ऑप्टिकल फाइबर क्या है यह कैसे काम करता है

आज एक ऐसे विषय के बारे में बात करेंगे। जो आपको बहुत यूज में आता है। इसकी मदद से आपके छोटे-छोटे कार्य भी आसानी से मतलब पूरे हो जाते हैं। इस खास विषय को Optical Fibre कहते हैं। गुजरते वक्त के साथ धीरे-धीरे सभी क्षेत्र में Growth हो रही है। आजकल तो हम सब के पास कई प्रकार की सुविधाएं हर समय तत्पर रहती है जिन्हें यूज़ करना काफी आसान है।
आज का विषय Optical Fibre है। जिसके बारे में आसान शब्दों में जानने की पूरी कोशिश करते हैं। तो आइये Friends बिना समय बर्बाद किए नीचे विस्तार से जानते हैं-

 

Optical Fibre क्या है?

Optical Fibre जो की एक ऐसा तार होता है जो डाटा को बिल्कुल प्रकाश की स्पीड से भेजने में माहिर है। Optical Fibre बहुत ही विचित्र तरह का फाइबर होता है क्योंकि इसमें जो फाइबर होते हैं। वह बिल्कुल हमारे बाल के साइज में पाए जाते हैं। ऑप्टिकल फाइबर में यहां देखा गया है कि इसमें विद्युत का संचार नहीं होता है बल्कि लाइट यानी कि प्रकाश का संचार बहुत सहजता से होता है। जिस वजह से स्पीड में भी तेजी आ जाती है। ऑप्टिकल फाइबर का मूल्य जो अन्य फाइबर होते हैं उनकी अपेक्षा ज्यादा होता है।
आसान शब्दों में जाने तो- Optical Fibre जिसकी मदद से डाटा प्रकाश की स्पीड में एक छोर से दूसरे छोर तक ट्रांसमिट करता है। इसकी स्पीड की बात करें तो लगभग 3 लाख km/sec मानी गई है। यहां ग्लास या फिर प्लास्टिक से बना हुआ होता है। ऑप्टिकल फाइबर कई लंबी दूरी तक ट्रांसमिशन करने में बड़ा अहम भूमिका निभाता है। इसमें इलेक्ट्रिक केबल की जगह higher bandwidth का इस्तेमाल होता है और metal wire के मुकाबले fibres का यूज किया जाता है इनका यूज इसलिए किया जाता है ताकि डाटा बिना किसी एक्स्ट्रा नुकसान के लंबी दूरी तक जा सके। इस फाइबर का इस्तेमाल अक्सर lighting, sensors, toys तथा special cameras में होता है।

 

Optical Fibre के आविष्कारक कौन है?

Optical Fibre के आविष्कारक एक महान भारतीय वैज्ञानिक हैं और जिनका नाम “नरेंद्र सिंह कपानी” है। सन 1953 में इन्होंने इस अनमोल चीज का आविष्कार किया था। उस वक्त ये ऑप्टिकल फाइबर के बंडल का निर्माण करने में सफल हुए साथ-साथ इन्होंने बंडल पर इमेज का प्रसारण भी सफल तरीके से किया था। इनको जिसके बाद से ही “Father of Fiber Optics” कहां जाने लगा। इनका स्वर्गवास 4 दिसंबर सन् 2020 में हुआ। वर्ष 1966 में “Charles Kuen Kao” ने यहां पता लगाया था कि प्रकाश के द्वारा डिजिटल डाटा को कम से कम 100 किलोमीटर के दायरे में आराम से भेजा जा सकता है और इसी प्रकार इंटरनेट के विकास का आगमन हुआ। चलिए दोस्तों अब हम नीचे ऑप्टिकल फाइबर की कार्य विधि जानते हैं।

 

Optical Fibre की कार्य विधि-

ऑप्टिकल फाइबर एक तरह से “total internal reflection” जिसका हिंदी अर्थ “पूर्ण आंतरिक परावर्तन” होता है इस सिद्धांत पर इसका कार्य आधारित होता है। प्रकाश का वेग प्रत्येक बार इलेक्ट्रॉन के वेग से तेज होता है और इसी वजह को मद्देनजर रखते हुए इंटरनेट संचार में प्रकाश के वेग का उपयोग सफल माना गया है। आपको “पूर्ण आंतरिक परावर्तन” का सिद्धांत तो मालूम जरूर होगा दोस्तों इस सिद्धांत में होता क्या है कि प्रकाश core (आन्तरक) में पहले प्रवेश करता है और फिर zig-zag रूल को फॉलो करके आगे ट्रैवल करता है। जो एक छोर से दूसरी छोर पर अपनी यात्रा को जारी रखता है। यहां दूसरे छोर पर जो प्रकाश प्राप्त होता है। उसको रिसीवर से वापिस डाटा में तब्दील किया जाता है। यहां सब खेल प्रकाश द्वारा होता है यानी कि जब प्रकाश को मुख्यतः glass पर डाला जाता है। तब प्रकाश आर पार अथवा प्रतिबिंबित इन दोनों रूप में से एक रूप का पालन करेगा कहने का अर्थ की प्रकाश या तो आर पार होगा या फिर प्रतिबिंबित। यहां सिद्धांत प्रतिबिंबित को फॉलो करके zig-zag तरीके से एक छोर से दूसरे छोर तक गुजरता है और इसी प्रकार ऑप्टिकल फाइबर वर्क करता है।

 

Optical Fibre के प्रकार कौन-कौन से हैं?

