DBMS क्या है? इसके प्रकार, फीचर्स, उपयोग, फायदे और नुकसान बताये। हिंदी में-

आज के आर्टिकल में हम DBMS क्या है इससे संबंधित सभी जानकारी को विस्तार से जानेंगे। दोस्तों यह एक सॉफ्टवेयर का रूप होता है जो बहुत ही हेल्पफुल है और जिसके गुण जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे। इसके द्वारा बहुत प्रकार के फायदे होते हैं। आजकल बहुत से ऐसे भी लोग हैं जिनको इसके बारे में जानकारियां नहीं है और यहां जमाना ऐसा चल रहा है। जिसमें कोई सी भी चीज फालतू नहीं है और दोस्तों मेरा कहना तो यही है कि किसी भी चीज को फालतू नहीं समझना चाहिए क्या पता कोई सी भी चीज हमें फ्यूचर में कब काम में आ जाए। इसका किसी को कोई मालूम नहीं है। चलिए बिना देर करें हम विस्तार से जानते हैं।

 

DBMS क्या है?

DBMS यहां एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जिसका वर्क डेटाबेस में जो यूजर्स का डाटा होता है उसको स्टोर करना, मैनेज करना व मेनू प्लेट करना। एक डेटाबेस एक ऐसा कलेक्शन होता है जो कलेक्टेट और स्ट्रक्चर्ड फॉर्मेट के रूप में कंप्यूटर में स्टोर्ड होता है मतलब हम एक डेटाबेस क्रिएट करके कई सारे अलग-अलग डाटा को इकट्ठा करके कंप्यूटर में रख सकते हैं। इसको जरूरत के हिसाब से मैनेज भी किया जा सकता है। DBMS जिसका फुल फॉर्म “Database Management System” होता है।

आसान शब्दों में जाने तो- जो एक डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम (DBMS) होता है। उसका कार्य फॉर्मेट, फील्ड नाम, रिकॉर्ड की संरचना तथा फाइल संरचना इत्यादि को संभालना है उदाहरण जैसे- MySQL, Microsoft Access, Oracle etc. आज जो टाइम चल रहा है उसमें डेटाबेस का महत्व बहुत ही उल्लेखनीय है। डेटाबेस विभिन्न क्षेत्रों में तैयार किए जाते हैं जैसे बैंक, रेलवे, विद्यालय, बिजनेस, स्पेशल गवर्नमेंट ऑफिस इत्यादि। डेटाबेस से एक फायदा यहां होता है कि इसके द्वारा डेटा का एनालिसिस करना सिंपल होता है। जिस वजह से ना तो यूजर और ना हीं प्रोग्राम को अवेलेबल डाटा को व्यवस्थित रखने में दिक्कत होगी। दोस्तों आप इन बातों से समझ गए होंगे कि आखिर DBMS ऐसा सिस्टम है जो डेटाबेस के द्वारा इनफॉरमेशन या डाटा कि quick search और recovery के लिए बढ़िया प्लेटफार्म है।

 

DBMS के प्रकार कौन-कौन से हैं?

DBMS के कई सारे टाइप्स होते हैं किंतु कुछ विशेष टाइप्स के बारे में है निम्नलिखित जानकारियां दी गई है चलिए जानते हैं-

1. Network Database-

नेटवर्क डेटाबेस इसमें जितने भी डेटाबेस होते हैं वह आपस में एक-दूसरे से नेटवर्क जैसे कनेक्टड रहते हैं। इसमें एक डाटा से जो दूसरे डाटा के बीच रिलेशन होता है उसकी लिंक के रूप में दर्शाया जाता है।

2. Relational Database-

रिलेशन डेटाबेस यह बहुत ही फेमस टाइप का है। इसमें टेबल के द्वारा किसी भी तरह के डाटा को स्टोर किया जा सकता है। मतलब इसमें डाटा rows और columns फॉर्मेट में होते हैं। इसलिए इसको स्ट्रक्चर डेटाबेस भी कहते हैं। इसका यूज अक्सर ज्यादा होता है क्योंकि यहां बहुत ही सिंपल मॉडल है और निश्चित संरचना यानी फिक्स फ्रेम में स्टोर करता है।

3. Object-Oriented Database-

ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड डेटाबेस डाटा को ऑब्जेक्ट तरीके में स्टोर करता है। इसके स्ट्रक्चर को क्लास कहा जाता है और यहां डाटा को प्रदर्शित करती हैं। इसमें डाटा एवं उसके मध्य के संबंध का एक तरह से सिंगल स्ट्रक्चर रूप में होता है।

4. Hierarchical Database-

इस टाइप में डाटा मुख्य रूप से Hierarchical फार्म में स्टोर होता है। इसमें डाटा एक-दूसरे से बिल्कुल Hierarchical स्ट्रक्चर में कनेक्टड होता है। कहने का अर्थ की इस डेटाबेस को tree-structure जैसा मैनेज किया जाता है। इसमें नोड्स लिंक के जरिए कनेक्ट होते हैं अर्थात ऊपर-नीचे या फिर टॉप-बॉटम में।

 

DBMS के फीचर्स कौन-कौन से हैं?

