Ethernet क्या है? इसके प्रकार, फायदे और नुकसान बताये। हिंदी में-

आज के आर्टिकल में हम Ethernet के बारे में कुछ खास चर्चा करने वाले हैं। आज कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनको इस विषय के बारे में जानकारियां नहीं है। आज ऐसा समय चल रहा है जिसमें कोई भी चीज कब काम में आ जाए इसका किसी को कोई मालूम नहीं है। कोई भी चीज फालतू नहीं होती है। यहां ऐसा विषय है जिसके बारे में आज की जनरेशन को जरूर मालूम होना चाहिए तो चलिए दोस्तों बिना वक्त गंवाए Ethernet से रिलेटेड सभी महत्वपूर्ण जानकारियां नीचे विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं-

 

Ethernet क्या है?

Ethernet एक तरह से “लोकल एरिया नेटवर्क” टेक्नोलॉजी है। इसके उपयोग से कंप्यूटर और नेटवर्किंग डिवाइस को जोड़ा जाता है। इतना ही नहीं इसके द्वारा इनफॉरमेशन को शेयर भी कर सकते हैं। यहां TCP/IP Stalk का data link layer से रिलेटेड है। इसकी खासियत यह होती है कि यह कम दूरी में स्थित नेटवर्किंग डिवाइस को एक साथ कनेक्ट कर सकता है। विशेष रूप से Ethernet को कंप्यूटर से जोड़ने के लिए केबल की हेल्प ली जाती है। इस केबल को Ethernet केबल कहते हैं। जब कभी अगर किसी नेटवर्क को स्थापित करना है तो उसको वर्क करने के लिए खासकर प्रोटोकॉल की आवश्यकता होती है। वैसे प्रोटोकॉल नेटवर्क के लिए बनाए गए नियम है। Ethernet भी एक तरह से नेटवर्क प्रोटोकोल का ही रूप है और इसका यूज LAN नेटवर्क क्रिएट करने में होता है। इसको सन 1970 में ज़ेरॉक्स द्वारा विकसित किया गया था। उस वक्त इसकी स्पीड बहुत है नॉर्मल थी लगभग 2MB से 3MB के मध्य में। इसका मानक नाम IEEE802.3 है।

 

Ethernet कितने प्रकार के होते है?

Ethernet के प्रकार-

1. Fast Ethernet-

पूर्व समय में जब Ethernet को बनाया गया था तब इसकी स्पीड बिल्कुल स्लो थी लेकिन धीरे-धीरे निरंतर अपडेट हुआ और फिर आज के वक्त में इसकी स्पीड मैक्सिमम 100 Mbps है। इसी को ही Fast Ethernet कि संज्ञा से परिभाषित किया जाता है। इसके जरिए हम internet surfing, video, graphics इत्यादि बिना रुकावट के कर सकते हैं।

2. Gigabit Ethernet-

मल्टीमीडिया एवं वॉइस ओवर आईपी को यूज करने के लिए विशेष फास्ट नेटवर्क की जरूरत पड़ती है। इसी स्पीड को प्राप्त करने के लिए मुख्य रूप से gigabit Ethernet को बनाया गया। आज के वक्त में इसका व्यापक रूप से उपयोग किया जा रहा है और इस टाइप के Ethernet में Twisted Pair और Fiber Cables का यूज कंप्यूटर को आपस में कनेक्ट करने के लिए होता है।

3. 10 Gigabit Ethernet-

इसकी स्पीड बहुत ही फास्ट है और यहां आज के आधुनिक में अपनी छाप छोड़ चुका है। इसके डाटा ट्रांसफर रेट मैक्सिमम 10 gbps होती है। मतलब कि इसके द्वारा 10 GB प्रति सेकंड की स्पीड से डेटा को ट्रांसफर करना संभव है। बाकी Ethernet की तुलना में यहां पूर्ण रूप से ऑप्टिकल फाइबर केबल कनेक्शन पर वर्क करता है। यह बहुत ही लेटेस्ट है। इसकी खासियत है कि यहां Standard LAN design से काफी यूनिक है क्योंकि यह डाटा को सारे nodes पे ब्रॉडकास्ट करता है।

 

Ethernet Cable के प्रकार बताईये?