ऑप्टिकल फाइबर के 6 प्रकार होते हैं जिनको निम्नलिखित दर्शाया गया है-

1. Single-mode fibre-

सिंगल मोड फाइबर का उपयोग अक्सर लंबी दूरी तक सिग्नल्स को भेजने में होता है और इसका मूल्य उद्देश्य यही है कि सिग्नल का लॉस बिल्कुल ही कम हो। इसमें मात्र एक समय में एक तरह की प्रकाश किरण ही गुजर सकती है इस वजह से ही इसको Single-mode fibre कहते हैं।

2. Multi-mode fiber-

मल्टी मोड फाइबर इसमें एक समय में कई सारी प्रकाश किरणे गुजर सकती है जिस वजह से ही इसको Multi-mode fiber कहा जाता है। इसका उपयोग केवल कम दूरी के लिए किया जाता है। जब कम दूरी पर डाटा और सूचना को ट्रांसफर करना है तो मल्टी मोड फाइबर का ऑप्शन बहुत ही उचित है।

3. Step-index fiber-

स्टेप इंडेक्स फाइबर में जो कोर के भीतर refractive index (अपवर्तक सूचकांक) होता है वहां एक समान हीं बना रहता है। इसके मुख्य घटक कोर, क्लैडिंग यह दोनों होते हैं। इन्हीं में refractive index समानांतर बना देता।

4. Graded index fiber-

इस तरह के ऑप्टिकल फाइबर में जो कोर के भीतर refractive index (अपवर्तक सूचकांक) होता है वहां निरंतर एक तेजी से परिवर्तित होता रहता है।

5. Glass Fibre-

इस तरह के ऑप्टिकल फाइबर को Glass के द्वारा बनाया जाता है। इसमें ज्यादातर अच्छे ग्लास का इस्तेमाल होता है जिससे की लंबी दूरी में सिग्नल लॉस का खतरा बिल्कुल भी ना हो।

6. Plastic Fibre-

इस तरह के ऑप्टिकल फाइबर को Plastic के द्वारा बनाया जाता है। इसका यूज मटेरियल कोर में होता है। इसको बनाने में बहुत ही कम बजट आता है और यहां लचीलेपन में भी अवेलेबल हो जाता है।

 

Optical Fibre की संरचना कैसी होती है?

ऑप्टिकल फाइबर की संरचना 3 तरीकों पर निर्भर करती है। ऑप्टिकल फाइबर मुख्य रूप से वायर के रूप में पाई जाती हैं और वायर पतली, फ्लेक्सिबल तथा मेटल से बनी होती है लेकिन बात ऑप्टिकल फाइबर की आती है तो यहां मेटल से नहीं बनी होती बल्कि इसमें खास glass या transparent plastic यूज होता है और अधिक जानकारी निम्न मध्यम से जानते हैं-

 

ऑप्टिकल फाइबर की संरचना-

• core (आन्तरक) के बारे में परिचय-

आपको बता दे की जो core होती है वहां ऑप्टिकल फाइबर केबल के अंदर वाले हिस्से जिसको silica (glass) कहा जाता है इसी रूप को core कहा जाता है। यहां पतले glass से निर्मित होती है और इसी से ही प्रकाश आसानी से ट्रांसमिट होता है।

• Cladding (आवरण) के बारे में परिचय-

आपको बता दे की जो core होती है उसकी दूसरी लेयर transparent glass एवं plastic से निर्मित होती है। इसके घनत्व को core से अधिक माना जाता है क्योंकि यहां प्रकाश को बाहर निकलने से रोकती है मतलब की प्रकाश को लीक नहीं होने देती। इसी को ही Cladding कहा जाता है।

• Coating (कलई करना) के बारे में परिचय-

आपको बता दे की जो ऑप्टिकल फाइबर केबल होती है को सुरक्षा प्रदान करने का काम Coating का होता है। यहां बाहर से प्लास्टिक रूप में होती हैं और डैमेज होने से बचाने में यूज होती है।

• Jacket के बारे में परिचय-

आपको बता दे की जो ऑप्टिकल फाइबर केबल होती है। उसके बाहरी भाग को Jacket कहा जाता है। इसका वर्क केवल कोर, क्लैडिंग व बफर को सिक्योरिटी प्रोवाइड करना होता है। यहां पॉलीमर से निर्मित होता है।

• Buffer के बारे में परिचय-

बफर की बात तो यहां एक तरह से नमी वाला पदार्थ है। यहां Cladding के चारों ओर लपटी होती है। इसका मूल उद्देश्य कोर, क्लैडिंग को लचीलापन मतलब फ्लैक्सिबिलिटी प्रोवाइड करना और यहां सिलिकॉन रबर निर्मित होती है।

 

Optical Fibre के उपयोग कहां होते हैं?

