E-Waste क्या है इसके कारण पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव क्या-क्या है?

आज के लेख में हम E-Waste के बारे में चर्चा करेंगे आखिरी E-Waste क्या होता है। इससे संबंधित संपूर्ण जानकारियों इस लेख में जानने की कोशिश करेंगे।
आज वक्त इतना आगे बढ़ चुका है कि हमें किसी भी चीज की कोई कमी नहीं होती है। इतनी सुविधाएं हर समय हम सबके लिए तत्पर रहती है। जिनके बारे में हमने कभी सोचा नहीं होगा परंतु यही सुविधाएं एक तरफ वरदान है तो एक तरफ अभिशाप का कार्य कर रही है। E-Waste भी इन्हीं स्थितियों से संबंधित है।
तो आइए दोस्तों बिना देर करें E-Waste के बारे में नीचे जानकारियां जानते हैं-

 

E-Waste क्या है?

E-Waste जिसको मुख्यतः Electronic Waste या ई-कचरा भी कहा जाता है। आमतौर पर जो इलेक्ट्रिकल या इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होते हैं जैसे-‌ Television, Cellphone, Camera, Computer इत्यादि इनको सभी व्यक्ति आज के जमाने में निरंतर यूज़ करते हैं इन वस्तुओं का जब पूर्णता उपयोग हो जाता है। यानी कि ये वस्तुएं अपना कार्य करना बंद कर देती है या बेकार सी हो जाती हैं। हमारे किसी भी काम में नहीं आती है तो इनको कूड़े-कचरे में फेंक दिया जाता है इसी को ही E-Waste से परिभाषित किया जाता है।
E-Waste जो कि हर साल करीबन 50 million टन पूरे वर्ल्ड में पैदा हो रहा है। शायद फ्यूचर में इसकी संख्या ओर भी बढ़ सकती है अगर हम सभी लोग सही तरीके से इसका निराकरण करते हैं। तो यह हम लोगों के लिए तो अच्छी बात है। साथ में पर्यावरण को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। किंतु E-Waste को टाइम रहते ही मैनेज नहीं किया जाता है तो यहां फ्यूचर में एक बड़े खतरे के रूप में खड़ा हो सकता है और इसका पर्यावरण पर भी बहुत गहरा असर पड़ेगा।

 

E-Waste के मुख्य स्रोत कौन-कौन से हैं?

E-Waste के मुख्य स्रोत बहुत प्रकार के होते हैं परंतु निम्नलिखित माध्यम से कुछ स्रोतों के बारे में विस्तार से जानकारियां हासिल करते हैं-

1. White Goods:

वाइट गुड्स इसमें घर में यूज होने वाली विशेष घरेलू सामग्रियां आती है। उदाहरण- air conditioners, washing machines, fridge etc.

2. Brown Goods:

ब्राउन गुड्स इसमें televisions, Cameras इत्यादि चीजें शामिल होती है।

3. Grey Goods:

ग्रे गुड्स इसमें जरूरी चीजें जैसे- Computers, Scanners, Printers, Mobiles phone इत्यादि चीजें शामिल होती है।

 

E-Waste के मुख्य कारण कौन-कौन से हैं?

E-Waste के मुख्य कारण बहुत-से हैं लेकिन कुछ मुख्य कारणों से इसके पीछे की वजह जानने की कोशिश करते हैं तो आइए दोस्तों जानते हैं-

1) Development :

अब के समय में एक आंकड़े के हिसाब से पूरे वर्ल्ड में 1 billion के आसपास कंप्यूटर्स मौजूद हैं। इन बातों से ही मालूम चलता है कि टाइम कितना आगे बढ़ चुका है। इन कंप्यूटर्स की विकसित देशों में औसतन लाइफ मात्र 2 सालों की होती है। USA में तकरीबन 300 million कंप्यूटर्स ऐसे ही बिना यूज के पड़े हुए हैं। USA, विकसित देश व विकासशील देशों में भी जमकर इस तकनीक की बहुत बिक्री हुई है। इन्हीं कारणों से इनके ग्राफ में भी काफी तेजी हुई है तथा फिर ये आगे चलकर अपव्यय में तब्दील हो रही है।
एक अंदाज़े के अनुसार अभी के समय में विकसित देशों में कंप्यूटर की बिक्री एवं इंटरनेट का यूज मैक्सिमम 400% के पार पहुंच चुका है। इसी के चलते ही e waste की संख्या में काफी बढ़ोतरी हो रही है इन बातों से यहां समझ में आ रहा है कि अगर अभी भी e waste की संख्या में जो बढ़ोतरी हो रही है। उस पर हम सभी ने ध्यान नहीं दिया तो फ्यूचर में बहुत सारी समस्याओं से सामना हो सकता है।

2) Human Mentality :

