दोस्तों,आज का समय बहुत ही बदल चुका है। वर्तमान युग में बहुत सारी unique चीजें available है। जो कि पुराने समय में मौजूद नहीं थी और उस समय इंटरनेट का ज्यादा Use नहीं होता था पर कहते हैं कि बदलाव बहुत जरूरी है। बदलाव ही हमें नई नई चीजें सिखाता है। नए नए अनुभवों को समझाता है। आज हम आपको इस Artical के माध्यम से एक कामयाब विषय के बारे में जानकारी बताना चाहते हैं।
जिसका नाम POS है इसको POS Machine भी कहते है। POS क्या है? चलिए दोस्तों इससे संबंधित ओर भी बहुत सी जानकारियां नीचे विस्तार से जानते हैं-
POS क्या है? POS Machine को कैसे बनाया जाता है? इसके प्रकार, कैसे कार्य करती है, कार्य विधि, लाभ और नुकसान बताये।
विषय-सूची
POS क्या है?
POS जिसका फुल फॉर्म “Point of Sale” और इसका हिंदी मतलब “बिक्री केन्द्र” है। यहां एक कंप्यूटराइज्ड मशीन है इसका अक्सर उपयोग कैश रजिस्टर की जगह होता है। POS Machine के माध्यम से ट्रांजैक्शन करना तो सरल है वहीं पेमेंट करने की स्लीप भी प्राप्त होती है। आज प्रजेंट समय में सभी जगहों पर इसका इस्तेमाल किया जाता है जैसे- पेट्रोल पंप, जनरल स्टोर, मॉल इत्यादि। इस मशीन का कार्य डेबिट/क्रेडिट कार्ड को पढ़ना, खरीदी की पुष्टि करना और ग्राहक को सामान की रसीद देने का होता है। आज इंटरनेट के युग में कस्टमर उसी दुकान पर जाना पसंद करेगा जहां पर POS Machine का यूज होता है। जिस वजह से ही मार्केट में POS डिवाइस को अपने स्टोर के बाहर रखा जाता है। ताकि जिससे ग्राहक को पता चले कि इस स्टोर पर भी POS Machine जैसी सर्विस अवेलेबल है। आज डिजिटल इंडिया में इतना ग्रोथ होता जा रहा है। POS Machine भी डिजिटल इंडिया में ग्रोथ का एक अहम हिस्सा है। इसके द्वारा खरीदारी करना कस्टमर के लिए आसन होता हैं।
दूसरे शब्दों में जाने तो – POS Machine जो एक ऐसी मशीन है इसके उपयोग से कोई भी कस्टमर बिना कैश के पेमेंट करें खरीदारी कर सकता है। इतना ही नहीं उस व्यक्ति को दुकानदार के द्वारा एक पेमेंट रिसिप्ट भी प्रोवाइड की जाती हैं जो की POS Machine के उपयोग से ही संभव है। दिनों दिन इसका उपयोग निरंतर बढ़ता जा रहा है। ज्यादातर इसको सुपर मार्केट, मॉल, दुकानों पर देखा जा सकता है। आज वह जमाना चल रहा है जहां लोग कैशलेस पेमेंट को अधिक महत्व देते हैं। POS Machine को POS टर्मिनल नाम से भी जानते हैं।
POS Machine को कैसे बनाया जाता है?
POS Machine को बनाने में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि यहां एक कम्प्यूटराइज्ड मशीन है इसमें हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों का सहयोग होता है। पूर्व समय में व्यापारिक संस्था में काफी सारी भीड़ देखने को मिलती थी पर POS Machine ने इस परेशानी को सरल किया और फिर हर टाइप के हिसाब किताब में भी शीघ्रता होने लगी। अब तुरंत और कम समय में स्लीप प्रदान कर दी जाती है जिसको सरल शब्दों में बिल कहते हैं।
POS Machine के महत्वपूर्ण कॉम्पोनेंट्स जैसे- तो अपने ऊपर जाना है कि इसके लिए मुख्य रूप से दो कॉम्पोनेंट्स जरूरी होते हैं जिसे सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर कहते हैं। जिनके बारे में हम और भी डिटेल में नीचे विस्तार से जानेंगे-
1. Software –
