DOS Attack क्या है इसके प्रकार,रोकने के उपाय क्या-क्या है?

गुजरता हुआ वक्त बहुत कुछ सिखा रहा है। बहुत कुछ नई चीजों को लेकर आ रहा है। हर तरफ परिवर्तन हो रहा है।नई-नई प्रकार की तकनीकियां आती जा रही है। आज का दैनिक जीवन बहुत आसान हो चुका है। हम कुछ क्षण में अनेक कार्यों को कंप्लीट कर सकते हैं परंतु कभी-कभी ऐसी स्थिति भी आ जाती है कि जिनका सामना कर पाना हमारे बस से बाहर होता है। ये तकनीकियां एक सिक्के के दो पहलू के जैसी होती है। एक तरफ लाभकारी है तो दूसरी तरफ नुकसानकारी सिद्ध हो रही है। आपने कभी Dos Attack के बारे में जरूर सुना होगा यहां ऐसा अटैक है। जिसके द्वारा कई सारे लोगों को बहुत समस्याएं आती हैं। आज इसी आर्टिकल में हम Dos Attack क्या है से रिलेटेड टोटल जानकारियां विस्तार से जानेंगे आइए दोस्तों बिना वक्त गंवाएं ओर सीखते हैं-

 

Dos Attack क्या है?

Dos Attack में हैकर किसी website/network को टारगेट बनाता है और इतनी ज्यादा ट्रैफिक generate करता है कि वेबसाइट/नेटवर्क उस ट्रैफिक को हैंडल नहीं कर पाता है और आखिरकार बंद हो जाता है। ऐसे में उस वेबसाइट के जितने भी रियल user होते हैं वे भी वेबसाइट पर available डाटा को access नहीं कर पाते हैं।
हर वेबसाइट या सर्वर की एक लिमिट होती है कि वह एक टाइम में ज्यादा-से-ज्यादा कितने users को हैंडल कर सकता है लेकिन यह अटैक ऐसा होता है जिसमें लगातार बहुत ज्यादा ट्रैफिक generate होता है और जिसके वजह से सर्वर स्लो हो जाता है और कई बार क्रैश भी अगर हम वेबसाइट/सर्वर की बात करें तो आपने कई बार देखा होगा ही कुछ websites जिनपे बहुत ज्यादा ट्रैफिक आता है बहुत ही स्लो हो जाती है। जैसे कि websites जिनपे किसी एग्जाम का रिजल्ट आना होता है तो उनपे एक ही टाइम में बहुत सारे लोग एक‌ साथ विजिट करते हैं, वेबसाइट थोडा स्लो काम करता है। माना ये जो वेबसाइट है उसकी लिमिट है कि वो per second 1000 लोगों को हैंडल कर सकती है, लेकिन अगर इस वेबसाइट पर Dos Attack हो जाये मतलब कि इस वेबसाइट पर fake traffic आनी शुरू हो जाये तो per second user बढ़ जायेंगे और आखिरकार सर्वर स्लो होते होते बंद भी हो सकता है तो ऐसे condition में जो real विजिटर है वो अपना रिजल्ट नहीं देख पाएंगे। इसे ही Dos Attack कहते हैं जिसमें fake traffic भेजकर सर्वर को इतना busy कर दिया जाता है कि वो स्लो होते होते बंद हो जाता है और उस वेबसाइट के रियल users डाटा एक्सेस नहीं कर पाते हैं।

 

Dos का फुल फॉर्म क्या है?

DOS का फुल फॉर्म “Denial Of Service” होता है। इसका हिंदी मतलब किसी सर्विस को देने से इंकार करना है।

 

Dos Attack के प्रकार-

Dos Attack के कुछ प्रकार के बारे में निम्नलिखित माध्यम से जानकारियां प्राप्त करते हैं-

1. Application Layer Attack:

इसको HTTP flood Attack के रूप में भी जाना जाता है। इस प्रकार के डॉस अटैक में हैकर Crash जैसी स्थिति को अंजाम देता है। कहने का मतलब की हैकर सेवाओं को Crash कर देता है यानी कि बंद करने का पूरा प्रयास करता है।
IP address को रिक्वेस्ट के द्वारा इतना अधिक भरता है कि फिर उसका Crash होना निश्चित ही है। Crash होने के बाद सर्वर पर अधिक लोड बढ़ जाता है तो सर्वर धीरे वर्क करता है या बंद भी हो सकता है।

