ISP क्या है ISP कैसे वर्क करता है?

Hello Friends आज का विषय ISP पर आधारित है। ISP इंटरनेट से बहुत गहरा संबंध रखता है अभी के टाइम में इंटरनेट सभी लोगों की जरूरत बन चुका है लगभग इंटरनेट सभी क्षेत्रों में हम सबकी मदद करता है। अब आपके मन में एक प्रश्न आता होगा कि ‌आखिर ISP क्या है तो इसके बारे में कुछ जरूरी जानकारियां हम निम्नलिखित माध्यम से जानेंगे तो चलिए दोस्तों बिना Time waste करें ISP के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां जानते हैं-

 

ISP क्या है?

ISP जिसका पूरा नाम “Internet Service Provider” होता है। जैसा की आप सभी जानते हैं कि इंटरनेट का कोई मालिक नहीं है, इसलिए इंटरनेट का पूरा खर्च किसी को वहन नहीं करना पड़ता है, बल्कि इंटरनेट पर किए जाने वाले कार्य के बदले प्रत्येक नेमत को अपने हिस्से का भुगतान करना पड़ता है। किसी घर, ऑफिस के Computer को इंटरनेट के नेटवर्क में जोड़ने का कार्य कोई संस्था करती है, इस प्रकार के कार्य करने वाली संस्था को इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP) कहा जाता है।

ISP इंटरनेट सेवा के बदले में कुछ मासिक या यूज के अनुसार शुल्क लेती है। ISP, इंटरनेट से जुड़ने से सम्बंधित सॉफ्टवेयर, यूजरनेम, पासवर्ड आदि प्रदान करती है। साधारणतः इस प्रकार की सेवा के लिए Dial-up connection का उपयोग किया जाता है, एक बार ISP के नेटवर्क से जुड़ने के बाद आप Internet से जुड़ जाते हैं और सभी प्रकार की सुविधाएं जैसे e-mail, www, searching आदि का उपयोग कर सकते हैं।

साधारणतः अब ISP company broadband connection के लिए स्वयं का modem देती है। ISP company का काम उससे जुड़े प्रत्येक यूजर्स को इंटरनेट की तेज गति से एवं सुचारू रूप से सेवा देना है। ISP को IAP (Internet Access Provider) भी कहा जाता है।

 

ISP के प्रकार-

ISP के कुछ प्रकार के बारे में निम्नलिखित तरीके से जानते हैं-

  1. Dial-up:

Dial-up बहुत ही पुरानी टेक्निक है इसके द्वारा इंटरनेट को एक्सेस किया जाता है। जिसमें टेलीफोन लाइन व मॉडेम की खास आवश्यकता होती है क्योंकि इसमें यूजर के कंप्यूटर को पहले टेलीफोन लाइन के माध्यम से मॉडेम के साथ जोड़ा जाता है और इसके बाद ही यूजर इंटरनेट को सरलता से एक्सेस कर सकता है लेकिन इसकी इंटरनेट स्पीड बहुत धीमी होती है पर फिर भी इसका उपयोग उन स्थानों पर किया जा सकता है। जहां पर broadband cables उपलब्ध न हो वहां पर Dial-up की हेल्प से इंटरनेट चलाया जा सकता है।

  2. Satellite:

इसमें सेटेलाइट नेटवर्क के द्वारा इंटरनेट सेवा प्रदान की जाती है। यहां इंटरनेट की स्पीड करीबन 12 से 100 Mbps प्रदान करता है। इसका अति व्यवस्थित सुरक्षित या रिक्त इलाकों में इंटरनेट की पहुंच प्रदान करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जहां पर अन्य कोई कनेक्शन की पहुंच प्रदान करना असंभव होता है वहां पर ये विकल्प बहुत अच्छा है।

  3. DSL:

DSL एक प्रकार से डायल-अप का न्यू वर्जन है। DSL जिसका फुल फॉर्म Digital Subscriber Line होता है। इसमें टेलीफोन लाइन पर इंटरनेट जैसी सुविधा प्रदान करने के लिए high frequency को उपयोग में लाया जाता है। इस कनेक्शन की स्पीड करीबन 5 से 35 Mbps होती है। कम स्पीड होने के कारण इस कनेक्शन की वर्क प्रोसेस धीरे होती है।