POS Machine में आप सिंपली डेबिट कार्ड का भी यूज किया जा सकता है और इसमें सभी जानकारियां जो की कस्टमर की खरीदी से संबंधित होती है वह भी मिल जाती हैं। ग्राहकों को खरीदी की स्लीप प्रोवाइड कराई जाती हैं इन सभी कामों में सॉफ्टवेयर की अहम भागीदारी है। सॉफ्टवेयर का कार्य इतना आगे तक है कि यहां ग्राहकों द्वारा पेमेंट दुकानदार के पास की जाती है तो पेमेंट डायरेक्ट उनके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर होती है। इसमें हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत होती है। सॉफ्टवेयर के द्वारा वे सभी कार्य मुमकिन है जिनको सोच एवं समझ पाना मुश्किल है जैसे- हर पॉस मशीन कार्ड से भुगतान स्वीकार करना, खरीदे गए सामान की पूरी जानकारी रखना, ग्राहकों को खरिदी पर्ची देना आदि कार्यों में बहुत इंपॉर्टेंट है।
2. Hardware –
हार्डवेयर हम उसको कह सकते हैं जिसको हम छू सकते हैं। हार्डवेयर दैनिक जीवन में बहुत उपयोग होते हैं जैसे की कंप्यूटर मॉनिटर, सीपीयू इत्यादि यह सभी मशीनरी हार्डवेयर में शामिल है। वैसे ही POS Machine में भी हार्डवेयर बहुत महत्वपूर्ण होता है। POS Machine में स्वाइप मशीन के अतिरिक्त एक छोटी सी स्क्रीन यानी की डिस्प्ले होती है। जिसमें कस्टमर की बैंक अकाउंट डिटेल और सामान की सारी लिस्ट दिखाई देती है। जिसकी मदद से ही कस्टमर को स्लीप दी जाती है। POS Machine आज की जरूरत के अनुसार ही विभिन्न विभिन्न उपकरणों से मिलकर निर्मित है। एक POS सिस्टम को तैयार करने के लिए कुछ डिवाइस बहुत ही जरूरी होते हैं जैसे की Monitor/Touch Screen, Drawer, Printer, Barcode Reader, Card Machine, Network Devices.
POS Machine के प्रकार बताईये।
POS Machine के विभिन्न प्रकार होते हैं। पर कुछ प्रकारों के बारे में नीचे दर्शाया गया है। दोस्तों POS Machine आज के टाइम पर इतना उपयोगी है कि अलग-अलग स्थान पर अलग-अलग टाइप में होते हैं चलिए निम्न मध्यम से जानते हैं-
1. Retail POS System –
Retail POS System यहां सिस्टम खुदरा व्यापार में काम आता है। इस टाइप की मशीन केवल और केवल खुदरा व्यापार की जरूरत को पूरा करने के लिए ही विकसित की गई है।
2. Small Business POS Systems –
Small Business POS Systems को छोटे व्यापारियों के लिए ही विकसित किया गया है जैसे की चाय की स्टोर, कॉफी शॉप, बुटीक, स्मॉल किराना स्टोर इत्यादि। इन बिजनेस में ज्यादा कानूनी और वृत्तीय रखरखाव की जरूरत नहीं पड़ती है। मोबाइल ऐप के माध्यम से भी काम चलाया जा सकता है।
3. Cloud POS System –
Cloud POS System बहुत ही अच्छा सिस्टम होता है क्योंकि इसमें सॉफ्टवेयर अपडेट, रख रखाव या नए फीचर्स जैसी कोई समस्या नहीं आती है। सिस्टम में इंटरनेट की जरूरत होती है इंटरनेट के माध्यम से ही सर्विस उपलब्ध होती है। जिसको बिना रुके 24 घंटे एक्सेस किए जा सकता है। इस टाइप के है पोस्टर सिस्टम से कैसा है लाभ होते हैं जैसे कि यह हर जगह उपलब्ध, सस्ता, चलाने में आसान, कस्टमर सेवा,नए फीचर्स और अपडेट्स etc.
4. Restaurant POS System –
Restaurant POS System रेस्टोरेंट या फिर होटल के लिए ही विकसित किया गया है। इनमें ऐसी कैपेसिटी होती है कि यह कई टाइप के कार्य को करने में सक्षम होते हैं जैसे-Card Payments, Receipts, Inventory Management, Kitchen Orders, Food Costs etc. इनको एक अलग नाम से जाना जाता है अर्थात रेस्टोरेंट मैनेजमेंट सिस्टम भी कहते हैं।
5. Mobile POS System –
Mobile POS System जिसको mPos नाम से भी जानते हैं इसका फुल फॉर्म “मोबाइल पॉइंट ऑफ़ सेल” होता है। ऐसा सिस्टम केवल मोबाइल पर ही आधारित होता है। आजकल स्मार्टफोन का दौर चल रहा है तो स्मार्टफोन के द्वारा यहां सिस्टम संभव है। इसके द्वारा भी कई सारे लाभ होते हैं जैसे यहां सस्ता और लचीला होता है। जिसको कहीं भी लेकर ब्राउज़र या एक के द्वारा एक्सेस करना आसान होता है।
POS Machine कैसे कार्य करती है?/कार्य विधि क्या है?
