हेलो फ्रेंड्स आज के आर्टिकल में हम IP Address क्या है? के बारे में चर्चा करेंगे वैसे आज इंटरनेट का दौर है तो हर जानकारी कुछ ही सेकंड में मिल जाती है। आज इंटरनेट से सब कुछ हो सकता है जो कार्य पहले नामुमकिन लगते थे वह आज मुमकिन हो सकते हैं आज की विषय में हम इंटरनेट से रिलेटेड बात करने वाले आपने कभी दोस्तों ipv4 व ipv6 के बारे में तो सुना जरूर होगा। तब आपके मन में प्रश्न जरूर आया होगा कि आखिर यहां होता क्या है तो दोस्तों इस आर्टिकल में हम IP Address क्या है और साथ में यह भी जानने की कोशिश करेंगे की ipv4 व ipv6 में क्या अंतर है तो चलिए दोस्तों बिना देर करें आसान से आसान शब्दों में जानते हैं-
आईपी एड्रेस क्या है? सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में-
विषय-सूची
IP Address क्या है?
IP Address जिसका फुल फॉर्म “Internet Protocol Address” होता है। IP Address एक तरफ से नियमों का सेट या समूह होता है। इसका कार्य नेटवर्क के माध्यम से डिवाइस के बीच कम्युनिकेशन को कंट्रोल करना। अर्थात पहले यहां नेटवर्क पर डिवाइस की पहचान करता है। इसके बाद डाटा को उनके बीच सेंड या रिसीव करता है। जब कभी भी कंप्यूटर के द्वारा डाटा को भेजा जाता है तो वहां उस डाटा को छोटे-छोटे टुकड़ों में डिवाइड कर देता है जिसको पैकेट कहा जाता है। पैकेट के द्वारा यहां सुनिश्चित हो जाता है कि पैकेट सही स्थान पर या सही आईपी एड्रेस पर जा रहा है क्योंकि प्रत्येक पैकेट में आईपी इंफॉर्मेशन ऐड होती है। IP Address को आईपी नंबर या इंटरनेट एड्रेस के नाम से भी जाना जाता है।
ipv4 क्या है?
ipv4 यहां आईपी का सबसे पहला वर्जन था। इसको सन 1983 में प्रथम बार ARPANET के द्वारा यूज में लिया गया था। आज ज्यादा तार इसी का ही इस्तेमाल किया जाता है। दोस्तों ipv4, 32-Bit का होता है। इसमें मैक्सिमम 4.3 बिलियन यूनिक IP एड्रेस शामिल होते हैं। इसके हर एक सेट में 8 Bit का यूज होता है। इसकी रेंज मैक्सिमम 0 से 255 तक है। इसका खास उपयोग नेटवर्क पर डिवाइस की पहचान करने के लिए किया जाता है मतलब यहां एड्रेसिंग सिस्टम का यूज करके नेटवर्क पर डिवाइस की आइडेंटिटी करता है। अभी वर्तमान के नेटवर्क में 94% के आसपास इसी का ही यूज किया जाता है।
ipv6 क्या है?
ipv6 आईपी का छेटे नंबर का तथा बहुत ही लेटेस्ट वर्जन है। ipv6 मुख्य रूप से 128-Bit का होता है। इसको सन 1995 में इंटरनेट इंजीनियरिंग टास्क फोर्स द्वारा डेवलप किया गया था। इसको डेवलप करने का मूल उद्देश्य ipv4 की कमी को पूरा करना है। अधिक से अधिक आईपी एड्रेस की आवश्यकता को कंप्लीट करने के लिए इसको डेवलप किया गया। आने वाले फ्यूचर में यहां बहुत ही मददगार साबित होगा क्योंकि दोस्तों दिन-प्रतिदिन निरंतर इंटरनेट का उपयोग बढ़ता जा रहा है और ऐसे में आईपी एड्रेस की आवश्यकता भी बढ़ती जाएगी। इसमें मैक्सिमम 340 Trillion यूनिक IP एड्रेस शामिल होते हैं।
ipv4 व ipv6 में क्या अंतर है?
ipv4 व ipv6 में कुछ अंतर इस प्रकार है-
• ipv4 में 32 बीट का यूज होता है तो वही ipv6 में 128 बीट का यूज किया जाता है।
• ipv4 में विशेष रूप से का नंबर और Dot उपयोग होता है तो वही ipv6 में नंबर, Hexadecimal Number और Colon का उपयोग किया जाता है।
• ipv4 में सिक्योरिटी जैसी कोई चीज नहीं होती है तो वहीं बात अगर ipv6 करें तो इसमें सिक्योरिटी में IPsec का सपोर्ट मिलता है।
• ipv4 में मल्टीकास्ट के लिए Class D का इस्तेमाल जबकि इसके विपरीत ipv6 में डेडिकेटेड मल्टीकास्ट एड्रेस Range का इस्तेमाल होता है।
• ipv4 मात्र 4 बिलीयन यूनिक एड्रेस को ही जनरेट कर सकता है तो वही ipv6 मैक्सिमम 340 ट्रिलियन यूनिक एड्रेस को जनरेट कर सकता है
• ipv4 12 हेडर फील्ड प्रोवाइड करने की क्षमता रखता है जबकि ipv6 8 हेडर फील्ड ही प्रोवाइड करता है।
• ipv4 में checksum field अवेलेबल है किंतु इसके विपरीत ipv6 में checksum field अवेलेबल नहीं है।
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निष्कर्ष –
हमें आशा ही कि आपको IP Address क्या है तथा ipv4 व ipv6 में अंतर लगभग सभी जानकारियां पसंद जरूर आई होगी अगर फिर भी आपके मन में किसी भी तरह का कोई प्रश्न है तो आप निसंकोच होकर Comment करके पूछ सकते हैं एवं इस आर्टिकल को अपने दोस्तों, परिवार वालों के साथ शेयर करना ना भूले।
“Thanks”
कुछ FAQ-
Q.1 IP Address क्या होता है?
Ans. IP Address जिसका फुल फॉर्म “Internet Protocol Address” होता है। IP Address एक तरफ से नियमों का सेट या समूह होता है। इसका कार्य नेटवर्क के माध्यम से डिवाइस के बीच कम्युनिकेशन को कंट्रोल करना। अर्थात पहले यहां नेटवर्क पर डिवाइस की पहचान करता है। इसके बाद डाटा को उनके बीच सेंड या रिसीव करता है।
Q.2 ipv6 कितने bit का होता है?
Ans. ipv6 मुख्य रूप से 128-Bit का होता है।
Q.3 ipv4 कितने bit का होता है?
Ans. ipv4 मुख्य रूप से 32-Bit का होता है।
नमस्कार दोस्तों,
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