Bridge क्या है? इसके प्रकार, कार्य विधि, उपयोग, लाभ और नुकसान बताइये।

हेलो फ्रेंड्स आज के आर्टिकल में हम एक ऐसे विषय पर बात करने वाले जो बहुत ही खास होने वाला है। वैसे यहां विषय कंप्यूटर नेटवर्क से संबंधित है लेकिन इसके बारे में भी कई लोगों को इनफॉरमेशन मालूम नहीं है। आज का टाइम ऐसा चल रहा है कि जहां हर छोटी से छोटी जानकारी भी बहुत लाभकारी होती है। मतलब की हर चीज के बारे में ज्यादा ना सही थोड़ा बहुत नॉलेज जरूर होना चाहिए क्या पता कौन सी चीज कब काम आ जाए। इस खास विषय का नाम Bridge है। चलिए दोस्तों बिना देर करें जल्द से जल्द इस आर्टिकल की मदद से जानते हैं कि आखिर कंप्यूटर नेटवर्क में ब्रिज क्या है तो चलिए विस्तार से जानते हैं-

 

नेटवर्क ब्रिज क्या है? Bridge in Hindi

Bridge- वहां नेटवर्क डिवाइस जो दो या दो से ज्यादा नेटवर्क सेगमेंट्स को जोड़ने में सहायक होता है उसको ब्रिज कहते हैं। ब्रिज का मेन वर्क दो “sub-network” को कनेक्ट करना होता है। मतलब यहां OSI मॉडल के डेटा लिंक लेयर पर वर्क करता है तथा यहां एक ही टाइप के प्रोटोकॉल का यूज करके कई सारे नेटवर्क के बीच इंटरकनेक्शन क्रिएट कर सकता है।

दोस्तों सरल शब्दों में कहे तो- ब्रिज बिल्कुल एक पूल की तरह ही होता है। मतलब एक पूल दोनों तरफ की जमीन को जोड़ता है वैसे ही नेटवर्क ब्रिज दो नेटवर्क को आपस में कनेक्ट करता है। इसका वर्क OSI मॉडल के डेटा लिंक लेयर पर आधारित होता है इसलिए इसको Layer 2 डिवाइस भी कह सकते हैं। एक ब्रिज के इस्तेमाल से एक wide network को तीन डिफरेंट-डिफरेंट सेगमेंट्स में डिवाइड करना आसान होता है। इसका मुख्य कार्य रिसीव ट्रैफिक को चेक करना तथा चेक करने के बाद उसको फिल्टर करना व फॉरवर्ड करना भी होता है। नेटवर्क प्रदर्शन को अगर बेहतर बनाना है तो ब्रिज का यूज बहुत ही अच्छा हो सकता है।

Bridge के प्रकार कौन-कौन से हैं?

Bridge के प्रकार निम्नलिखित दिए गए हैं चलिए विस्तार से जानते हैं-

1. Transparent Bridge :

Transparent Bridge को लर्निंग ब्रिज के नाम से भी जाना जाता है। यहां एक तरह से प्लग एंड प्ले ब्रिज है। इसका मेन वर्क MAC Address के आधार पर डेटा पैकेट फारवर्ड या फिर ब्लॉक करना होता है। ज्यादातर कंप्यूटर नेटवर्क में इस तरह के ही ब्रिज का यूज काफी विश्वसनीय हैं।

2. Source Routing Bridge :

Source Routing Bridge यह एक तरह से तकनीक होती है जिसका खास उपयोग token ring network के लिए होता है। इसको डिजाइन करने के लिए IBM का बड़ा समर्थन रहा है। यहां ब्रिज बहुत ही यूनिक टाइप का है मतलब यहां डिसाइड करता है की फ्रेम नेटवर्क में कैसे फॉरवर्ड होगा। लूपिंग की प्रॉब्लम को अगर रोकना है तो इस प्रकार के ब्रिज का यूज काफी उचित हो सकता है।

3. Translational Bridge :

Translational Bridge इस ब्रिज का कार्य रिसीव डाटा को नेटवर्किंग सिस्टम से दूसरे में कन्वर्ट करना होता है। कहां जाए तो इसका उपयोग वहां होता है जहां दो भिन्न-भिन्न टाइप के नेटवर्किंग सिस्टम के मध्य डाटा कम्युनिकेशन की जरूरत पड़ती है। ट्रांसलेशन ब्रिज एक तरह से ट्रांसलेट का कार्य करता है अर्थात यहां फ्रेम में इनफार्मेशन को कनेक्ट और डिस्कनेक्ट करने का वर्क करता है।

Bridge की कार्य विधि/ कैसे काम करता है?

