आज बहुत ही परिवर्तन हो चुका है। आजकल ऑफलाइन बिजनेस ऑनलाइन आ चुका है जिससे सभी लोगों का काफी सारा प्रॉफिट भी होता है। ऑनलाइन बिजनेस बहुत ही अच्छा माध्यम आज के प्रेजेंट समय में बन चुका है। दोस्तों कहां जाता है कि अगर आपका बिजनेस ऑफलाइन है तो वहां इतना लाभकारी नहीं है जितना ऑनलाइन है। हम सभी जानते हैं कि आजकल ऑनलाइन बिजनेस के द्वारा कई ऐसे लोग जो घर बैठे लाखों की कमाई कर रहे हैं। हम बात करें कुछ उदाहरण की जैसे अमेजॉन और फ्लिपकार्ट यह बहुत ही अच्छे उदाहरण है ऑनलाइन बिजनेस के। इनका एक्सपेरिमेंट इतना सफल हुआ कि आज इन्होंने अपना एक फ्यूचर सेट कर लिया है। आज और भी बहुत से उदाहरण है जिनका एक्सपेरिमेंट E-commerce में Business बनाने में सफल रहा। आज के मॉर्डन जमाने में E-commerce दिनों दिन अपनी छाप छोड़ रहा है। पर यहां इतना आसान नहीं है जितना सोचा जाए क्योंकि E-commerce में बिजनेस करना बहुत हार्ड है। कई ऐसे ऐसे इंर्पोटेंट स्टेप्स होते हैं। जिनको निरंतर फॉलो करने के बाद ही इसमें महारत हासिल किया जा सकता है। आज के आर्टिकल में हम यह जानेंगे कि आखिर कैसे किन स्टेप्स को फॉलो करके हम E-commerce में Business कर सकते हैं। चलिए दोस्तों जल्द से जल्द ओर अधिक जानकारियां नीचे विस्तार से जानते हैं।
E-commerce में बिज़नेस कैसे शीरू करें? हिंदी में
विषय-सूची
E-commerce में Business कैसे शुरू करें?
E-commerce में Business स्टार्ट करना सिंपल नहीं है यहां दोस्तों आपको कई सारे हार्ड वर्क और इंर्पोटेंट स्टेप्स को फॉलो करना होता है जिसके बाद ही आप एक सक्सेसफुल ई-कॉमर्स बिज़नेस खड़ा कर सकते हैं। कुछ इंपॉर्टेंट जानकारियां नीचे दी गई है जिनको अवश्य फॉलो करें-
Step 1. एक आदर्श व्यवसाय योजना और मॉडल की तैयारियां –
सबसे पहले आपको दोस्तों अपने बिजनेस और मॉडल के बारे में अच्छे से विचार करके सोच लेना है। सभी बारीक से बारीक जानकारी को बटोर लेना है। आपको पूरी प्लानिंग के साथ E-commerce बिजनेस में उतरना चाहिए। दोस्तों बिजनेस मॉडल की बात करें तो इसमें दो ऑप्शन होते हैं। पहला single vendor और दूसरा ऑप्शन multi vendor इन दोनों ऑप्शन में से आप किसी भी एक ऑप्शन को अपने बजट के अनुसार ही चुने।
1. single vendor के बारे में- दोस्तों अगर आपका बजट अगर कम आ रहा है तो आपके लिए यह single vendor मार्केटप्लेस ऑप्शन बहुत ही बढ़िया है। बस इसमें आप केवल अपने एक ही प्रोडक्ट या फिर सर्विस को E-commerce साइट पर बेच सकते हैं।
इसके कुछ लाभ भी है जैसे-
• इसमें Administrative cost बहुत ही काम होता है।
• साथ में पूरा कंट्रोल आप अपने हाथ में रख सकते हैं।
• इसमें आप अपने द्वारा बनाए गए प्रोडक्ट को बेच सकते हैं।
• इसमें आप अपने हिसाब से मार्जिन को ले सकते हैं क्योंकि इसमें प्रोडक्ट आपका ही होता है।