POS Machine के कार्य के बारे में जाने तो-
1. सेटअप नॉलेज-
सेटअप नॉलेज वहां नॉलेज है जो व्यापार और प्रकृति की जरूरत पर निर्भर करता है। आपको उसके अनुरूप रहकर ही एक POS सिस्टम सेट करना चाहिए। आपको हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर दोनों की जानकारियां होनी चाहिए।
2. प्रोग्रामिंग नॉलेज-
प्रोग्रामिंग नॉलेज में वहां नॉलेज आता है जिसमें आपको व्यापार के आधार पर चलना है साथ में इस टाइप के POS सिस्टम का सेटअप करने के लिए कुछ सॉफ्टवेयर प्रोवाइडर भी आपकी हेल्प कर सकते हैं।
3. पेमेंट नॉलेज-
यहां नॉलेज हर एक व्यापारी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है क्रेडिट कार्ड डेबिट कार्ड है या इलेक्ट्रॉनिक तरीके से पेमेंट लेने के लिए मर्चेंट अकाउंट जरूरी होता है तो आप अगर अपना एक सिस्टम तैयार करना चाहते हैं तो इन बातों का ख्याल जरूर रखें।
4. इंस्टॉलेशन नॉलेज-
इंस्टॉलेशन नॉलेज बहुत इंपोर्टेंट होता है। सिस्टम को सही तरीके से चलने के लिए सभी डिवाइस का सही जगह पर जोड़ने की सभी जानकारियां होनी चाहिए। आप अगर ज्यादा ही कंफ्यूज होते हैं तो सिस्टम प्रोवाइड की भी हेल्प ले सकते हैं। सिस्टम सही कनेक्ट नहीं होने से कभी टेक्नोलॉजी एरर भी आने लगता है।
5. ट्रेनिंग नॉलेज-
ट्रेनिंग नॉलेज एक ऐसा नॉलेज है कि इसमें आपको खुद को ही ट्रेनिंग लेनी पड़ेगी। कभी-कभी होता क्या है कि नहीं फीचर्स या अपडेट्स आते हैं या फिर सरकार के कुछ नियम भी बदलते रहते हैं तो इसके चलते आपको ट्रेनिंग भी प्रैक्टिकल रूप में लेते रहना है।
POS Machine के लाभ क्या है?
POS Machine के कुछ लाभ-
• POS Machine के लाभ में एक यहां सबसे बड़ा लाभ होता है कि इसमें फ्रॉड या धोखाधड़ी जैसा मामला नहीं होता है।
• POS Machine के आप पेमेंट करने पर जो पैसे खर्च होते हैं उनका हिसाब किताब में नहीं रखना पड़ता है पूरा स्टेटमेंट बैंक में डायरेक्ट ही रिकॉर्ड होता जाता है।
• कई जगह पर खुले पैसे की प्रॉब्लम होती हैं इस प्रॉब्लम को भी POS Machine से दूर किया जा सकता है।
POS Machine के नुकसान क्या है?
POS Machine के कुछ नुकसान-
• POS Machine से पेमेंट करते वक्त आपको सावधानी बरतनी चाहिए एक छोटी सी चूक बड़ा कारण बन सकती है।
• वैसे तो POS Machine सर्विस फ्री उपलब्ध होती है पर बहुत सारी जगह ऊपर कुछ दुकानदार POS कस्टमर से एक्स्ट्रा चार्ज भी लगते हैं।
• POS Machine का उपयोग करने के लिए आपको बैंक अकाउंट की जरूरत पड़ती है और वही डेबिट कार्ड भी जरूरी होता है।
यहां भी जानें- Xerox Machine क्या है? इसके प्रकार, फायदे और कार्यविधि बताये।
सारांश-
दोस्तों इस आर्टिकल की मदद से आप जान गए होंगे कि POS क्या है? आशा करता हूं कि आपको सभी जानकारी पसंद जरूर आई होगी। इन सभी जानकारियों को अपने Friends, Family के साथ जरूर शेयर करें और आपका अगर कोई सा भी कन्फ्यूजन हो तो Comment करके निसंकोच पूछ सकते हैं।
Thank you
कुछ FAQ-
Q.1 POS का मतलब क्या है?
Ans. POS जिसका फुल फॉर्म “Point of Sale” और इसका हिंदी मतलब “बिक्री केन्द्र” है। यहां एक कम्प्यूटराइज्ड मशीन है इसका अक्सर उपयोग कैश रजिस्टर की जगह होता है। POS Machine के माध्यम से ट्रांजैक्शन करना तो सरल है वहीं पेमेंट करने की स्लीप भी प्राप्त होती है।
Q.2 POS Machine से क्या लाभ है?
Ans. POS Machine के लाभ में एक यहां सबसे बड़ा लाभ होता है कि इसमें फ्रॉड या धोखाधड़ी जैसा मामला नहीं होता है।
नमस्कार दोस्तों,
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