URL क्या है यह कैसे काम करता है?

दोस्तों आज के आर्टिकल में हम URL से रिलेटेड संपूर्ण जानकारियों को प्राप्त करने वाले हैं। URL जो इंटरनेट से संबंध रखता है। विशेषकर आधुनिक युग में सभी लोग इंटरनेट का यूज करते हैं। पहले के समय में इंटरनेट की पहुंच नहीं थी परंतु अब जो समय चल रहा है। उसमें लगभग सभी उम्र के लोग इंटरनेट से जुड़े हुए हैं और इसकी सेवाओं का लाभ ले रहे हैं। इंटरनेट जिसने बहुत चीजों को एक आसान तरीके में बदल दिया है। इंटरनेट के द्वारा आप बड़ी से बड़ी प्रॉब्लम के बारे में समाधान आसान से आसान शब्दों में जान सकते हैं क्योंकि ऐसा कोई कार्य नहीं जो इंटरनेट के माध्यम से संभव न हो।

URL भी एक ऐसा साधन है जो आपको बहुत कार्यों में सहायता करता है। URL जिसके बारे में कई लोगों को जानकारी मालूम नहीं है। इस आर्टिकल के माध्यम से आज हम URL क्या है तथा इसकी सभी महत्वपूर्ण जानकारियों को आसान शब्दों में जानने की कोशिश करेंगे तो आइए ओर सीखते हैं-

 

URL क्या है?

URL जो एक तरह से वेबसाइट का एड्रेस होता है। सामान्यता जिसकी मदद से हम इंटरनेट पर किसी वेबसाइट तक पहुंच पाते हैं। इंटरनेट पर मौजूद जितनी भी वेबसाइट या पेज होते हैं। उनकी यूआरएल लिंक यानी कि एड्रेस होता है और जिसके कारण ही हम उस वेबसाइट या वेब पेज पर सही तरीके से पहुंच सकते हैं। यूआरएल लिंक सभी वेबसाइट के समान नहीं होते बिल्कुल यूनिक होते हैं।

सरल शब्दों में समझें तो- यूआरएल की मदद से वेब ब्राउज़र यहां समझ पाता है की आप जो वेबपेज ढूंढ रहे हैं वहां इंटरनेट पर कहां संग्रह है। वैसे तो इंटरनेट पर जो सभी जानकारियां का स्टोर होता है वहां web-server में होता है। वेब ब्राउज़र से हम इंटरनेट पर वेब सर्वर को प्राप्त करते है। (वेब सर्वर में बहुत सारे वेब पेज स्टोर होते हैं), फिर एक वेब पेज या वेबसाइट का रूप आपके डिवाइस में दिखने लग जाता है। आपने यहां एक बात नोटिस जरूर करी होगी इंटरनेट पर बहुत सारी जानकारियां उपलब्ध होती है और जिन जानकारियों को हम सर्च करते हैं आखिर वही जानकारी सटीक रूप से हमें कैसे उपलब्ध होती है।

इसके लिए यूआरएल भागीदार है। यूआरएल ऐसा साधन है जिसकी सहायता से हम इंटरनेट पर अपनी जानकारियों (वेब पेज या वेबसाइट) तक सरलता से पहुंच पाते हैं।

आपको एक उदाहरण के माध्यम से समझाता हूं जैसे- https://gyanmaala.com/ यहां हमारी वेबसाइट का URL है। इस यूआरएल की मदद से ही हम जो जानकारियां चाहते हैं वहां तुरंत और डायरेक्ट हमें मिल जाती है।

अगर यूआरएल ना हो तो, हम जो जानकारियां चाहते हैं या जिस वेबपेज को ओपन करना चाहते हैं। उस जानकारी/वेबपेज तक पहुंच पाना मुश्किल हो जाता है क्योंकि इंटरनेट पर बहुत सारी जानकारियों का भंडार है। इन जानकारियों के भंडार में से यूआरएल हमें वही चीज देता है जिसको हमें जरूरत होती है।

 

URL का फुल फॉर्म क्या है?

URL का फुल फॉर्म “Uniform Resource Locator” होता है। इसका हिंदी अर्थ “सम स्रोत निर्धारक” होता है।

 

URL कैसे काम करता है?

इंटरनेट पर मौजूद हर एक वेबसाइट का अपना IP Address होता है, जो कि नंबर के रूप में होता है. URL IP Address के Against एक नाम होता है जिसे कि आसानी से याद करने के लिए बनाया गया है.

