ISDN क्या है? ISDN कनेक्शन कैसे वर्क करता है?

हेलो फ्रेंड्स आज के टॉपिक में हम ISDN से संबंधित कुछ जरूरी जानकारियों पर ध्यान देंगे। वैसे तो आज टेक्नोलॉजी का बहुत चलन है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो पूर्णता टेक्नोलॉजी से परिचित नहीं है और इस टेक्नोलॉजी वाले जमाने में सभी जानकारियां ना सही लगभग कुछ तो जानकारियां होना चाहिए। क्या पता हमें कब कौन सी चीज काम में आ जाए सभी चीजों को इंपॉर्टेंट समझना चाहिए।


तो आइए दोस्तों बिना देर करें ISDN क्या है तथा इस से रिलेटेड सभी जानकारियां नीचे विस्तार से जानते हैं-

 

ISDN क्या है?

ISDN यहां मुख्यतः एक डिजिटल टेलीफोन नेटवर्क का रूप है। इसका आमतौर पर यूज डेटा और वॉइस को डिजिटल ट्रांसमिशन करने के लिए किया जाता है। इसका मतलब यहां एक टेलीफोन बेस्ड सिस्टम होता है और साथ ही यहां यूजर को इंटरनेट सर्विस भी प्रदान करता है। ISDN को विशेष रूप से circuit switched टेलीफोन नेटवर्क सिस्टम कह सकते हैं।
यह पी.एस.टी.एन. लाइन जैसी ही होती है, परन्तु अधिक तेज होती है और आई.एस.पी. सर्वर से ही जुड़ने के काम आती है। यह थोड़ी महँगी होती है, परन्तु इंटरनेट पर बहुत तेज कार्य करने की सुविधा देती है। यह इंटरनेट के नियमित यूजर्स के लिए बहुत उपयुक्त है। इसकी स्पीड लगभग 64 Kbps तक होती है।

 

ISDN का फुल फॉर्म क्या है?

ISDN का फुल फॉर्म “Integrated Services Digital Network” होता है। इसका हिंदी अर्थ “एकीकृत सेवा डिजिटल प्रसार” होता है।

 

ISDN का इतिहास-

ISDN के इतिहास पर प्रकाश डाले तो इसका इतिहास काफी प्राचीन है। यहां लगभग सन् 1988 की बात है। जब CCITT संस्था द्वारा ISDN की रचना की गई। सन् 1990 तक इसका उपयोग सामान्य रूप से ही होने लगा। लेकिन फिर सन् 1990 के पश्चात इसके उपयोग में काफी उछाल देखने को मिला तथा सन् 1990 से 2000 के वक्त में यह एक तरह से इंटरनेट सेवा के रूप में वर्क करती थी। परंतु आज भी कुछ स्थानों पर ISDN का उपयोग किया जाता है।

 

ISDN के प्रकार बताइए?

ISDN दो प्रकार का होता है। जिनके बारे में निम्न जानकारियां प्रदर्शित की गई हैं-

1. BRI (Basic Rate Interface)-

BRI जिसका फुल फॉर्म Basic Rate Interface होता है। इसका यूज अक्सर छोटे लेवल पर होता है। जैसे- घर, दफ्तर, कंपनी इत्यादि छोटे स्थानों में उपयोग होता है। इसके कनेक्शन के बारे में जान है तो इसमें दो B चैनल एवं एक D चैनल का इस्तेमाल किया जाता है। व मिनिमम स्पीड 128kbps के लगभग होती है और यहां कम कीमत का भी होता है।

2. PRI (Primary Rate Interface)-

PRI जिसका फुल फॉर्म Primary Rate Interface होता है। इसका यूज बड़े लेवल पर होता है। जैसे- BPO, मल्टीनेशनल कंपनी इत्यादि में इंटरनेट कनेक्शन के लिए यूज होता है। इसकी मैक्सिमम स्पीड 2.95 Mbps होती है। जिससे यहां बड़ी कंपनियों के लिए काफी सहायक है। वास्तव में यहां एक उच्च कनेक्शन, भरोसेमंद सर्विस एवं तेज स्पीड प्रदान करता है।

 

ISDN चैनल के प्रकार कौन से हैं?

