राजस्थान में बन कर तैयार हुआ विश्व का पहला – ॐ आकार का मंदिर

नव वर्ष 2024 बहुत ही खास है सभी भारतवासियों के लिए क्योंकि इस वर्ष में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा हुई है। वही राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के करीब एक माह पश्चात देश को फिर से एक और विराट मंदिर मिलेगा। यहां मंदिर बहुत ही खास होने वाला है। बहुत सारी विशेषताएं इस मंदिर की होने वाली है जो शायद आपने कभी सोच नहीं होगी। यह मंदिर राजस्थान के पाली में बन रहा है और यहां एक शिव मंदिर है। जब इसको आसमान से देखा जाता है तो यहां ओम (ॐ) आकृति जैसा दिखाई पड़ता है। इससे शिव मंदिर का उद्घाटन भी बहुत ही नजदीक है और इस उद्घाटन में करीब 60 देश के मेहमान शामिल होंगे। राजस्थान के पाली में बन रहे इस शिव मंदिर की कुछ खास विशेषताएं चलिए जिनको हम जानने का प्रयास करते हैं।

राजस्थान में  बन कर तैयार हुआ विश्व का पहला - ॐ आकार का मंदिर

राजस्थान में बन कर तैयार हुआ विश्व का पहला – ॐ आकार का मंदिर

यहां एक शिव मंदिर है और इसको जब आसमान से देखा जाता है तो इसकी आकृति बिल्कुल ओम के समान दिखाई देती है। इस मंदिर में भगवान शिव जी के 1008 स्वरूप के दर्शन होंगे। यह मंदिर ओम आकृति का है और यहां दुनिया का पहला ओम आकृति वाला शिव मंदिर है। राजस्थान के पाली शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित जार्डन में यहां शिव मंदिर बना है और इसका उद्घाटन 19 फरवरी को किया जाएगा। इस मंदिर में जिन पत्थरों का उपयोग किया गया है वह गुलाबी पत्थर है। यह मंदिर जितना विशाल है उतनी ही इस मंदिर के नक्काशी भी संजीव लगती है। गर्भगृह में भगवान शिव जी की 108 मूर्तियां लगी है। यह मंदिर करीब पूर्व से पश्चिम दिशा तक 185 मीटर में और वही उत्तर से दक्षिण दिशा में 252 मीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। इस मंदिर की ऊंचाई 38 मीटर है और इसको गुलाबी पत्थरों से बनाया गया है।

 

शिव मंदिर को बनाने में कितना वक्त लगा है?

ओम आकृति के इस शिव मंदिर को बनाने में करीब 28 साल का वक्त लग चुका है। इसकी सबसे पहले शुरुआत सन 1995 में हुई थी तभी से इसका कार्य निरंतर चलता आ रहा था। इस मंदिर में सभी भक्तों को मंदिर का जो वस्तु है वह बहुत ही अद्भुत नजर आएगा।

 

ओम आकार शिव मंदिर की अद्भुत विशेषताएं

इस शिव मंदिर को चार खंडों में विभाजित किया गया है। इस शिव मंदिर में एक फ्लोर जमीन के अंदर और वहीं जमीन के ऊपर पूरे तीन मंजिल है। इस शिव मंदिर में सभी भक्तगण 12 ज्योतिर्लिंग भगवान शिव जी के स्वरूपों का दर्शन करेंगे। बताया जा रहा है कि एक शिवलिंग पर 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन होंगे। यहां 12 ज्योतिर्लिंग वाला एक शिवलिंग बहुत ही अद्भुत है। इस मंदिर में चंद्रबिंदु को नौ मंजिला कीर्ति स्तंभ का रूप मिला है। इस नौ मंजिल कीर्ति स्तंभ की संपूर्ण ऊंचाई 42 मीटर है। बता दे कि इस मंदिर में अर्धचंद्र को बिल्कुल पानी की झील के समान दर्शाया गया है। इस मंदिर में बहुत ही अद्भुत कृत्रिम पहाड़ और तालाब भी देखने को मिलेगा। गर्भगृह के ठीक सामने नदी की एक प्रतिमा नजर आएगी। जो बहुत आकर्षक लगने वाली है। ओम आकृति के इस शिव मंदिर में ऐसा भव्य नजारा देखने को मिल सकता है जो शायद विश्व में कहीं भी नहीं देखा गया।

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