E-LEARNING क्या है E-Learning के फायदे क्या है? in Hindi

हेलो फ्रेंड्स आज का विषय बहुत रोचक है। जिसमें हम E-LEARNING के बारे में बात करेंगे। आज ऐसे ऐसे सिस्टम्स चल चुके हैं। जिनके बारे में बहुत लोगों को ज्ञात नहीं हैं। वर्तमान समय में बहुत सारी नई नई चीजों का चलन हो चुका है। पुराने समय पर नजर डालें तो उस समय में ऐसी चीजें मौजूद नहीं थी और उस समय इंटरनेट कोई भी ज्यादा Use नहीं करता था। परंतु कहते हैं ना कि बदलाव बहुत जरूरी है। बदलाव ही हमें नई-नई चीजें सिखाता है। ऐसा ही आज का एक विषय है जिसमें हम E-LEARNING क्या है की संपूर्ण जानकारियां विस्तार से जानेंगे।


तो आइए दोस्तों बिना समय गंवाए सरल शब्दों में जानने की कोशिश करते हैं-

 

E-LEARNING क्या है?

ई-कॉमर्स का प्रयोग न केवल शॉपिंग, बिजनेस या फिर बैंकिंग के क्षेत्र में किया जाता है बल्कि शिक्षा (Education) के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान निभाता है। E-LEARNING, इंटरनेट के माध्यम से किसी टॉपिक (Topic) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करने की प्रक्रिया है। आज के समय में इंटरनेट के माध्यम से हम किसी विषय, टॉपिक इत्यादि की सूचना को विस्तृत रूप में देख सकते हैं, समझ सकते हैं। ई-लर्निंग, इलेक्ट्रॉनिक रूप से घर बैठे ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिक्षा ग्रहण करने की प्रक्रिया भी है।
सरल शब्दों में जाने तो- कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन या कोई अन्य साधन के माध्यम से किसी भी सब्जेक्ट के बारे में ऑनलाइन तरीके से शिक्षा हासिल करने की प्रोसेस को ई लर्निंग कहा जाता है। इसमें खास तौर पर इंटरनेट की जरूरत होती है और इसमें विभिन्न प्रकार के प्लेटफार्म शामिल होते हैं जैसे- ऑनलाइन क्लास या लाइव क्लास, ऑडियो/विडियो, PDF, स्लाइडशो, वर्ड डॉक्यूमेंट, यूट्यूब, गूगल वेबसाइट्स इत्यादि जिनकी मदद से कोई भी व्यक्ति या स्टूडेंट आराम से शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं। कोविड-19 की महामारी के चलते बहुत से विद्यालय, महाविद्यालय ने छात्रों की पढ़ाई जारी रखने के लिए ऑनलाइन क्लास का सहारा लिया था।

 

E-LEARNING का फुल फॉर्म क्या है?

E-LEARNING का फुल फॉर्म “Electronic Learning” होता है।

 

E-LEARNING का इतिहास-

शुरुआती दौर में ई लर्निंग जब आया था तब इसकी लोकप्रियता ना के बराबर थी। बहुत ही कम लोग इस टेक्नोलॉजी से परिचित थे। ई-लर्निंग जोकि पिछले कुछ ही सालों में बहुत पॉपुलर हो गया। कोरोना महामारी में ज्यादातर इस टेक्नोलॉजी को अपनाया गया है क्योंकि उस समय सभी स्कूल, कॉलेज बंद थे। ऐसे हालातों में सभी छात्रों की पढ़ाई पर बहुत बुरा असर पड़ रहा था तो ऐसी स्थिति में ई लर्निंग की महत्वता ओर बढ़ गई।
ई-लर्निंग के इतिहास पर नजर डालें तो इसका इतिहास बहुत प्राचीन है। इसकी अवधारणा बहुत समय पहले ही हो चुकी थी। मतलब सन् 1999 के पहले भी ई लर्निंग की अवधारणा चल रही थी।
सन् 1999 में इस शब्द का इस्तेमाल प्रथम बार Elliott Massie जिनको Education Technology Expert कहां जाता है। इन्होंने एक Conference में किया था। परंतु उस वक्त टेक्नोलॉजी एडवांस लेवल की नहीं थी। उस वक्त ई लर्निंग को कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, वेब बेस्ड ट्रेनिंग, संस्थानों और एजुकेशनल इंट्रानेट इत्यादि रूपों में लोगों तक एक्सेस किया जाता था व बाद में CD-ROM के माध्यम से भी इस सुविधाओं को प्रस्तुत किया।
धीरे-धीरे जैसे समय में परिवर्तन होता गया वैसे ही ई लर्निंग भी प्रसिद्धि प्राप्त करने में वृद्धि करता गया।

 

E-Learning के प्रकार कौन-कौन से हैं?

ई लर्निंग के प्रकार के बारे में नीचे विस्तार से जानकारियां जानते हैं जैसे-

 1. Synchronous-

Synchronous जिसको हिंदी में समकालिक कहते हैं। यहां ई लर्निंग का ऐसा प्रकार है। जो रियल टाइम प्रोसेस पर आधारित होता है। मतलब इसमें टीचर और स्टूडेंट दोनों भिन्न-भिन्न स्थान से किसी भी डिवाइस जैसे मोबाइल फोन या कंप्यूटर के माध्यम से किसी एप्लीकेशन की हेल्प से एक ही वक्त पर एक दूसरे के साथ कनेक्टेड हैं। कहने का मतलब टीचर स्टूडेंट को किसी भी विषय के बारे में कुछ पढ़ाता है, सिखाता है। ऐसी स्थिति में अगर स्टूडेंट के मन में विषय से संबंधित कोई सा भी प्रश्न है तो स्टूडेंट डायरेक्टर टीचर से प्रश्न को पूछ या शेयर कर सकता है। अपने डाउट को तुरंत क्लियर कर सकता है।
Synchronous E-Learning के कुछ उदाहरण- audio और video conferencing, live chat, virtual classroom, webinars, etc.

