LiFi Technology क्या है इसके उपयोग कौन-कौन से हैं?

Present Time में निरंतर लोगों के पास बहुत सारी टेक्नोलॉजी आ चुकी है परंतु future का कुछ कह नहीं सकते। आखिर कब टाइम बदल जाए इसका किसी को मालूम नहीं है। कब नई नई टेक्नोलॉजी लॉन्च हो जाए इसका कोई अनुमान नहीं है। धीरे-धीरे सभी क्षेत्र में Growth हो रही है। आज तो लोगों के पास ऐसी-ऐसी सुविधाएं हर समय तत्पर रहती है जिन्हें यूज़ करना काफी आसान है।
LiFi भी इन्हीं टेक्नोलॉजी में से एक है। जिसके बारे में हम संपूर्ण जानकारी जानने की पूरी कोशिश करेंगे। तो आइए दोस्तों बिना देर करें जानते हैं-

 

LiFi Technology क्या है?

LiFI यह एक High Speed Optical Wireless Technology है। इस LiFi technology में Visible Light (LED बल्ब से निकलने वाली रोशनी) का इस्तेमाल डिजिटल इंफॉर्मेशन ट्रांसमिशन में किया जाता है। यह Technology WiFi से मिलती जुलती है वैसे तो दोनों WiFi और LiFi में काफी अंतर है। दोनों सामान इसीलिए है क्योंकि दोनों वायरलेस तरीके से इंफॉर्मेशन को शेयर करते हैं। इस टेक्नोलॉजी में Light के माध्यम से डाटा ट्रांसफर होने के कारण इसकी speed करीबन 224 GBps है। जो wifi से करीबन 1000 गुणा ज्यादा है। मतलब यह टेक्नोलॉजी हर जगह उपलब्ध नहीं है।


वरना आप कुछ सेकेंड्स के अंदर, एक LED बल्ब के नीचे खड़े हो कर मूवीस, वीडियोस डाउनलोड कर सकते हैं। इसका फायदा यह भी है। इंटरनेट की सेवा आपको मिलने के साथ, आपके कमरे में कभी भी अंधेरा होगा ही नहीं क्यूंकि जब आप LIFI बल्ब को ऑन करोगे तब रोशनी भी निकलेगी और इंटरनेट भी।

 

LiFi का फुल फॉर्म क्या है?

LiFi जिसका पूरा नाम “Light Fidelity” होता है और इसका हिंदी अर्थ “प्रकाश निष्ठा” हैं।

 

LiFi का इतिहास-

लाईफाई जिसका विकास Edinburgh University के “Prof. Harald Hass” ने किया है इनको लाईफाई का खोजकर्ता भी माना जाता है।
सन् 2011 की बात है जब प्रथम बार उन्होंने सभी लोगों को TED Global Talk में लाईफाई का इंट्रोडक्शन दिया, लाईफाई को उपस्थित करा।

फिर PureLifi नामक कंपनी को Prof. Haas ने शुरू किया। PureLifi कंपनी का सही नाम PureVLC था। यहां मुख्य रूप से एक OEM (Original Equipment Manufacturer) कंपनी थी। लेकिन जब लाईफाई आया तब इसको बेस्ड एलईडी बल्ब के निर्माण करने के लिए शुरू किया।

सन् 2012 में उन्होंने टेक्नोलॉजी पर बेहतर वर्क करके VLC Technology को व्यक्त किया।
फिर सन् 2013 में अगस्त के महीने में उन्होंने Single Color LED में 1.6GBit/Sec में डेटा को संचारित करने वाले प्रोजेक्ट को प्रमाणित कर दिया।
इसके बाद सन् 2015 में लाईफाई टेक्नोलॉजी का प्रथम प्रोडक्ट तैयार किया गया। जिसको Liflame के नाम से जाना जाता था।

