यूटिलिटी सॉफ्टवेयर- परिभाषा, प्रकार, फायदे, प्रसिद्ध यूटिलिटी सॉफ्टवेयर के नाम बताये। हिंदी मे-

आज के आर्टिकल में हम Utility Software के बारे में कुछ खास चर्चा करने वाले हैं। आज कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनको इस विषय के बारे में जानकारियां नहीं है। आज ऐसा समय चल रहा है जिसमें कोई भी चीज कब काम में आ जाए इसका किसी को कोई मालूम नहीं है। कोई भी चीज फालतू नहीं होती है। यहां ऐसा विषय है जिसके बारे में आज की जनरेशन को जरूर मालूम होना चाहिए तो चलिए दोस्तों बिना वक्त गंवाए Utility Software से रिलेटेड सभी महत्वपूर्ण जानकारियां नीचे विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं-

 

Utility Software क्या है?

Utility Software जिसको Utility Programs के नाम से भी जाना जाता है। यह बहुत ही छोटे-छोटे सॉफ्टवेयर के रूप में होते हैं जो कंप्यूटर की वर्किंग कैपेसिटी को बढ़ाने में सहायक होते हैं। मतलब इनके द्वारा कंप्यूटर को यूज करना और भी आसान होता है। इनको एक तरह से सर्विस प्रोग्राम भी कहा जाता है। इनका खास कार्य कंप्यूटर को मेंटेन रखने का ही होता है। यूटिलिटी सॉफ्टवेयर कोई से भी कंप्यूटर को एनालाइज करने में माहिर होते हैं। बेहतर तरीके से ऑप्टिमाइज करके यूजर को एक बेस्ट एक्सपीरियंस प्रोवाइड करते हैं। यूटिलिटी सॉफ्टवेयर भिन्न-भिन्न टाइप के होते हैं और उनके कार्य करने की क्षमता भी यूनिक होती हैं। हाई क्वालिटी वाले यूटिलिटी सॉफ्टवेयर लो क्वालिटी वाले से कई गुना अच्छा एक्सपीरियंस देते हैं। ये कई टाइप के कार्यों को कर सकते हैं। कुछ तरह के यूटिलिटी सॉफ्टवेयर तो ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ में आते हैं परंतु कुछ थर्ड पार्टी डेवलपर द्वारा क्रिएट किए जाते हैं। इनको इस विशेष प्रयोजन से बनाया जाता है कि कंप्यूटर अपना काम अच्छे से कर सके। इनके कुछ उदाहरण जैसे- antivirus, backup, disk repair, file management, security, और networking programs etc.

 

Utility Software के प्रकार क्या है?

Utility Software कई टाइप के होते हैं लेकिन कुछ महत्वपूर्ण प्रकारों के बारे में निम्नलिखित जानकारी दी गई है चलिए जानते हैं-

1. File Management Programs-

फाइल मैनेजमेंट प्रोग्राम्स के द्वारा कंप्यूटर में जितने भी फाइल्स होते हैं उनका मैनेजमेंट किया जाता है। अक्सर कंप्यूटर के अंतर्गत बहुत अधिक और अलग-अलग टाइप में डेटा सेव रहता है इस डेटा को मैनेज केवल फाइल मैनेजमेंट प्रोग्राम के द्वारा ही किया जा सकता है।

2. File Compression Programs-

फाइल कंप्रेशन प्रोग्राम्स के द्वारा फाइल के साइज को कम किया जाता है। जिससे की यूजर अधिक से अधिक स्टोरेज स्पेस को बचा सके। जिसके बाद यूजर ज्यादा डाटा को कंप्यूटर में ऐड कर सकता है। इसे एक फायदा यहां भी होता है कि जब फाइल का वास्तविक साइज काम होता है तब वायरस का खतरा भी न के बराबर रहता है। विशेष रूप से डेटा के कंप्रेशन के लिए यह प्रोग्राम्स स्पेशल टेक्नोलॉजी और विभिन्न फाइल एक्सटेंशन जैसे- .zip या .zipx, .rar का यूज करते हैं।

3. Backup and Recovery Tools-

दोस्तों कंप्यूटर में जो भी डाटा होता है वहां इलेक्ट्रॉनिक रूप में सेव होता है। और कभी-कभी हमारी लापरवाही से यह डाटा क्राफ्ट भी हो सकता है लेकिन डेटा का बैकअप लेने के लिए कंप्यूटर में विभिन्न प्रकार के यूटिलिटी सॉफ्टवेयर (Microsoft One Drive, Google Drive, Dropbox आदि) होते हैं जिनकी हेल्प से आप डाटा करप्ट होने पर भी बैकअप ले सकते हैं। मतलब आपका डाटा इंटरनेट डिस पर अवेलेबल हो जाता है वहां से कभी भी बैकअप ले सकते हैं।

Recovery Tools की मदद से आप अपने डिलीट हुए डाटा को फिर से रिसीव कर सकते हैं। इसके उपयोग से आप अपने महत्वपूर्ण डाटा को कभी भी पुनः प्राप्त कर सकते हैं। आप सभी ने Recycle Bin सॉफ्टवेयर का नाम तो जरुर सुना होगा। यहां डाटा की रिकवरी करने में बहुत ही बढ़िया है।

4. Security Programs-

आजकल इंटरनेट का बड़ा दौड़ चल रहा है जिस वजह से हैकिंग की प्रॉब्लम बढ़ती जा रही है। दिनों दिन कोई ना कोई इसका शिकार होता जा रहा है। कंप्यूटर पर इंटरनेट का ज्यादा इस्तेमाल करने से यूजर का डाटा चोरी, वायरस मतलब इन सभी परिस्थितियों का सामना यूजर को करना ही पड़ता है किंतु आज के जमाने में सब कुछ मुमकिन है तो वही डाटा को सिक्योर रखने के भी उपाय है जैसे- Antivirus, Firewall etc यह कंप्यूटर को वायरस से सुरक्षित रखने के साथ-साथ कई सारी सर्विस प्रोवाइड करते हैं।

