। जब उनको ओपन करते हैं। तब हार्ड डिस्क की वर्चुअल मेमोरी में जिन फाइलों को ट्रांसफर किया गया था उनके एड्रेस को ऑपरेटिंग सिस्टम फिर से कॉपी करता है और रैम में सेंड कर देता है इसी वजह से हम उस एप्लीकेशन पर बिना परेशानी के वर्क कर पाते हैं। ऑपरेटिंग सिस्टम फाइल को हार्ड डिस्क से रैम में तब तक लोड नहीं करता है जब तक कि उसकी आवश्यकता ना हो।

Virtual Ram से क्या लाभ है?

वर्चुअल रैम से कई प्रकार के लाभ हैं लेकिन कुछ मुख्य लाभ के बारे में नीचे विस्तार से जानते है-

 • वर्चुअल रैम की मदद से कंप्यूटर रैम को लगभग दोगुना बढ़ाया जा सकता है। इस वजह से कंप्यूटर की स्पीड भी बढ़ जाती है।

 • वर्चुअल रैम के द्वारा हम अपने कंप्यूटर में एक समय में एक साथ कई प्रकार की एप्लीकेशन को ओपन करके बिना किसी अवरोध के यूज कर सकते हैं।

 • वर्चुअल रैम, फिजिकल मेमोरी के मुकाबले बहुत बड़ी होती है। जिस कारण कंप्यूटर पर बड़े साइज वाले प्रोग्राम या एप्लीकेशन को run कराने में कोई परेशानी नहीं होती है।

 • वर्चुअल रैम का फीचर कई प्रकार के स्मार्टफोन में भी देखने को मिलता है उदाहरण- 6GB + 2GB रैम यह बिल्कुल 8GB रैम वाले स्मार्टफोन जैसा ही प्रदर्शन करता है व इस प्रकार कस्टमर को कम प्राइस में अधिक रैम मिलती है।

 

Virtual Ram से क्या हानि है?

वर्चुअल रैम एक तरफ लाभकारी है तो एक तरफ नुकसानकारी भी सिद्ध हो रही है। आइए निम्नलिखित माध्यम से कुछ जानकारियां जानते हैं-

 • वर्चुअल रैम के यूज़ के कारण सिस्टम की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। कहने का मतलब की कुछ प्रकार के वायरस वर्चुअल रैम को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

 • वर्चुअल रैम के यूज से अगर सिस्टम में कोई प्रॉब्लम आती है। तो ऐसे में आपके डाटा को क्षति पहुंच सकती हैं।

 • वर्चुअल रैम आपके स्मार्टफोन के हार्ड ड्राइव स्टोरेज को उपयोग में लेती है। जिस वजह से स्टोरेज की कैपेसिटी कम होने की पूर्ण संभावना होती है।

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सारांश-

दोस्तों इस आर्टिकल की मदद से आप जान गए होंगे कि Virtual Ram क्या है।
आशा करता हूं कि आपको सभी जानकारी पसंद जरूर आई होगी। इन सभी जानकारियों को अपने Friends, Family के साथ जरूर शेयर करें और आपका अगर कोई सा भी कन्फ्यूजन हो तो Comment करके निसंकोच पूछ सकते हैं।

Thank you

 

कुछ FAQ-

 Q.1 Virtual Ram को हिंदी में क्या कहते हैं?
 Ans. Virtual Ram जिसका हिंदी अर्थ “आभासी रैम” होता है।

 Q.2 Virtual Ram का मतलब क्या होता है?
 Ans. Virtual Ram एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जो मुख्यतः कंप्यूटर को सपोर्ट करने के लिए एक्स्ट्रा मेमोरी प्रदान करती है। विशेष रूप से कंप्यूटर में multiprocessing वर्क करने के लिए रैम का होना बहुत आवश्यक है।

 Q.3 Virtual Ram से क्या फायदा है?
 Ans. वर्चुअल रैम की मदद से कंप्यूटर रैम को लगभग दोगुना बढ़ाया जा सकता है। इस वजह से कंप्यूटर की स्पीड भी बढ़ जाती है।

 

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