  4. Broadband Cable:

यहां सर्विस विशेष रुप से coaxial cable (समाक्षीय तार) का यूज़ करती है। टीवी सर्विस में जो केबल्स यूज़ की जाती है ये वही केबल्स होती है। केबल के माध्यम से पहुंचने वाली जो इंटरनेट सेवा होती है। उन सेवाओं की स्पीड बहुत अधिक होती हैं कम-से-कम 10 से 500 Mbps होती है जो की दूसरी सेवाओं की स्पीड की तुलना में बहुत अधिक है।

  5. WiFi Broadband:

WiFi इसका पूरा नाम Wireless Fidelity होता है। आधुनिक युग में इस तकनीक का बहुत यूज किया जाता है। इसमें रेडियो तरंगे के माध्यम से हाई स्पीड इंटरनेट का आनंद लिया जा सकता है। Wifi को बहुत ही कम खर्चे में उपयोग में लाया जा सकता है। इसमें विशेषकर modem एवं router बहुत जरूरी होते हैं। इन्हीं की वजह से वायरलेस इंटरनेट का यूज़ कर सकता है।

  6. Fiber Optic Cable:

फाइबर ऑप्टिक केबल यहां सबसे तीव्र और काफी ज्यादा पसंद कि जाने वाली इंटरनेट सेवा में से एक है। फाइबर, इंटरनेट फाइबर ऑप्टिक केबल की सहायता से टोटल इंटरनेट सर्विस को ट्रांसमिट करने का काम करती है।

ISP कौन-कौन सी सेवाएं प्रदान करता है?

ISP द्वारा प्रदान की गई सेवाएँ निम्नलिखित दर्शाई गई है-

 (a) इंटरनेट का उपयोग (Internet Access)
 (b) इंटरनेट ट्रांजिट (Internet Transit)
 (c) डोमेन नाम पंजीकरण (Domain Name Registration)
 (d) वेब होस्टिंग (Web Hosting)
 (e) यूजनेसट सेवा और कोलोकेशन (Usenet Service and Colocation)

 

ISP कैसे वर्क करता है?

ISP जो एक या फिर एक से अधिक इंटरनेट लाइन से कनेक्टेड रहता है। इसमें अपने स्वयं के डेटा केंद्र स्थित होते हैं। इन केंद्रों में इसके कई सारे servers भी मौजूद होते हैं ये डेटा केंद्र कई प्रकार की रिक्वेस्ट व ट्रांफिक को प्रबंधित करते हैं।

 

ISP Level’s क्या होते हैं?

ISP के लेवल को तीन भागों में विभाजित किया गया है जैसे-
 1) Tier 1
 2) Tier 2
 3) Tier 3

  1) Tier 1-

जिन कंपनियों के द्वारा पूरे वर्ल्ड में इंटरनेट की सुविधा को प्रोवाइड किया जाता है उन्हें Tier 1 कह सकते हैं इनमें स्पेशली ऑप्टिकल फाइबर तथा सेटेलाइट का उपयोग किया जाता है। सामान्यतः इनका उपयोग पूरे वर्ल्ड में इंटरनेट की सुविधा देने के लिए करते हैं। Tier 1 में बड़ी-बड़ी कंपनियों का हाथ होता है जो सबसे ज्यादा पैसे इन्वेस्ट करती है।
कुछ Tier 1 कंपनी के उदाहरण- AT&T, Sprint, CenturyLink एवं Verizon इत्यादि।

  2) Tier 2-

Tier 2 कंपनी की मेथड थोड़ी अलग तरह की होती है। इसमें Tier 1 कंपनी से इंटरनेट की authority किराए पर ली जाती है। जब हम अपने फोन का रिचार्ज करते हैं उस रिचार्ज का पैसा सीधे तौर पर Tier 2 कंपनी के पास में आता है। इनको आमतौर पर देश की ऑपरेटिंग कंपनी मान सकते हैं क्योंकि ये Tier 2 ISP कंपनी Tier 1 ISP कंपनी से इंटरनेट को परचेज करती है।
भारत की Tier 2 ISP कंपनीयों के उदाहरण- Airtel, Vodafone, Jio, Idea इत्यादि।

  3) Tier 3-

Tier 3 ISP कंपनी, Tier 2 ISP कंपनी से इंटरनेट को रेंट पर लेती है या परचेज करती है। इसमें स्थानीय रूप से छोटी छोटी कंपनियां अवेलेबल होती है जो छोटे क्षेत्र में या लोकल एरिया भी बोल सकते हैं उसमें इंटरनेट को प्रोवाइडेड करती है।
कुछ Tier 3 ISP के उदाहरण-

 a. Excitel
 b. MTNL
 c. SITI Cable
 d. Spectra

 

ISP के फायदे क्या हैं?

