GPS क्या है? GPS कहाँ-कहाँ उपयोग होता है?

हेलो फ्रेंड्स आज के टॉपिक में हम GPS से संबंधित कुछ जरूरी जानकारियों पर ध्यान देंगे। वैसे तो आज टेक्नोलॉजी का बहुत चलन है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो पूर्णता टेक्नोलॉजी से परिचित नहीं है और इस टेक्नोलॉजी वाले जमाने में सभी जानकारियां ना सही लगभग कुछ तो जानकारियां होना चाहिए। क्या पता हमें कब कौन सी चीज काम में आ जाए सभी चीजों को इंपॉर्टेंट समझना चाहिए।


तो आइए दोस्तों बिना देर करें GPS क्या है तथा इस से रिलेटेड सभी जानकारियां नीचे विस्तार से जानते हैं-

 

GPS क्या है?

GPS जिसका फुल फॉर्म “Global Positioning System” होता है और इसको हिंदी में “वैश्विक पोजिशनिंग प्रणाली” कहा जाता है तथा यहां सैटेलाइट बेस्ड नेवीगेशन सिस्टम के अनुसार ही कार्य करता है। इतना ही नहीं यहां Velocity (वेग), Time Synchronization (समय तुल्यकालन) ये जानकारियां भी बताता है। हम इसको एक तरह से दिशा निर्धारण प्रणाली मान सकते हैं क्योंकि इसके हेल्प से दिशा का निर्धारण किया जाता है।
जीपीएस का विकास अमेरिका USA ने किया है। इसको केवल सैन्य अधिकारियों की सहायता के लिए ही बनाया था किंतु फिर इसको 1980 में आम जनता के लिए भी लागू किया गया। तब से लेकर आज तक सभी लोग चाहे वहां आम जनता हो या कोई भी सरलता से जीपीएस का उपयोग कर रहे हैं।

 

GPS का इतिहास कैसा था?

GPS का इतिहास- आज से ठीक कई साल पहले 1960 के दशक में सर्वप्रथम जीपीएस का उपयोग अमेरिका USA द्वारा किया गया था। इसका उपयोग करने का मुख्य कारण यहां था कि अमेरिकी पनडुब्बी यानी की ग़ोताख़ोर जहाज (जिसमें navy मिसाइलों को रख कर ले जाया जाता है) इसको आसानी से ट्रैक करने के लिए, सैटेलाइट नेविगेशन का यूज किया गया था एवं जीपीएस का उपयोग defence (रक्षा), millitary (सैन्य) जैसी field में भी अत्यंत लाभकारी रहा क्योंकि इसके उपयोग द्वारा किसी को भी कोई नुकसान नहीं हुआ था। फिर इसका उपयोग यहां तक की सीमित नहीं रहा अपितु इसके पश्चात इसको civil (नागरिक) field में भी लागू किया गया। इस तरह जीपीएस अपनी मनचाही उपलब्धि प्राप्त करने में सफल रहा। आज के वक्त में जीपीएस इतना महत्वपूर्ण हो चुका है कि इसकी मदद से लोग जिनको रास्ता, सड़क ये सभी जानकारियां ज्ञात नहीं है। वे लोग दूर-दूर तक आराम से सही रास्ते के साथ ट्रैवल कर सकते हैं।

 

GPS कहाँ-कहाँ उपयोग होता है?

GPS का उपयोग विभिन्न फील्ड में किया जाता है। आइये नीचे कुछ उपयोग विस्तार से जानते हैं-

1. Location-

लोकेशन जानने में जीपीएस बहुत महत्व रखता है। उदाहरणार्थ- जब हम किसी अनजान जगह पर भटक जाते हैं या फिर हमें रास्ता, सड़क मालूम नहीं होता है तो जीपीएस की मदद से हम वहां के स्थान अथवा जिस एड्रेस पर हमें जाना है। उसके बारे में जान सकते हैं।

2. Timing-

जीपीएस की मदद से सटीक समय को मापना बहुत सरल होता है। प्रति जीपीएस सैटेलाइट में एटॉमिक क्लॉक्स होती है और इनकी भूमिका जीपीएस सिगनल में ज्यादा सटीक समय डेटा सौंपने में होती है।

3. Navigation-

नेविगेशन में भी जीपीएस बहुत महत्व रखता है। हमें अगर किसी एड्रेस पर जाना है और हमने सड़क, रास्ता नहीं देखा है तो यहां जीपीएस अहम् भूमिका निभाता है क्योंकि जीपीएस की मदद से हम सड़क, रास्ते के बारे में सर्च कर सकते हैं। जिस एड्रेस पर जाना चाहते है उसकी दूरी मालूम सकते हैं। वहां के मौसम के बारे में जा सकते हैं। लगभग जीपीएस पूरी तरह से हमारा मार्गदर्शन का कार्य करता है।

4. Mapping-

मैपिंग में जीपीएस नक्शे के बारे में जानकारियां प्रदान करता है। अर्थात इसका उपयोग वर्ल्ड मैप क्रिएट करने में एवं मैप के बारे में इंफॉर्मेशन प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

5. Tracking-

जीपीएस का उपयोग ट्रैकिंग में भी बहुत किया जाता है। जैसे हमें किसी व्यक्ति, वस्तु, वाहन इत्यादि को अगर ट्रैक करना है तो ऐसे में जीपीएस का सहारा लिया जाता है।

 

GPS की कार्यविधि किस तरह है?