इसमें मिडिल क्लास अर्थात आम आदमी का भी बहुत बड़ा हाथ होता है जैसे- money power जिसकी मदद से लोग पुरानी चीजों को छोड़कर नई चीजों पर अपना Interest दिखा रहे हैं फिर ये पुरानी चीजें या सामग्रियां e waste का रूप धारण कर लेती है। अगर इन्हें सही तरीके से और लंबे समय के लिए इस्तेमाल में लाया जाए तो e waste जैसी समस्या उत्पन्न नहीं होगी।निरंतर कंप्यूटर की बिक्री बहुत बढ़ती जा रही है। इसका मूल कारण money power है। इसी कारण लोग ज्यादा चीजों को खरीदने के लिए इच्छुक होते हैं।

3) Population :

वर्तमान समय में बढ़ती हुई जनसंख्या और उनकी बढ़ती हुई जरूरते बहुत बड़ा कारण है। कहने का मतलब की इस‌ वक्त बढ़ती जनसंख्या के कारण सभी चीजों की रफ्तार बढ़ती जा रही है। आज के युवा पुरानी चीजों का कम यूज करते हैं बल्कि नई चीजों को बहुत महत्व देते हैं। पुरानी चीजें खराब भी हो जाए तो उन्हें रिपेयर करवा कर पुनः उपयोग में लिया जा सकता है परंतु अब समय के बदलने के कारण पुरानी चीजों को ऐसे ही फेंक दिया जाता है। जिसकी वजह से Environment काफी प्रभावित होता है।

4) Technology :

टेक्नोलॉजी e waste के लिए एक बहुत बड़ा कारण है। आज आधुनिक जमाने में आधुनिक चीजों का बहुत ज्यादा ही चलन है। आज के जमाने में पुरानी चीजों को खुला नहीं फेंकना चाहिए बल्कि उनका सोच समझकर निवारण करना चाहिए। नई चीजों के कारण कोई भी पुरानी चीजों पर ध्यान नहीं देता इसके पीछे
Multinational corporations (बहुराष्ट्रीय कंपनियां) का बहुत बड़ा हाथ है। ये बहुराष्ट्रीय कंपनियां बहुत ही पावरफुल बन चुकी हैं ये कभी भी, किसी भी मार्केट सिस्टम का हुलिया बदल सकते हैं। ये लोगों के लिए अक्सर बेहतर टेक्नॉलाजी लाते रहते हैं फिर जिनके पास काफी ज्यादा पैसा होता है। वे लोग ऐसे टेक्नॉलाजी प्रोडक्ट को खरीदने के लिए आतुर हो जाते हैं। कंपनियां तो कुछ परिवर्तन करके अपनी टेक्नॉलाजी लेकर आती रहती है लेकिन मिडिल क्लास फैमिली ऐसी टेक्नोलॉजी के जाल में फस कर हर बार नए-नए प्रोडक्ट के पीछे पड़ जाते हैं।

E-Waste के कारण पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव क्या-क्या है?

E-Waste के कारण पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव की कुछ जानकारियां निम्नलिखित तरीके से जानेंगे-

1. Effects on air-

E-Waste की वजह से हवा भी बहुत प्रदूषित होती है। इलेक्ट्रॉनिक कचरे में जैसे- तार, ब्लेंडर एवं अन्य प्रकार की चीजें पाई जा सकती है जिनको हासिल करने के लिए लोग e waste को जला देते हैं। जिसके कारण वायु प्रदूषित होती है परंतु इस बात पर कोई गौर नहीं करता है।

2. Effects on water-

E-Waste जो किसी भी रूप में प्रदूषण फैला सकते है।
जैसे- lead, barium, mercury, lithium इनकी मदद से मोबाइल फोन व कंप्यूटर की बैटरी का निर्माण किया जाता है कहने का मतलब की बैटरी इन्हीं चीजों से बनी होती है और ये चीजें काफी भारी धातुओं से युक्त इलेक्ट्रॉनिक्स रूप में होती है। इनका अगर ठीक तरीके से समाधान नहीं किया गया तो ये मिट्टी में मिल जाती है तथा groundwater (भूजल) चैनल तक पहुंच भी सकती है।
जो आगे चलकर छोटे बड़े नदी, नाले, तलाब में मिलकर जल को प्रदूषित कर देते हैं चुकीं ये धातुएं रसायन के रूप में होती है। जो जल में मिलकर कहीं भी पूछ सकती है और यही जल अगर पीने के लिए यूज किया जाए तो व्यक्ति बहुत सी बीमारियों से ग्रसित हो सकता है।