2. Distributed Denial of Service Attack (DDos):

इस प्रकार के डॉस अटैक में कुछ अलग मेथड का यूज किया जाता है। इसमें अटैक ट्रैफिक के अन्य प्रकार के साधनों के इस्तेमाल से होता है अर्थात इस तरह के डॉस अटैक में एक Distributed नेटवर्क मौजूद होता है। इसमें बहुत सारे हैकर साथ-साथ मिलकर अटैक करते हैं तथा क्लाइंट को फिर रिक्वेस्ट भेज‌ते है। नेटवर्क में जितने भी मशीनें (बैंडविड्थ, प्रोसेसिंग पावर, मेमोरी) या संगठन स्थित होते हैं। उनको हैकर्स द्वारा कंट्रोल कर लिया जाता है या फिर समाप्त किया जाता है। इसके बाद legal यूजर को अपना कार्य करने में परेशानी होती है।

3. Unintended Denial of Service Attacks:

इसमें नेटवर्क को टारगेट नहीं करा जाता है। इसमें सर्वर डाउन जैसी प्रॉब्लम का सामना करना पड़ता है। यहां एक तरह से अप्रत्याशित नेटवर्क होता है जो अनेक यूजर्स को अपने साथ जोड़ने के लिए ऑफर करता है। इसमें यूजर्स का जब ज्यादा ट्रैफिक बढ़ जाता है तब सर्वर बिल्कुल डाउन हो जाता है तथा बहुत ही slow वर्क करता है।

 

Dos Attack को रोकने के उपाय क्या-क्या है?

Dos Attack को रोकने के लिए और कम करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय निम्नलिखित माध्यम से प्रदर्शित किए गए हैं।
आइए जिनके बारे में जानते हैं-

आपको अपने नेटवर्क के लिए firewall configuration का इस्तेमाल करना चाहिए। यहां अनुमति विनियमित और अनुप्रयोग के अत्यधिक ट्राफिक को रोकता है।

Traffic Filtering भी एक अच्छा विकल्प है। इसमें आप एक्सेस कंट्रोल लिस्ट व DOS फिल्टर जैसे टूल्स का यूज़ करें जिनकी सहायता से आप अनजान या अनगिनत यूजर्स के माध्यम से आने वाले ट्रैफिक को रोक सकते हैं।

Bandwidth के इस्तेमाल पर कंट्रोल रखें तथा प्रतिबंध को सेट कर दे। इनसे जो अत्यधिक ट्राफिक आता है उसको रोका जा सकता है।

अपनी वेबसाइट को सिक्योर रखने के लिए आप कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क (CDN) जैसी सर्विस का यूज कर सकते हैं।

अपने डिवाइस के सभी सॉफ्टवेयर, एप्लीकेशन और ऑपरेटिंग सिस्टम को समय-समय पर patch और अपडेट करते रहना चाहिए।

यहां भी जाने-
LiFi Technology क्या है इसके उपयोग कौन-कौन से हैं?

 

सारांश-

दोस्तों इस आर्टिकल की मदद से आप जान गए होंगे कि Dos Attack क्या है कैसे रोका जा सकता है।
आशा करता हूं कि आपको सभी जानकारी पसंद जरूर आई होगी। इन सभी जानकारियों को अपने Friends, Family के साथ जरूर शेयर करें और आपका अगर कोई सा भी कन्फ्यूजन हो तो Comment करके निसंकोच पूछ सकते हैं।

Thank you

 

Dos Attack से संबंधित कुछ FAQ-

  Q.1 Dos Attack कैसे काम करता है?
  Ans. Dos Attack में हैकर किसी website/network को टारगेट बनाता है और इतनी ज्यादा ट्रैफिक generate करता है कि वेबसाइट/नेटवर्क उस ट्रैफिक को हैंडल नहीं कर पाता है और आखिरकार बंद हो जाता है। ऐसे में उस वेबसाइट के जितने भी रियल user होते हैं वे भी वेबसाइट पर available डाटा को access नहीं कर पाते हैं।

  Q.2 Dos Attack को रोकने के लिए क्या करना चाहिए?
  Ans. Traffic Filtering भी एक अच्छा विकल्प है। इसमें आप एक्सेस कंट्रोल लिस्ट व DOS फिल्टर जैसे टूल्स का यूज़ करें जिनकी सहायता से आप अनजान या अनगिनत यूजर्स के माध्यम से आने वाले ट्रैफिक को रोक सकते हैं।

 

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