ठीक इसके 3 साल बाद सन् 2018 में लाईफाई पर जरूरी निरीक्षण किया गया यहां निरीक्षण Scotland के Kyle Academy में सभी स्टूडेंट्स की उपस्थिति में किया गया था। जिसमें स्टूडेंट और सभी को यहां पता चला कि यह टेक्नोलॉजी, लैपटॉप और कंप्यूटर में लाईफाई द्वारा इंटरनेट डाटा प्रोवाइड कराने में पूर्णता सक्षम है।

प्रजेंट टाइम में PureLifi कंपनी के को-फाउंडर Prof. Harald Hass है। फ्यूचर में लाईफाई की गति को 5 GB/sec तक करने में कोशिश निरंतर की जा रही है और यहां बहुत जल्द मुमकिन भी हो सकता है।

 

LiFi के उपयोग कौन-कौन से हैं?

लाईफाई के कुछ उपयोग निम्नलिखित है-

  • लाईफाई का उपयोग हॉस्पिटल में ऑपरेशन थिएटर में किया जाता है। हॉस्पिटल में इसलिए किया जाता है क्योंकि जो मेडिकल डिवाइस होते हैं उन पर बल्ब की लाइट का कोई असर नहीं पड़ता है।

  • लाईफाई को ऑफिस वर्क या फिर घरों में भी उपयोग किया जाता है।

  • लाईफाई का ज्यादा उपयोग, जो space center होते हैं। उनमें हाई स्पीड के लिए किया जाता है।

  • underwater के जो प्रोजेक्ट होते हैं उनमें भी लाईफाई का यूज़ किया जाता है।

LiFi Technology
LiFi Technology

LiFi कैसे कार्य करता है?

लाईफाई टेक्नोलॉजी बहुत ही यूनिक तरीके से काम करता है। लाईफाई टेक्नोलॉजी में Light (प्रकाश) को बहुत महत्व दिया जाता है क्योंकि लाइट की वजह से ही लाईफाई डाटा को ट्रांसमिट करता है।
इसकी कार्य प्रोसेस मात्र तीन प्रकार के कंपोनेंट्स पर आधारित है। इन कंपोनेंट्स के माध्यम से ही लाईफाई कंपलीटली वर्क करता है।‌ कंपोनेंट्स के नाम जैसे-

  • Lamp Driver
  • LED Lamp/LED Bulb
  • Photo Detector

ये कंपोनेंट्स लाईफाई में क्या भूमिका निभाते हैं अब यह जानकारी निम्नलिखित तरीके से जानते हैं-

Lamp Driver : 

Lamp Driver जिससे इंटरनेट का मेन सोर्स कनेक्ट रहता है। Lamp Driver डाटा सिंगल को LED Lamp/LED Bulb के पास सेंड करता है।

LED Lamp :

LED Lamp के माध्यम से जो Light Waves (प्रकाश तरंगें) निकलती है। उन प्रकाश तरंगों को Photo Detector रिसीव करता है व जो लाइट का सिग्नल होता है उसको बाइनरी कोड मतलब 0,1 में ट्रांसमिट करता है तथा अंत में मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप में डाटा को प्रोसेस करने के लिए भेज देता है।

Note : LiFi डाटा को Light (प्रकाश) के माध्यम से ट्रांसमिट करता है। जब LED Lamp/LED Bulb ओन रहेगा तब ही डाटा एक्सेस होता है एवं जब ऑफ रहेगा तब डाटा एक्सेस नहीं होता है।

 

LiFi के फायदे क्या है?

लाईफाई के कुछ फायदे निम्नलिखित माध्यम से दर्शाए गए हैं-

  • लाईफाई की स्पीड बहुत तेज होती है speed करीबन 224 GBps है।

  • जब LIFI बल्ब को ऑन करोगे तब रोशनी भी निकलेगी और इंटरनेट भी, ये दोनों ही चीजें हमारे लिए यूज़फुल है।

  • लाईफाई को कहीं भी किसी भी स्थान पर यूज कर सकते हैं।

  • लाईफाई पर एक से अधिक यूजर कनेक्ट होकर हाय स्पीड डेटा का यूज कर सकते हैं। ऐसे में डाटा स्पीड पर किसी भी प्रकार का असर नहीं पड़ता है।

  • लाईफाई के यूज से हैकिंग जैसे प्रॉब्लम उत्पन्न नहीं होती है क्योंकि लाईफाई डाटा को सुरक्षित माध्यम से ट्रांसमिट करता है।

 

LiFi से हानियां क्या है?