5. Disk Cleaners and Disk Management Programs-

निरंतर कंप्यूटर के उपयोग से कंप्यूटर में कई टाइप का डाटा निर्मित होता रहता है। यह डाटा मेमोरी में सेव होता है। जिस वजह से यहां सिस्टम की वर्किंग कैपेसिटी पर इफेक्ट डालता है फिर सिस्टम की स्पीड भी स्लो हो जाती है। मतलब कंप्यूटर में ऐसा डाटा जो किसी भी काम का नहीं रहता है वह कंप्यूटर की कार्य क्षमता, गति को प्रभावित करता है। डिस क्लीनर प्रोग्राम का कार्य यही होता है कि जो भी कंप्यूटर में फालतू डाटा बन चुका है उसको हटाया जाएं।

Disk Management का कार्य अवेलेबल डाटा को मैनेज करना होता है। कई टाइप के फैले हुए डाटा को स्टोर करने में डिस्क मैनेजमेंट बहुत सहायक होते हैं। इनके कुछ उदाहरण- Disk Defragmenter, Disk Partition Editor, Disk Space Analyzer आदि।

 

Utility Software के फायदे क्या है?

यूटिलिटी सॉफ्टवेयर के कुछ फायदे-

• यूटिलिटी सॉफ्टवेयर के द्वारा अपने सिस्टम को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकते हैं।
• यूटिलिटी सॉफ्टवेयर के द्वारा आपका कंप्यूटर बहुत फास्ट वर्क करता है।
• यूटिलिटी सॉफ्टवेयर आपका डिवाइस को सिक्योरिटी डिस्क मैनेजमेंट बैकअप इत्यादि जैसी सर्विस प्रोवाइड करते हैं।
• अनुपयोगी डाटा को आप यूटिलिटी सॉफ्टवेयर की हेल्प से क्लीन कर सकते हैं।
• यूटिलिटी सॉफ्टवेयर आपका डिवाइस को डेंजरस वायरस से भी बचाने में बहुत मदद करता है।
• आपके डिवाइस में मौजूद बड़ी फाइलों के साइज को छोटे साइज में चेंज करके सिस्टम को फालतू स्पेस भराने से बचाता है।

 

Utility Software और Applications में क्या-क्या अंतर है?

यूटिलिटी सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशंस में निम्नलिखित कुछ अंतर बताए गए हैं चलिए आसान शब्दों में जानते हैं-

• यूटिलिटी सॉफ्टवेयर विशेष रूप से कंप्यूटर सिस्टम के लिए जाने जाते हैं तो वही एप्लीकेशंस आमतौर पर यूजर की प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए होती है।
• यूटिलिटी सॉफ्टवेयर ऑपरेटिंग सिस्टम के पार्ट्स होते हैं तो वही एप्लीकेशंस ऑपरेटिंग सिस्टम के पार्ट्स नहीं होते हैं।
• यूटिलिटी सॉफ्टवेयर के उदाहरण- screensaver, antivirus etc एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के उदाहरण- Word Processing, Spreadsheet, Presentation, Graphics, CAD/CAM, MS Office etc.
• यूटिलिटी सॉफ्टवेयर छोटे साइज में अवेलेबल हो जाते हैं और यह सिस्टम में काम स्पेस में लोड हो जाते हैं वही एप्लीकेशन बड़े साइज में होते हैं और यह मेमोरी में ज्यादा स्पेस लेते हैं।
• अक्सर यूटिलिटी सॉफ्टवेयर फ्री होते हैं तो वही एप्लीकेशंस paid रूप में अवेलेबल होते हैं।

 

कुछ प्रसिद्ध Utility Software के नाम-

1. CCleaner
2. iolo
3. IObit Advanced SystemCare
4. LSoft Active Partition Manager
5. MiniTool Partition Wizard
6. Antivirus Programs
7. Backup Software
8. DirectX
9. Compression Utilities
10. Cryptography Software
11. Debuggers
12. Disk Checker
13. Memory Tester
14. Network Monitors

➤ यहां भी जानें- Photoshop क्या है? इसके टूल्स व उपयोग और लाभ बताये। हिंदी में-

 

सारांश-

दोस्तों इस आर्टिकल की मदद से आप जान गए होंगे कि Utility Software क्या है? आशा करता हूं कि आपको सभी जानकारी पसंद जरूर आई होगी। इन सभी जानकारियों को अपने Friends, Family के साथ जरूर शेयर करें और आपका अगर कोई सा भी कन्फ्यूजन हो तो Comment करके निसंकोच पूछ सकते हैं।
Thank you

 

कुछ FAQ-

Q.1 Utility Software से आप क्या समझते हैं?
Ans. Utility Software जिसको Utility Programs के नाम से भी जाना जाता है। यह बहुत ही छोटे-छोटे सॉफ्टवेयर के रूप में होते हैं जो कंप्यूटर की वर्किंग कैपेसिटी को बढ़ाने में सहायक होते हैं। मतलब इनके द्वारा कंप्यूटर को यूज करना और भी आसान होता है। इनको एक तरह से सर्विस प्रोग्राम भी कहा जाता है। इनका खास कार्य कंप्यूटर को मेंटेन रखने का ही होता है।

Q.2 Utility Software के उदाहरण कौन कौन से हैं?
Ans. Utility Software के कुछ उदाहरण – Disk Defragmenter, Disk Partition Editor, Disk Space Analyzer आदि।

 

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