ISDN चैनल के दो प्रकार होते हैं-
1) B चैनल
2) D चैनल

1) B चैनल के बारे में-

इसका यूज डेटा के लिए किया जाता है तथा इसको असलियत में Bearer चैनल कहते हैं।

2) D चैनल के बारे में-

इसका यूज सिग्नल तथा कण्ट्रोल के लिए किया जाता है तथा इसको असलियत में Delta चैनल कहते हैं।

 

ISDN कनेक्शन कैसे वर्क करता है?

कॉपर टेलीफोन लाइन यहां ISDN कनेक्शन का बड़ा ही अहम् हिस्सा है। ISDN कनेक्शन लगाने के लिए यहां बहुत जरूरी है। इसके उपरांत ISDN टेलीफोन लाइन को डिफरेंट चैनल में विभक्त कर देता है फिर यह सभी चैनल साथ में एक ही लाइन में कार्य करते हैं। इससे अनेक मोबाइल फोन एक ही लाइन के उपयोग से कॉल करने या फिर प्राप्त करने की इजाजत देते है।
वैसे ISDN को Pots से जोड़ दिया जाता है। इस प्रकार दोनों मोबाइल फोन तक एक बार में ही पहुंचना आसान होता है।
ISDN Adapter की जरूरत ISDN कनेक्शन इंस्टॉल करने के लिए दोनों के अंत में होती है।

 

ISDN के द्वारा क्या लाभ है?

ISDN के कुछ लाभ निम्नलिखित माध्यम से जानते हैं-

ISDN मुख्य रूप से एक डिजिटल कनेक्शन है। जिस कारण वॉइस की क्वालिटी काफी बेहतर होती है।

ISDN वहां प्रथम डायल-अप टेक्नोलॉजी थी। जिसकी मदद से इंटरनेट हाई स्पीड में प्रदान होता था।

ISDN अनेक डिवाइस व एप्लीकेशंस का बड़े अच्छे से समर्थन करता है।

ISDN से क्या नुकसान है?

ISDN के कुछ नुकसान निम्नलिखित प्रदर्शित किए गए हैं-

ISDN की प्राइस अधिक होने के कारण इसका प्रयोग कम किया जाता है।

ISDN का निर्माण करने के लिए कई विशेष डिवाइस की आवश्यकता होती है। यह हर जगह अवेलेबल नहीं होते हैं।

ISDN नेटवर्क केवल सीमित जगहों पर ही इंटरनेट कनेक्शन प्रदान करता है।

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सारांश-

दोस्तों इस आर्टिकल की मदद से आप जान गए होंगे कि ISDN क्या है? आशा करता हूं कि आपको सभी जानकारी पसंद जरूर आई होगी। इन सभी जानकारियों को अपने Friends, Family के साथ जरूर शेयर करें और आपका अगर कोई सा भी कन्फ्यूजन हो तो Comment करके निसंकोच पूछ सकते हैं।
“Thank you”

 

कुछ FAQ-

Q.1 ISDN का फुल फॉर्म क्या है?
Ans. ISDN का फुल फॉर्म “Integrated Services Digital Network” है

Q.2 आईएसडीएन का नुकसान क्या है?
Ans. आईएसडीएन नेटवर्क केवल सीमित जगहों पर ही इंटरनेट कनेक्शन प्रदान करता है।

Q.3 आईएसडीएन कितने प्रकार के होते हैं?
Ans. आईएसडीएन दो प्रकार के होते हैं-
1. BRI (Basic Rate Interface)
2. PRI (Primary Rate Interface)

 

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