ढाई किलो सोने का धनुष-बाण- पटना के महावीर मंदिर से अयोध्या राम मंदिर में दान के रूप में दिया।

अयोध्या नगरी बिल्कुल त्रेता युग की तरह सझ चुकी है और अब सभी भारतवासियों को 22 जनवरी का बेसब्री से इंतजार है क्योंकि उसे दिन भगवान श्री राम जी की प्राण प्रतिष्ठा होगी। अयोध्या की चर्चा लगभग चारों दिशाओं में फैली हुई है और ऐसी कई सारी बातें निकल कर आ रही है। जो बहुत ही अद्भुत एवं विचित्र है। दोस्तों 22 तारीख को सभी के घर में दिवाली मनाई जाएगी। यह दिन सभी के लिए एक खास दिन बन जाएगा क्योंकि इसका बहुत वर्षों से कई भारतवासी इंतजार कर रहे हैं। अभी अयोध्या में कुछ कार्य बाकी है जो जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा। इसी बीच पटना से अयोध्या जा रहा है राम जी का धनुष बाण इसके बारे में बताया यहां भी जा रहा है कि यहां सोने का है और इसको पटना के महावीर मंदिर से अयोध्या राम मंदिर में दान के रूप में दिया जा रहा है। दोस्तों यहां पर एक प्रश्न आपके मन में जरूर उठा होगा कि आखिर इसको सोने का ही क्यों बनाया गया यहां तांबे, चांदी या फिर अष्टधातु का भी हो सकता था। चलिए इसके पीछे की वजह साथ में इस धनुष की खासियत तथा इसके बारे में संपूर्ण जानकारियां हम नीचे विस्तार से हासिल करते हैं-

 

ढाई किलो सोने का धनुष-बाण-

चेन्नई के खास एवं कुशल कारीगरों के द्वारा भगवान श्री राम जी के लिए ढाई किलो सोने का धनुष बनाया गया। अब पटना महावीर मंदिर ने अयोध्या राम मंदिर को दिया ढाई किलो सोने का धनुष बाण और इसकी कीमत करोड़ों में बताई जा रही है।
जानकारी यह भी निकाल कर आ रही है की मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी के हाथों में यहां धनुष-बाण विराजेगा। इस धनुष बाण के द्वारा भगवान श्री राम जी की भव्य मूर्ति बहुत ही शोभनीय एवं मनमोहक हो जाएगी। इस वक्त अयोध्या नगरी में पटना महावीर मंदिर करीबन 10 करोड़ रुपए दे रहा है। इसकी केवल अभी 2 करोड़ की किस्त बाकी है तो 2 करोड़ की किस्त के साथ ही इस धनुष को अयोध्या भेजा जायेगा। धनुष के साथ जो बना है वहां चंद्रमा के आकार जैसा है। इस बन को अग्निबाण कहा जाता है। अग्निबाण भगवान श्री राम जी के पास बहुत ही पराक्रमी था जिस वजह से शोभा बढ़ाने के लिए इस प्रकार के बाण को दान में दिया जा रहा है। देखने में यह धनुष बहुत ही सुंदर एवं आकर्षक है। यह धनुष-बाण प्यूर सोने से बनाया गया है। बता दे की दोस्तों इसको चेन्नई में बनाया गया है। यह एक बात निकल कर आ रही है आखिर इसको चेन्नई में ही क्यों बनवाया गया तो इसके भी पीछे की वजह हम बेझिझक जानते हैं।

 

आखिर चेन्नई में ही क्यों बनवाया गया सोने का धनुष-बाण?

दोस्तों चेन्नई में पिछले 200 वर्षों से नकाशी का कार्य करने वाले कारीगर हैं। उन्होंने बहुत ही अद्भुत तरीके से इस धनुष को तराशा है। चेन्नई के कुशल कार्यक्रमों ने इस धनुष में भिन्न-भिन्न तरीके की नकाशी की है। इस धनुष के मध्य सूर्य को बनाया गया है। सूर्य बनाने की वजह यह है कि भगवान श्री राम सूर्यवंशी थे। चेन्नई में इस धनुष को बहुत ही बेहतरीन तरीके से तराशा गया है। अब यह धनुष्य अयोध्या भगवान श्री राम जी की नगरी में पहुंच चुका है और बहुत जल्दी ही यहां मंदिर में दे दिया जाएगा। पटना में महावीर मंदिर के परिसर में महावीर संस्था है जिसमें हिंदू भाइयों के साथ-साथ मुसलमान भाइयों का भी इलाज होता है। मतलब वहां पर मुसलमान भी इलाज करवाने आते हैं उनके साथ किसी भी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं होता है।

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