लाईफाई जिस प्रकार उपयोगी साबित हुआ है उसी प्रकार इसकी कुछ हानियां भी है। जिनसे आप निम्नलिखित माध्यम से परिचित हो जाएंगे-

  • लाईफाई की रेंज बहुत सीमित होती है। आप केवल 10 मीटर के क्षेत्र में रहकर ही इसका यूज कर सकते हैं।

  • लाईफाई No light No internet मेथड पर डिपेंड होता है अगर कोई लाइट सोर्स उपलब्ध नहीं है। तो आप लाईफाई का यूज नहीं कर सकते।

  • धूप में लाईफाई के यूज करने में कुछ दिक्कतें आ सकती है।

  • लाईफाई काफी महंगी टेक्नोलॉजी है परंतु फ्यूचर में इसकी प्राइस में कुछ गिरावट आ सकती है।

  • लाईफाई से आप इंटरनेट प्रकाश में रहकर ही एक्सेस कर सकते है। प्रकाश दीवार को पार नहीं कर सकता इसलिए आप एक कमरे के अंदर ही इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

 

LiFi एवं WiFi में क्या अंतर है?

LiFi और WiFi में बहुत अंतर है। दोनों सामान इस कारण है क्योंकि दोनों वायरलेस माध्यम से कार्य करते हैं but दोनों में जमीन और आसमान का अंतर है आइये निम्नलिखित माध्यम से जानते हैं-

 LiFi में डेटा ट्रांसमिशन Light के द्वारा होता है।
WiFi में डेटा ट्रांसमिशन Radio Waves के द्वारा होता है।

1. LiFi मात्र 10 मीटर क्षेत्र को कवर करता है।
WiFi 32 मीटर क्षेत्र को कवर करने में सक्षम है।

2. LiFi की डेटा ट्रांसफर स्पीड बहुत अधिक होती है 1 GB/sec
WiFi की डेटा ट्रांसफर स्पीड बहुत कम होती है 150 MB/sec

3. LiFi काफी महंगा होता है।
Wifi को बहुत कम खर्चे में यूज कर सकते हैं।

4. LiFi डाटा ट्रांसमिशन करने के लिए एक secure साधन है।
Wifi डाटा ट्रांसमिशन करने के लिए secure साधन नहीं है।

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Conclusion-

दोस्तों इस आर्टिकल की मदद से आप जान गए होंगे कि Light Fidelity (LiFi) कितना महत्व रखता है।
आशा करता हूं कि आपको सभी जानकारी पसंद जरूर आई होगी। इन सभी जानकारियों को अपने Friends, Family के साथ जरूर शेयर करें और आपका अगर कोई सा भी कन्फ्यूजन हो तो Comment करके निसंकोच पूछ सकते हैं।

Thank you

 

कुछ FAQ-

  Q.1 वाईफाई और लाईफाई में क्या अंतर है?
  Ans. Wifi डाटा ट्रांसमिशन करने के लिए secure साधन नहीं है जबकि LiFi डाटा ट्रांसमिशन करने के लिए एक secure साधन है।

  Q.2 LiFi तकनीक क्या है?
  Ans. LiFI यह एक High Speed Optical Wireless Technology है। इस LiFi technology में Visible Light का इस्तेमाल डिजिटल इंफॉर्मेशन ट्रांसमिशन में किया जाता है।

  Q.3 लाईफाई वाईफाई से कैसे अलग है?
  Ans. लाईफाई में Light के माध्यम से डाटा ट्रांसफर होने के कारण इसकी speed करीबन 224 GBps है। जो wifi से करीबन 1000 गुणा ज्यादा है इसी कारण लाईफाई वाईफाई से अलग है।

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