Ethernet Cable के प्रकार –

1. Twisted Pair Cable :-

यह सबसे ज्यादा उपयोग होने वाली केबल है और इसमें विशेष दो या दो से अधिक कॉपर वायर के जोड़े मुख्य रूप से प्लास्टिक के खोल में घिरे हुए होते हैं। इसकी थिकनेस मैक्सिमम 1 किलोमीटर के अंदर तक हो सकती है। यहां केबल दो टाइप में होती है

(a) Shielded Twisted Pair
(b) Unshielded Twisted Pair

2. Coaxial Cable :-

यह सबसे अलग तरह की केबल होती है। इसमें केवल एक ही वायर होता है और वहां भी इंसुलेटर, मेटल की शील्ड और प्लास्टिक के खोल से गिरा हुआ रहता है। इसके भी दो टाइप होते हैं।

(a) Thin net
(b) Thicknet

3. Fibre Optic Cable :-

यहां आज के टाइम में काफी प्रसिद्ध केबल है। इसके ऊपर विशेष प्लास्टिक का एक लेयर होता है जिसको ट्रेडिंग कहा जाता है। इसके माध्यम से इलेक्ट्रिकल सिंगल की जगह लाइट सिंगल ट्रांसफर होता है और इसमें डाटा के एक्सचेंज होने की गति मैक्सिमम 100 Mbps से 2 Gbps या उस से भी ज़्यादा होती है। यहां पर दो टाइप में है।

(a) Single Mode Fibre
(b) Multi-Mode Fibre

फाइबर ऑप्टिक केबल के बारे में आप नीचे दी गई लिंक से ओर अधिक जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं-

ऑप्टिकल फाइबर क्या है? कैसे काम करता है? in Hindi

 

Ethernet के फायदे क्या है?

Ethernet के कुछ फायदे –

1. Ethernet में जिन केबल्स का यूज होता है वे noiseless होती है।
2. इनके द्वारा डाटा ट्रांसफर करने में डेटा की क्वालिटी में भी कोई इफेक्ट नहीं आता है।
3. Ethernet में बहुत हाई लेवल वाली सिक्योरिटी होती है। हैकर्स पूर्ण कोशिशें के साथ भी डाटा को हैक नहीं कर पाते हैं।
4. इनका प्राइस भी कम होता है।
5. इस प्रकार के नेटवर्क को मेंटेन और ट्रबलशूट करना बहुत सिंपल होता है।
6. Ethernet में मुख्य रूप से स्विच या हब की जरूरत नहीं पड़ती है।

 

Ethernet के नुकसान क्या है?

Ethernet के कुछ नुकसान इस प्रकार है –

1. Ethernet को मात्र कम दूरियों के लिए ही यूज किया जा सकता है।
2. जब एक समय एक साथ कई सारे डिवाइस डाटा ट्रांसफर करते हैं तो जिससे कई बार टेक्निकल प्रॉब्लम आ सकती है।
3. Ethernet के द्वारा बड़े नेटवर्क को स्थापित करना नामुमकिन है।
4. Ethernet टेक्नोलॉजी एक तरह से non related service प्रोवाइड करती है।

➤ यहां भी जानें- Coaxial Cable क्या है? इसके प्रकार, उपयोग, संरचना, फायदे और नुकसान बताये। हिंदी में-

 

सारांश-

दोस्तों इस आर्टिकल की मदद से आप जान गए होंगे कि Ethernet क्या है? आशा करता हूं कि आपको सभी जानकारी पसंद जरूर आई होगी। इन सभी जानकारियों को अपने Friends, Family के साथ जरूर शेयर करें और आपका अगर कोई सा भी कन्फ्यूजन हो तो Comment करके निसंकोच पूछ सकते हैं।
Thank you

 

कुछ FAQ-

Q.1 Ethernet क्या है? in Hindi
Ans. Ethernet एक तरह से “लोकल एरिया नेटवर्क” टेक्नोलॉजी है। इसके उपयोग से कंप्यूटर और नेटवर्किंग डिवाइस को जोड़ा जाता है। इतना ही नहीं इसके द्वारा इनफॉरमेशन को शेयर भी कर सकते हैं। यहां TCP/IP Stalk का data link layer से रिलेटेड है। इसकी खासियत यह होती है कि यह कम दूरी में स्थित नेटवर्किंग डिवाइस को एक साथ कनेक्ट कर सकता है।

Q.2 Ethernet से क्या लाभ है?
Ans. Ethernet से लाभ –
1. Ethernet में मुख्य रूप से स्विच या हब की जरूरत नहीं पड़ती है।
2. Ethernet में जिन केबल्स का यूज होता है वे noiseless होती है।

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