1. ऑप्टिकल फाइबर का उपयोग मेडिकल फील्ड में भी होता है जैसे- बायोमेडिकल लेजर, माइक्रोस्कोप लेजर, सर्जिकल लेजर और एंडोस्कोप लेजर इत्यादि मेडिकल डिवाइस।
2. ऑप्टिकल फाइबर का उपयोग एयर फोर्स एवं सेना के माध्यम से डाटा ट्रांसफर करने में भी होता है।
3. ऑप्टिकल फाइबर का यूज MRI मशीन में भी होता है।
4. क्रिसमस ट्री को सजाने में भी ऑप्टिकल फाइबर उपयोग होता है।
5. इंटरनेट, टेलीविजन एवं स्मार्टफोन जैसी दूरसंचार फील्ड में भी ऑप्टिकल फाइबर का मुख्य रूप से उपयोग होता है।

 

Optical Fibre के फायदे क्या होते हैं?

1. ऑप्टिकल फाइबर बहुत ही लाइट विजिट में अवेलेबल होता है इसका वजन हल्का और आकार में भी पतला होता है।
2. ऑप्टिकल फाइबर डाटा प्रोटेक्शन में भी बड़ी हेल्प करता है डाटा को नुकसान पहुंचाने से रोकता है।
3. ये बहुत दूर तक डाटा को ट्रांसफर करने में अहम भूमिका निभाता है।
4. ऑप्टिकल फाइबर बहुत ही तीव्रता से डाटा और सूचनाओं को ट्रांसफर करने में बड़ा सफल रहा है।
5. इसमें किसी भी प्रकार का शॉर्ट सर्किट नहीं होता है क्योंकि इसमें इलेक्ट्रिसिटी की जगह प्रकाश का उपयोग होता है।
6. ऑप्टिकल फाइबर 100 Mbps से 200 Gbps तक कि बैंडविथ की क्षमता प्रोवाइड करने में सक्षम है।

 

Optical Fibre की हानियां क्या है?

1. ऑप्टिकल फाइबर अगर कभी डैमेज हो जाता है तो इसको रिपेयर करना बहुत ही कठिनाई भरा होता है।
2. ऑप्टिकल फाइबर कॉपर केबल के मुकाबले बहुत ही महंगा होता है।
3. ऑप्टिकल फाइबर द्वारा जो सिगनल्स हासिल होते हैं उनको पढ़ने के लिए विशेष कुछ एक्सपेंसिव डिवाइस को काम में लाना पड़ता है।
4. ऑप्टिकल फाइबर कॉपर केबल की तुलना में बहुत ही नाजुक होता है इसलिए इसको इंस्टॉल करने पर सावधानी का पूरा ख्याल रखना पड़ता है।
5. ऑप्टिकल फाइबर का उपयोग मुख्यतः जहां अत्यधिक वोल्टेज प्राप्त होते हैं वहीं पर इसका उपयोग किया जा सकता है।

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निष्कर्ष –

हमें आशा है कि आपको Optical Fibre से संबंधित सभी जानकारियां पसंद जरूर आई होगी।
Optical Fibre के बारे में हमने अपनी तरफ से आपको आसान से आसान शब्दों में समझाने की पूरी कोशिश करी है अगर फिर भी आपके मन में किसी भी तरह का कोई प्रश्न है तो आप निसंकोच होकर Comment करके पूछ सकते हैं। इस आर्टिकल को अपने दोस्तों, परिवार वालों के साथ शेयर करना ना भूले।
“Thanks”

 

कुछ FAQ-

Q.1 ऑप्टिकल फाइबर का मतलब क्या होता है?
Ans. ऑप्टिकल फाइबर जो की एक ऐसा तार होता है जो डाटा को बिल्कुल प्रकाश की स्पीड से भेजने में माहिर है। Optical Fibre बहुत ही विचित्र तरह का फाइबर होता है क्योंकि इसमें जो फाइबर होते हैं। वह बिल्कुल हमारे बाल के साइज में पाए जाते हैं।

Q.2 ऑप्टिकल फाइबर का प्रयोग कहाँ होता है?
Ans. ऑप्टिकल फाइबर का उपयोग एयर फोर्स एवं सेना के माध्यम से डाटा ट्रांसफर करने में भी होता है।

Q.3 ऑप्टिकल फाइबर केबल के जनक कौन है?
Ans. ऑप्टिकल फाइबर केबल के जनक भारतीय वैज्ञानिक हैं और जिनका नाम “नरेंद्र सिंह कपानी” है। सन 1953 में इन्होंने इस अनमोल चीज का आविष्कार किया था। उस वक्त ये ऑप्टिकल फाइबर के बंडल का निर्माण करने में सफल हुए।

 

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