ISP के कुछ फायदे निम्नलिखित प्रदर्शित किए गए हैं-

 • ISP जो कि हाई सिक्योर कनेक्शन प्रोवाइड करने में सक्षम है।
 • इसमें उपयोगकर्ता को उतने ही पैसे चुकाने पड़ते हैं जितना वहां इंटरनेट को यूज़ में लेता है।
 • ISP जिन इंटरनेट सेवा को प्रदान करता है उनके माध्यम से लोग संसार में सरलता से अनिश्चित संचार कर सकते हैं।
 • इंटरनेट की मदद से सभी लोगों का शिक्षा और ज्ञान का स्रोत प्राप्त कर सकते हैं या अलग-अलग तरह की जानकारियों को सीख सकते हैं।
 • आजकल कई सारे इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर वेबसाइट डिजाइनिंग व वेब होस्टिंग की फैसिलिटी कस्टमर को प्रोवाइड करते हैं।
 • ISP एक तरह से विश्वसनीय मेथड पर निर्भर होता है मतलब इसमें कस्टमर को कस्टमर सपोर्ट मिलता हैं। जिसमें कस्टमर, कस्टमर सपोर्ट की मदद लेकर इंटरनेट से जुड़ी समस्याओं को बता व उसका हल भी मालूम सकता है।

 

ISP से हानियां क्या है?

ISP जिसके कारण कस्टमर को कुछ हानियों से भी जूझना पड़ता हैं। आइये दोस्तों नीचे विस्तार से जानते हैं-

 • ISP जो हर जगह अवेलेबल नहीं होता है ग्रामीण क्षेत्रों में वर्तमान समय में इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर जैसी सेवा बहुत ही मुश्किल से मिलती है।

 • स्पैम मैसेज जिसके कारण बहुत परेशानियां होती है। यह कंपनी स्वयं को प्रमोट के मकसद से अपने कस्टमर के पास स्पैम मैसेज सेंड करती रहती है जिससे कस्टमर खुश होने की बजाय और परेशान हो जाता है।

 • आज के समय में भी कई सारे इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर ऐसे भी मौजूद होते हैं जो कस्टमर को पूर्ण रूप से हाई स्पीड इंटरनेट प्रोवाइड करने में सक्षम नहीं है।

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निष्कर्ष-

दोस्तों इस आर्टिकल में आपको इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP) के बारे में सभी जानकारियां समझ में जरूर आ गई होगी।
आशा करता हूं कि ये जानकारियां आपके लिए बहुत उपयोगी सिद्ध हुई होगी अगर फिर भी आपके मन में ISP से रिलेटेड कोई सा भी प्रश्न है तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर पूछ सकते हैं। इन सभी जानकारियों को अपने Friends एवं Family के साथ जरूर शेयर करें

“Thanks To All”

 

ISP से संबंधित कुछ FAQ-

  Q.1 ISP से आप क्या समझते हैं?
  Ans. ISP जिसका पूरा नाम “Internet Service Provider” होता है। किसी घर, ऑफिस के Computer को इंटरनेट के नेटवर्क में जोड़ने का कार्य कोई संस्था करती है, इस प्रकार के कार्य करने वाली संस्था को इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP) कहा जाता है। ISP इंटरनेट सेवा के बदले में कुछ मासिक या यूज के अनुसार शुल्क लेती है।

  Q.2 भारत में इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर कौन है?
  Ans. भारत में इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर Airtel, Vodafone, Jio, Idea इत्यादि।

  Q.3 ISP से क्या हानि है?
  Ans. ISP जो हर जगह अवेलेबल नहीं होता है ग्रामीण क्षेत्रों में वर्तमान समय में इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर जैसी सेवा बहुत ही मुश्किल से मिलती है।

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