3. Effects on soil-

मिट्टी को भी E-Waste काफी ज्यादा प्रभावित करते हैं। e waste को सही तरीके से disposed न करने पर इसमें मौजूद toxic (विषैली) heavy metals और chemicals ये मिट्टी, फसल व खाद्य मार्ग तक पहुंच जाते हैं तथा फिर मनुष्य के संपर्क में आ सकते है। ये धातुएं आसानी से नष्ट नहीं होती है। बल्कि लंबे समय तक पर्यावरण में मौजूद रहती है। इनके द्वारा मनुष्य के साथ-साथ अन्य जीवों पर भी बड़ा दुष्प्रभाव पड़ता है। कई सारी बीमारियां जन्म ले सकती है जैसे- brain, heart, liver, kidney इत्यादि।

 

E-Waste को नियंत्रित करने के उपाय-

E-Waste को नियंत्रित करने के लिए हमें कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना पड़ेगा। तो चलिए निम्न माध्यम से जानने की कोशिश करते हैं-

लोकल गवर्नमेंट ने भी कई प्रकार के E-Waste को नियंत्रित करने के लिए नियम लागू किए हैं। जिनका पालन करके हम पर्यावरण को दूषित होने से बचा सकते हैं।

इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट मतलब खराब प्रोडक्ट को खुले या किसी भी स्थान पर बिल्कुल भी ना फेंके अपितु किसी को डोनेशन कर सकते हैं या फिर scrap (भंगार) वाले को बेच सकते हैं।

E-Waste को कभी भी जलाए नहीं बल्कि सही तरह से सोच समझकर इसका निवारण किया जा सकता है। हमारी छोटी सी लापरवाही हमारे लिए ही बड़ा कारण बन सकती है।

Certified E-waste recycler का उपयोग भी बहुत अच्छा होता है। E-waste recycler कई प्रकार के होते हैं परंतु इनका पता लगाना थोड़ा असंभव होता है पर हमारी कोशिश से सब कुछ मुमकिन हो जाता है।

Recycling भी एक अच्छा विकल्प है। इससे ना केवल हमारा फायदा होगा अपितु हम जिस वातावरण में रहते हैं। उसमें भी परिवर्तन होगा और शुद्ध हवा, जल ये सारी चीजें बिना अशुद्धि के हमें प्राप्त होगी व आने वाली पीढ़ी भी एकदम स्वस्थ रहेगी।

 

E-Waste प्रबंधन नियम-

भारत सरकार ने E-Waste जैसी समस्या पर विचार करके प्रबंधन नियम को शुरू किया। यहां नियम सभी लोगों के लिए लागू होता है जैसे- उत्पादक, उपभोक्ता कचरा संग्रहणकर्ता इत्यादि इन सभी को कुछ नियमों का पालन करके उत्पादन करना होगा। नियम पालन न करने की स्थिति में कड़ी सजा भी मिल सकती है।
इस नियम के अंतर्गत सभी श्रमिकों को E-Waste के निवारण के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। यदि सभी नागरिक जागरूक होकर और इमानदारी से इन कुछ स्टेप्स को फॉलो करें तो हम काफी जल्द E-Waste जैसी मुसीबत को हरा सकते हैं। आपने कभी किसी भी स्थान पर एक महत्वपूर्ण लाइन तो जरूर सुनी होगी। इसको अगर जीवन में उतारे हैं। तो बहुत परिवर्तन देखने को मिलेगा- “एक कदम स्वच्छता की ओर”

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सारांश –

दोस्तों इस आर्टिकल की मदद से आप जान गए होंगे कि E Waste क्या है आशा करता हूं कि आपको सभी जानकारी पसंद जरूर आई होगी। इन सभी जानकारियों को अपने Friends, Family के साथ जरूर शेयर करें और आपका अगर कोई सा भी कन्फ्यूजन हो तो Comment करके निसंकोच पूछ सकते हैं।

“Thank you”

 

कुछ FAQ-

Q.1 ई कचरे से क्या अर्थ है?
Ans. आमतौर पर जो इलेक्ट्रिकल या इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होते हैं जैसे-‌ Television, Cellphone, Camera, Computer इत्यादि इनको सभी व्यक्ति आज के जमाने में निरंतर यूज़ करते हैं इन वस्तुओं का जब पूर्णता उपयोग हो जाता है। यानी कि ये वस्तुएं अपना कार्य करना बंद कर देती है, या बेकार सी हो जाती हैं। हमारे किसी भी काम में नहीं आती है तो इनको कूड़े-कचरे में फेंक दिया जाता है इसी को ही E-Waste से परिभाषित किया जाता है।

Q.2 ई कचरा घातक क्यों है?
Ans. e waste की वजह से हवा भी बहुत प्रदूषित होती है।

Q.3 ई कचरे के स्रोत क्या हैं?
Ans. air conditioners, washing machines, fridge, televisions, Cameras इत्यादि चीजें शामिल होती है।

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