GPS की कार्यविधि जो की बहुत ही अद्भुत है। जीपीएस पूर्ण रूप से सैटेलाइट नेटवर्कों पर ही निर्भर होता है। लगभग हम यहां मान सकते हैं कि सैटेलाइट नेटवर्क ही जीपीएस की पावर है। अब मेन मुद्दे पर आए तो जीपीएस प्रायः 30 सैटेलाइट नेटवर्क के साथ में कनेक्टेड रहता है और ये 20000 किलोमीटर पृथ्वी से दूर orbit (कक्षा) में लगभग 12 घंटे में पृथ्वी का चक्कर लगाते हैं। वैसे इनकी स्पीड बहुत फास्ट होती है।

जीपीएस का सिस्टम मुख्यतः तीन प्रकार के स्टैंडर्ड सेगमेंट सिस्टम के तहत कार्य करता है-

1. Space Segment (अंतरिक्ष खंड)
2. Control Segment (नियंत्रण खंड)
3. User Segment (उपयोगकर्ता खंड)

इन तीनों सिस्टम सैटेलाइट से कनेक्टेड होते हैं। जैसे जब हम कोई सी भी लोकेशन सर्च करते हैं तब सर्वप्रथम सैटलाइट सिगनल पृथ्वी पर प्रवेश करते हैं यानी कि पृथ्वी पर आते हैं। इसके उपरांत ये सिग्नल रिसीवर को प्राप्त होते हैं फिर रिसीवर इन सिग्नल के डिस्टेंस और टाइम को मापता है। इन टोटल सेगमेंट के पश्चात अब जिस जानकारी को आपने जीपीएस पर सर्च किया था। फिर जो डाटा आप प्राप्त करना चाहते थे वह डाटा आपको मिल जाता है। यही जीपीएस की कार्यविधि है।

 

GPS से क्या फायदे हैं?

जीपीएस की मदद से हम सभी को बहुत प्रकार के फायदे होते हैं। आज के दैनिक जीवन में जीपीएस बहुत जरूरी बन चुका है तो आइए दोस्तों निम्न मध्यम से कुछ फायदे के बारे में जानते हैं।

जीपीएस का एक बड़ा फायदा यहां है कि इसकी हेल्प से हम क्षण सेकंड में कोई से भी एड्रेस का पता लगा सकते हैं और उसके बारे में जानकारियां, वहां का मौसम कैसा है। यह सब भी पता कर सकते हैं।

जीपीएस नेविगेशन में भी बहुत उपयोग होता है। आजकल तो वाहनों में भी यह सिस्टम देखने को मिलता है।

जीपीएस के द्वारा हम अपनी वर्तमान लोकेशन को देख सकते हैं।

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सारांश-

दोस्तों इस आर्टिकल की मदद से आप जान गए होंगे कि GPS क्या है? आशा करता हूं कि आपको सभी जानकारी पसंद जरूर आई होगी। इन सभी जानकारियों को अपने Friends, Family के साथ जरूर शेयर करें और आपका अगर कोई सा भी कन्फ्यूजन हो तो Comment करके निसंकोच पूछ सकते हैं।
Thank you

 

GPS से संबंधित कुछ FAQ-

Q.1 जीपीएस का मतलब क्या है?
Ans. यहां सैटेलाइट बेस्ड नेवीगेशन सिस्टम के अनुसार ही कार्य करता है। इतना ही नहीं यहां Velocity (वेग), Time Synchronization (समय तुल्यकालन) ये जानकारियां भी बताता है। हम इसको एक तरह से दिशा निर्धारण प्रणाली मान सकते हैं।

Q.2 जीपीएस का आविष्कार कैसे हुआ था?
Ans. 1960 के दशक में सर्वप्रथम जीपीएस का उपयोग अमेरिका USA द्वारा किया गया था। इसका उपयोग करने का मुख्य कारण यहां था कि अमेरिकी पनडुब्बी यानी की ग़ोताख़ोर जहाज (जिसमें navy मिसाइलों को रख कर ले जाया जाता है) इसको आसानी से ट्रैक करने के लिए, सैटेलाइट नेविगेशन का यूज किया गया था।

Q.3 GPS का असली नाम क्या है?
Ans. GPS का असली नाम “Global Positioning System” होता है

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