Bridge की कार्य विधि- जब कभी भी डाटा को एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क पर सेंड करना जरूरी होता है तब सर्वप्रथम नेटवर्क ब्रिज दोनों नेटवर्कों को आपस में कनेक्ट करता है। इसके पश्चात नेटवर्क ब्रिज यहां मालूम करता है कि डेटा किस नेटवर्क से रिसीव हुआ है और उसको किस नेटवर्क पर सेंड करना है। इन सभी प्रश्नों के उत्तर ढूंढकर नेटवर्क ब्रिज डाटा को निश्चित नेटवर्क पर पहुंचा देता है।

इसी प्रकार एक नेटवर्क ब्रिज दो डिफरेंट-डिफरेंट नेटवर्क को कनेक्ट करता है और उनके मध्य डाटा को शेयर करता है।

 

Bridge के उपयोग क्या है?

Bridge के उपयोग-

1. ब्रिज का उपयोग नेटवर्क में ट्रैफिक को घटाने के लिए होता है।

2. ब्रिज विशेष रूप से लेन की कैपेसिटी को बढ़ाने में काफी फायदेमंद है।

3. ब्रिज वहां बहुत उपयोगी होता है जहां डाटा फिल्टरिंग का कार्य होता है।

4. ब्रिज के उपयोग से दो या फिर दो से अधिक लेन को कनेक्ट करना संभव होता है।

 

Bridge के लाभ क्या है?

Bridge के लाभ-

• ब्रिज दो टाइप के नेटवर्क को आपस में कनेक्ट कर सकता है।

• डाटा फिल्टर में काफी लाभकारी है।

• नेटवर्क ट्रेफिक जैसी प्रॉब्लम को कम करने में ब्रिज काफी अच्छा प्रदर्शन करता है।

• ब्रिज में ज्यादा पोर्ट नहीं होते हैं बल्कि दो पोर्ट होते हैं।

• ब्रिज का रखरखाव बहुत ही सिंपल होता है।

• इसको इंस्टॉल करना भी बहुत सिंपल होता है।

 

Bridge के नुकसान क्या है?

Bridge के नुकसान-

• ब्रिज काफी एक्सपेंसिव होते हैं।

• ब्रिज ब्रॉडकास्ट को फ़िल्टर नहीं कर पाते हैं।

• डाटा को अलग-अलग तरीके से फिल्टरिंग करना संभव नहीं है।

• ब्रिज खास करके IP addresses को पढ़ने में असफल होते हैं।

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सारांश-

दोस्तों इस आर्टिकल की मदद से आप जान गए होंगे कि Bridge क्या है? आशा करता हूं कि आपको सभी जानकारी पसंद जरूर आई होगी। इन सभी जानकारियों को अपने Friends, Family के साथ जरूर शेयर करें और आपका अगर कोई सा भी कन्फ्यूजन हो तो Comment करके निसंकोच पूछ सकते हैं।

Thank you

 

कुछ FAQ-

Q.1 कंप्यूटर नेटवर्क में ब्रिज क्या है?
Ans. वहां नेटवर्क डिवाइस जो दो या दो से ज्यादा नेटवर्क सेगमेंट्स को जोड़ने में सहायक होता है उसको ब्रिज कहते हैं। ब्रिज का मेन वर्क दो “sub-network” को कनेक्ट करना होता है।

Q.2 Bridge क्यों उपयोग होता है?
Ans. एक ब्रिज के इस्तेमाल से एक wide network को तीन डिफरेंट-डिफरेंट सेगमेंट्स में डिवाइड करना आसान होता है। इसका मुख्य कार्य रिसीव ट्रैफिक को चेक करना तथा चेक करने के बाद उसको फिल्टर करना व फॉरवर्ड करना भी होता है।

 

 

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