• यहां डाटा के मध्य जटिल संबंधों में सुधार करता है।
• इसकी खासियत यहां भी है कि यह यूजर को Query Language प्रोवाइड करता है जिसके माध्यम से डाटा को मैनेज करने में ओर भी अधिक सहायता मिलती है।
• इसमें बैकअप और रिकवरी का ऑप्शन होता है। यानी की यूजर को इसकी हेल्प से डाटा लॉस होने का भय नहीं रहता है।
• यहां बड़ी क्वांटिटी में डाटा को हैंडल करने में सक्षम है।

 

DBMS का उपयोग किन-किन स्थानों पर होता है?

1. In banking-

बैंकिंग फील्ड में इसका बहुत ही महत्व होता है। कस्टमर के लेनदेन हिसाब, इनफार्मेशन, लोन, अकाउंट्स लगभग सभी को high level Maintain किया जाता है।

2. Telecom-

टेलीकम्युनिकेशन में भी बहुत हेल्प करता है यानी की बिल पेमेंट्स, कॉल्स के डिटेल, डाटा उपयोग इत्यादि जानकारी को स्टोर और मैनेज करने में पूर्णतः सक्षम है।

3. Railway Reservation-

रेलवे रिजर्वेशन में भी अहम भूमिका निभाता है। रेलवे में इसका कार्य भिन्न-भिन्न ट्रेन व टिकट इत्यादि में मददगार होता है।

4. In college and university-

कॉलेज एवं यूनिवर्सिटी में भी इसका बहुत उपयोग होता है जैसे स्टूडेंट के रिकार्ड्स, कोर्स का रजिस्ट्रेशन लगभग सभी को मेंटेन में करने में बहुत महत्व रखता है।

5. finance-

फाइनेंस सेक्टर में भी मददगार है जैसे स्टॉक, सेल्स, परचेस इत्यादि रिकॉर्ड को इसके द्वारा ही रख सकते हैं।

 

DBMS के क्या फायदे हैं?

इसके कुछ फायदे निम्नलिखित दशाएं गए हैं चलिए जिनके बारे में विस्तार से जानते हैं-

• यहां विशेष मल्टी यूजर एनवायरमेंट को सिंपली सपोर्ट करता है।
• डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम के यूज से समय की काफी बचत होती है।
• इसके माध्यम से डाटा रिकवरी प्रोसेस कंप्लीट कर सकते हैं मतलब कभी बाई चांस कंप्यूटर खराब हो जाता है तो इस स्थिति में स्केल पर से पुनः डाटा रिकवरी की जा सकती है।
• इसकी हेल्प से डाटा को सर्च करना बहुत आसान होता है।
• इसके द्वारा डाटा का sharing आसानी से किया जा सकता है।

 

DBMS के नुकसान क्या हैं?

यहां एक तरफ फायदेमंद है तो दूसरी तरफ नुकसानकारी भी सिद्ध हुआ है। जिसके चलते कुछ नुकसान को उठाना पड़ता है चलिए नीचे विस्तार से जानते हैं-

• इसमें लागत में बढ़ोत्तरी होती है मतलब हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का खर्च अधिक होता है।
• इसमें बार बार complex system देखने को मिल सकता है।
• जहां काफी हैवी सॉफ्टवेयर होता है जिसको रन कराने के लिए अधिक मेमोरी की आवश्यकता पड़ती है।
• इसमें कई सारी फाइलें एक ही डेटाबेस में स्टोर होती है। जिस कारण डेटाबेस फेल्योर की संभावना होती है और डाटा लूज़ भी हो सकता है।

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सारांश-

दोस्तों इस आर्टिकल की मदद से आप जान गए होंगे कि DBMS क्या है? आशा करता हूं कि आपको सभी जानकारी पसंद जरूर आई होगी। इन सभी जानकारियों को अपने Friends, Family के साथ सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें और आपका अगर कोई सा भी कन्फ्यूजन हो तो Comment करके निसंकोच पूछ सकते हैं।
Thank you

 

कुछ FAQ-

Q.1 DBMS क्या है इसे समझाइए?
Ans. DBMS यहां एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जिसका वर्क डेटाबेस में जो यूजर्स का डाटा होता है उसको स्टोर करना, मैनेज करना व मेनू प्लेट करना। एक डेटाबेस एक ऐसा कलेक्शन होता है जो कलेक्टेट और स्ट्रक्चर्ड फॉर्मेट के रूप में कंप्यूटर में स्टोर्ड होता है मतलब हम एक डेटाबेस क्रिएट करके कई सारे अलग-अलग डाटा को इकट्ठा करके कंप्यूटर में रख सकते हैं। इसको जरूरत के हिसाब से मैनेज भी किया जा सकता है।

Q.2 DBMS के लाभ क्या हैं? in hindi
Ans. इसके कुछ लाभ निम्नलिखित दशाएं गए हैं-
• डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम के यूज से समय की काफी बचत होती है।
• इसके माध्यम से डाटा रिकवरी प्रोसेस कंप्लीट कर सकते हैं मतलब कभी बाई चांस कंप्यूटर खराब हो जाता है तो इस स्थिति में स्केल पर से पुनः डाटा रिकवरी की जा सकती है।
• इसकी हेल्प से डाटा को सर्च करना बहुत आसान होता है।

Q.3 DBMS का फुल फॉर्म क्या होता है?
Ans. DBMS जिसका फुल फॉर्म “Database Management System” होता है।

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