जब यूजर ब्राउज़र में कोई URL सर्च करता है तो ब्राउज़र URL को DNS (Domain Name Server) के द्वारा IP Address में बदल देता है और उस वेबसाइट तक पहुँच जाता है जिसे यूजर ने सर्च किया था और फिर वेबपेज को यूजर के सामने दिखा देता है।

URL से पहले किसी वेबपेज को खोजने के लिए IP Address का ही इस्तेमाल किया जाता था. पर इन्हें याद रख पाना बहुत मुश्किल काम था, इसलिए URL को बनाया गया जिससे Human URL के द्वारा आसानी से किसी भी वेबपेज को इंटरनेट पर खोज सकते हैं।

URL का इतिहास-

URL का इतिहास बहुत प्राचीन है। यहां बात 90 के दशक की है Tim Berners-Lee जिनको “World Wide Web” का जनक कहा जाता है। यूआरएल जैसी टेक्नोलॉजी को दुनिया के सामने यही लेकर आए थे।
Tim Berners-Lee जिन्होंने URL के निर्माण के साथ-साथ HTML, HTTP का निर्माण भी किया।

यूआरएल का निर्माण करके Tim Berners-Lee ने इंटरनेट पर जितने भी मौजूद वेब पेजों या वेबसाइट्स होते हैं उनको एक अलग-अलग यूनिक लोकेशन एड्रेस प्रदान किया है। उन्होंने यहां तो साबित कर दिया कि इंटरनेट पर जो मौजूद सभी वेबपेज या वेबसाइट्स होते हैं उनको यूआरएल के माध्यम से खोज पाना बहुत आसान है।

 

URL के प्रकार-

URL के कुछ प्रकार निम्नलिखित दर्शाए गए हैं। आइए जिनके बारे में जानकारी हासिल करते हैं-

1. Absolute URL-

Absolute URL एक प्रकार से पूर्ण यूआरएल स्थान की जानकारी प्रदान करता है क्योंकि इस यूआरएल में सभी पार्ट मौजूद रहते हैं अर्थात् यह यूआरएल पूरा वेब एड्रेस रखने की क्षमता रखता है जैसे- Domain name, Protocol, Directory path, Resource name इत्यादि को एक साथ परिभाषित करता है।

सरल शब्दों में जाने तो- Absolute URL किसी भी संसाधन तक सीधे तौर पर पहुंचने के लिए पूरी जानकारियों को प्रदान करता है। इसमें सभी अवयव उपस्थित होते हैं ये अवयव यूआरएल को identifier (पहचानकर्ता) बनाते हैं।

Absolute URL का एक उदाहरण- [https://www.gyanmaala.com/threads-app-beat-twitter/]

2. Relative URL-

Relative URL इसमें डोमेन नेम नहीं होता है केवल Path होता है। यहां यूआरएल बिल्कुल Absolute URL से भिन्न होता है। इसका यूज मेन रिसोर्स को एक्सेस करने के लिए किया जाता है मेन रिसोर्स जो कि web-server में उपस्थित होता है।

Directory (निर्देशिका) को सीधे तौर पर पहुंचने के लिए वेब ब्राउज़र प्रोटोकॉल या डोमेन नेम का सहारा नहीं लेता है। डायरेक्ट ही सर्वर से जुड़ जाता है। लोकल होस्ट इस प्रकार के यूआरएल का इस्तेमाल नहीं करते हैं।

Relative URL का एक उदाहरण- index.html

 

URL के भाग-

URL के भाग मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं। आइए एक यूआरएल की मदद से जानते हैं। https://www.gyanmaala.com/threads-app-beat-twitter/
इसके बारे में नीचे विस्तार से जानते हैं-

1. HTTP-

यह इन्टरनेट पर इंफॉर्मेशन को transferred करने का एक HTTP (Hypertext Transfer Protocol) प्रोटोकॉल है। इसी प्रोटोकॉल के उपयोग ने बाद में वर्ल्ड वाइड वेब (www) को जन्म दिया था।

मुख्यतः HTTP TCP/IP के साथ यूज़ होता है लेकिन यहां केवल इसी पर ही सीमित नहीं है। रियलिटी में इन्टरनेट या अन्य नेटवर्कों का इस्तेमाल करने वाले अन्य प्रोटोकॉल भी HTTP का उपयोग कर सकते है।