 2. Asynchronous-

Asynchronous जिसको हिंदी में अतुल्यकालिक कहते हैं। यहां रियल टाइम प्रोसेस से बहुत पृथक है। मतलब इसमें टीचर और स्टूडेंट दोनों एक ही समय में एक साथ कनेक्टेड नहीं हो सकते है। स्टूडेंट किसी भी समय पर पढ़, सीख सकता है क्योंकि स्टूडेंट को इसमें पहले से तैयार डिजिटल कंटेंट मिलते हैं उदाहरण- online course, blogs, websites, video tutorials, e-books, etc इनकी मदद से स्टूडेंट अपनी इच्छा के अनुसार किसी भी टाइम पर सीख सकते है।

E-Learning के फायदे क्या है?

ई लर्निंग की हेल्प से बहुत प्रकार के फायदे होते हैं। लेकिन कुछ मुख्य फायदे के बारे में निम्नलिखित तरीके से जानते हैं-

ई लर्निंग के माध्यम से हम घर बैठे आराम से कुछ भी नया सीख सकते हैं। हमें ना तो कॉलेज, स्कूल, कोचिंग कहीं भी जाने की जरूरत नहीं है।

ई लर्निंग की हेल्प से हमारा जो भी कन्फ्यूजन होता है। उसे आसानी से किसी भी समय क्लियर कर सकते हैं।

ई लर्निंग पर हम किसी भी टॉपिक पर असीमित, विस्तार से जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं।

हमारे समय की भी बहुत बचत होती है। जब हम पिकनिक पर होते हैं तब भी स्मार्टफोन की मदद से ई लर्निंग में अध्ययन कर सकते हैं।

ई लर्निंग active and independent एजुकेशन को बहुत सपोर्ट करता है।

 

E-Learning से नुकसान क्या है?

ई लर्निंग दो पहलू में वर्क करती है एक फायदा और दूसरा नुकसान, इसके फायदे के बारे में हम जान चुके हैं। अब कुछ नुकसान के बारे में चर्चा करेंगे तो आइए दोस्तों विस्तार से नीचे जानते हैं-

ई लर्निंग की मदद लेने के लिए सबसे खास इंटरनेट की आवश्यकता होती है और हम जानते हैं कि आज के जमाने में कई स्टूडेंट ऐसे भी है जो इंटरनेट का दुरुपयोग करते हैं।

आप जान तो गए होंगे कि इंटरनेट की जरूरत होती है और अगर कभी नेटवर्क प्रॉब्लम हो जाए, सर्वर डाउन हो जाए तो पढ़ाई करने में बहुत दिक्कत होती हैं।

अक्सर विद्यार्थी ई लर्निंग में अनुशासन एवं नियमों का पालन नहीं करते हैं। चुकीं विद्यार्थी को किसी भी टीचर की डांट, धमक नहीं रहती है। ऐसे में विद्यार्थी अपनी मनमर्जी करता है।

ई लर्निंग जिसमें स्मार्टफोन, कंप्यूटर्स इनकी मदद से ही ऑनलाइन पढ़ाई की जा सकती है परंतु स्क्रीन पर ज्यादा टाइम देने से इसका स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ता है।

यहां भी जाने-
E-Waste क्या है इसके कारण पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव क्या-क्या है?

 

सारांश-

दोस्तों इस आर्टिकल की मदद से आप जान गए होंगे कि E-LEARNING क्या है आशा करता हूं कि आपको सभी जानकारी पसंद जरूर आई होगी। इन सभी जानकारियों को अपने Friends, Family के साथ जरूर शेयर करें और आपका अगर कोई सा भी कन्फ्यूजन हो तो Comment करके निसंकोच पूछ सकते हैं।

“Thank you”

 

कुछ FAQ-

 Q.1 ई-लर्निंग पहली बार कब पेश किया गया था?
 Ans. सन् 1999 के पहले भी ई लर्निंग की अवधारणा चल रही थी। किंतु सन् 1999 में इस शब्द का इस्तेमाल प्रथम बार Elliott Massie जिनको Education Technology Expert कहां जाता है। इन्होंने एक Conference में किया था।

 Q.2 क्या ई-लर्निंग छात्रों के लिए अच्छा है?
 Ans. ई-लर्निंग छात्रों के लिए अच्छा है। क्योंकि इसमें विभिन्न प्रकार के प्लेटफार्म शामिल होते हैं जैसे- ऑनलाइन क्लास या लाइव क्लास, ऑडियो/विडियो, PDF, स्लाइडशो, वर्ड डॉक्यूमेंट, यूट्यूब, गूगल वेबसाइट्स इत्यादि जिनकी मदद से कोई भी व्यक्ति या स्टूडेंट आराम से शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं।

 Q.3 ई-लर्निंग की मुख्य विशेषताएं क्या हैं?
 Ans. ई-लर्निंग पर हम किसी भी टॉपिक पर असीमित, विस्तार से जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं।

 

Advertisement

Leave a Comment