2. multi vendor के बारे में- multi vendor में बहुत तरह की सर्विस तथा कई तरह के प्रोडक्ट्स एक ही साइट पर बेचे जाते हैं।
इसके कुछ लाभ भी है जैसे-
• multi vendor में बड़े टाइप के प्लेटफार्म अवेलेबल होते हैं। जिस वजह से प्रॉफिट में भी बढ़ावा मिलता है।
• साथ में लोगों को अपनी जरूरत की चीजें एक ही प्लेटफार्म पर बिना किसी परेशानी के मिल जाती हैं। जिस वजह से कस्टमर का एक्सपीरियंस बढ़ता है।
• दोस्तों अगर बाई चांस आपका सप्लायर किसी कारण से अगर अनेबल होता है तो दूसरा सप्लायर कस्टमर को अपने प्रोडक्ट बेंच सकता है। इससे कस्टमर का भरोसा बना रहता है।
Step 2. अपने बिजनेस को ब्रांड में कैसे बदले-
दोस्तों अगर आपने प्लानिंग कर ली है की आपको किस टाइप का मॉडल का कॉमर्स बिज़नेस क्रिएट करना है। साथ में आपने अगर प्रोडक्ट्स और सेलर्स की लिस्ट को तैयार कर लिया है तो अब केवल बिजनेसमैन चुनने की जरूरत है। बिजनेसमैन को चुनने से पहले आपको कुछ बातों का सावधानी पूर्वक ध्यान रखना होगा।
• सबसे पहले आपको एक ब्रांड का नाम चूस करना है।
• ब्रांड का नाम चुनने से पहले यहां ध्यान जरूर रखें कि नाम छोटा होना चाहिए ज्यादा बड़ा नहीं।
• ब्रांड नाम बिल्कुल यूनिक होना चाहिए।
• ब्रांड नाम का कोई सी भी लैंग्वेज में या फिर कोई सा गलत मतलब नहीं निकलना चाहिए।
• ब्रांड नाम को चुनने के बाद आप एक लोगो डिजाइन भी चुस कर सकते हैं।
Step 3. कंपनी का टाइप कैसे चुनें-
1. Sole proprietorship (एकल स्वामित्व)
2. One person company
3. limited liability partnership जिसको शॉर्ट फॉर्म में LLP कहा जाता है।
4. private limited company
इन चार ऑप्शन में से आप अपने कंपनी का टाइप चुन सकते हैं। आप अगर एक इंडिपेंडेंटली कंपनी की सोच रहे हैं या फिर पार्टनर्स के साथ वर्क की सोच रहे हैं। आप इसका चुनाव जरूर करें। यहां बहुत ही महत्वपूर्ण है होता है कि आप कंपनी का कौन सा टाइप चुनते हैं। आप अगर दोस्तों मूल रूप से कॉरपोरेट या पार्टनरशिप बेस्ट स्ट्रक्चर को चुनते हैं तो इसके लिए टैक्स आईडी नंबर की आवश्यकता पड़ती है। इतना ही नहीं आपको टैक्स फाइल रिटर्न की भी जरूरत पड़ती है इसलिए इन बातों का विशेष ध्यान रखें। इन टाइप के बिजनेस में आपको Employer Identification Number (EIN) लेने की आवश्यकता होती है। इसके पश्चात ही आप एक बिजनेस बैंक अकाउंट ओपन करवा सकते हैं। जिसके द्वारा आप फाइनेंशियल ईयर में बिजनेस टैक्स भर सकते हैं और अगर आप Sole proprietorship (एकल स्वामित्व) टाइप को चुनते हैं तो इसके लिए टैक्स आईडी नंबर महत्व नहीं रखता है। इसमें आप अपने सोशल सिक्योरिटी नंबर का उपयोग कर सकते हैं।
नमस्कार दोस्तों,
मेरा नाम Nik Vishwakarma है, सबसे पहले तो आप सभी का यहाँ पर स्वागत है। मै इस Blog का Founder हूँ और ये gyanmaala.com का पेज है। मै आप सभी के लिए यहाँ Internet और Technology से संबंधित Unique एवं Informative जानकारियां शेयर करता रहता हूँ …