2. WWW-

WWW (World Wide Web) यहां इंटरनेट का महत्वपूर्ण भाग होता है। WWW के आने से पहले इंटरनेट का यूज करना और उसमें सूचनाओं को खोजने या डाउनलोड करने में अन्य परेशानियों का सामना करना पड़ता था लेकिन WWW ने सभी परेशानियों से छुटकारा दिला दिया। ये यूजर्स को कई प्रकार की सुविधा देता है जैसे- संचार करने की, जानकारी खोजने की और साझा करने की अनुमति प्रदान करता है।

3. Domain Name-

Domain name, इसको सर्वर का नाम कहां जाता है। टोटल डोमेन नेम का नाम भिन्न-भिन्न होता है। कभी भी समान नहीं होता है। एक उदाहरण की हेल्प से जानते हैं। जिससे आपको समझने में आसानी होगी। जैसे- www.gyanmaala.com ज्यादातर टोटल वेबसाइट ऐसी ही होती है और यहां जो gyanmaala.com दर्शाया गया है यही डोमेन नेम कहलाता है। सभी वेबसाइट के डोमेन नेम यूनिक होते हैं। यूज करने से पूर्व डोमेन नाम को रजिस्ट्रेशंस करना पड़ता है।

4. Resource-

Resource एक प्रकार से यूआरएल का अंतिम हिस्सा होता है। इसको मुख्य रूप से वेबपेज कहा जाता है इसको यूजर इंटरनेट पर सर्च करता है। ये फाइल, इमेज, विडियो, टेक्स्ट इत्यादि के रूप में हो सकती है जिसको उपयोगकर्ता इंटरनेट पर जरूरत अनुसार सर्च करता है। फाइल नाम के सामने फाइल एक्सटेंशन भी लगा हुआ होता है जो यह संकेत करते है कि ये फाइल किस टाइप की है।

उदाहरण के रूप में जाने तो- .Html, .Php, .Asp, .Jpg आदि ये कुछ लोकप्रिय फाइल एक्सटेंशन है इनके माध्यम से ज्ञात हो जाता है कि फाइल किस तरह की है।

 

URL Shortning का अर्थ क्या होता है?

“URL Shortning” इस वर्ड में आप URL के बारे में तो जानते हैं लेकिन Shortning जिसका अर्थ कम होता है।

आप इतनी ही बातों से समझ गए होंगे कि URL को कम करना। आपने कभी देखा होगा कि किसी-किसी वेबसाइट की URL लिंक बड़ी लंबी होती है यह समस्या का मुख्य कारण URL Strings है जिसमें कई सारे कैरक्टर मौजूद होते हैं। ऐसे URL लिंक को शॉर्ट फॉर्म में बदलने के लिए विशेष टूल्स (जैसे- Bitly, Tinyurl आदि टूल के यूज से) का यूज़ किया जाता है और इस प्रकार URL लिंक को शॉर्ट फॉर्म में बदलने की प्रोसेस को URL Shortning कहां जाता है।

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निष्कर्ष-

हमें आशा ही कि आपको URL से संबंधित सभी जानकारियां पसंद जरूर आई होगी।
URL के बारे में हमने अपनी तरफ से आपको आसान से आसान शब्दों में समझाने की पूरी कोशिश करी हैं अगर फिर भी आपके मन में किसी भी तरह का कोई URL से संबंधित प्रश्न है तो आप निसंकोच होकर Comment करके जरूर पूछ सकते हैं। इस आर्टिकल को अपने दोस्तों, परिवार वालों के साथ शेयर करना ना भूले।

“Thanks”

 

URL से संबंधित कुछ FAQ-

  Q.1 यूआरएल क्या होता है हिंदी में?
  Ans. URL जो एक तरह से वेबसाइट का एड्रेस होता है। सामान्यता जिसकी मदद से हम इंटरनेट पर किसी वेबसाइट तक पहुंच पाते हैं। इंटरनेट पर मौजूद जितनी भी वेबसाइट या पेज होते हैं उनकी यूआरएल लिंक याने कि एड्रेस होता है और जिसके कारण ही हम उस वेबसाइट वेब या पेज पर सही तरीके से पहुंच सकते हैं।

  Q.2 URL के उदाहरण क्या है?
  Ans. जैसे- https://gyanmaala.com/

  Q.3 URL के पहले भाग को क्या कहते हैं?
  Ans. URL के पहले भाग को HTTP कहते हैं यह इंटरनेट पर इंफॉर्मेशन को transferred करने का एक HTTP (Hypertext Transfer Protocol) प्रोटोकॉल है।

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