गिद्धों का झुंड अयोध्या में- कहाँ से आये विलुप्त जटायु-

 

गिद्धों का झुंड अयोध्या में कहाँ से आये विलुप्त जटायु-

दोस्तों आज के आर्टिकल में हम इस विषय पर बात करने वाले हैं जिसकोaaya सुनकर आप भी चौंक जाएंगे जी हां अभी वैसे फिलहाल 22 जनवरी का टाइम आने वाला है और इसके बारे में तो पूरे भारतवासियों को कई समय से जानकारी आई की 22 जनवरी को रामलाल की स्थापना होगी किंतु इसी बीच एक विषय काफी चर्चा का बना हुआ है अभी अचानक दोस्तों यहां जानकारियां सामने निकल कर आ रही है कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी की जन्म भूमि अयोध्या नगरी में अब इसको संयोग बोले या फिर और कुछ मतलब भगवान राम की जन्म भूमि में अचानक से गिद्धों का झुंड आया। सभी के मन में एक प्रश्न है कि कहां से आए विलुप्त गिद्धों का झुंड किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा है। मतलब इस वक्त अयोध्या में बड़ी संख्या में पहुंच चुके हैं गिद्ध यानी कि जटायू यहां बहुत ही आश्चर्यजनक बात है। इसको भगवान प्रभु की कृपा कहें या कुछ ओर पशु पक्षी सहित अयोध्या में जटायु आ गए। अब निश्चित राम का प्रभाव है।

बचपन में इन गिद्धों को बड़े-बड़े झुंड में खेतों और जंगलों मे घूमते हुए देखा जाता था किंतु आजकल इनकी जातियां निरंतर विलुप्त होती जा रही हैं। अब फिर से आध्यात्मिक नगरी अयोध्या में इन गिद्धों को फिर से झुंड में देखकर खुशी की अनुभूति हो रही है लगता है आध्यात्मिक नगरी अयोध्या में दिव्य शक्तियां भी बराबर अपना काम कर रही है। दोस्तों आपको बता दे की भगवान श्री राम के अन्न्यन्न भक्त श्री गिद्धराज जटायु रहे हैं। गिद्ध जिनके डहने बहुत ही विशाल होते हैं। इनकी सोच बहुत ही खतरनाक होती है वैसे ही है सड़े गले जीव जंतुओं को अपना आहार बनाते हैं। इनकी आंखें बहुत दूर-दूर तक देख सकती है। यह लकड़ियों से अपने घोंसले को बनाते हैं। ये विशेष तरह से रोग से बचते हैं पर्यावरण के मित्र होते हैं। यह बहुत ही ताकतवर होते हैं।

जब रावण द्वारा भेष बदलकर माता सीता का हरण किया जा रहा था। तब माता सीता की सहायता करने के लिए गिद्धराज जटायु ने रावण को रोकने का पूरा प्रयास किया था। रावण को एक समय तक गिद्धराज जटायु ने मूर्छित भी कर दिया था पर वे माता सीता को रावण के चंगुल से बचाने में असफल रहे क्योंकि रावण ने जटायु पर अग्नि बाण से वार किया। जिस वजह से जटायु जी बुरी तरह से जल जाते हैं और घायल होकर जमीन पर गिर जाते हैं। इसके बाद जब भगवान श्री राम और लक्ष्मण जी माता सीता को ढूंढने के लिए आगे बढ़ते हैं तब उनको जटायु जी मूर्छित अवस्था में मिले। फिर जटायु जी ने पूरी जानकारियां भगवान श्री राम को विस्तार से समझायीं। इसके बाद जटायु जी ने भगवान श्री राम की गोद में अंतिम सांस ली।

आने वाली 22 जनवरी 2024 को अयोध्या नगरी में प्राण प्रतिष्ठा होगी और इसमें मुख्य रूप से पांच लोगों की भागीदारी रहेगी। खबर यहां आ रही है कि इसमें प्रधानमंत्री जी, मुख्यमंत्री, अमित शाह जी, आनंदी पटेल रहेंगी। साथ में धार्मिक मान्यताओं का पोषण करने वाले वैदिकों को भी शामिल किया जाएगा। अयोध्या इस वक्त विश्व का मानक बना हुआ है अब इस वक्त वैश्विक स्तर पर लोग अयोध्या को देखने के लिए आतुर हो रहे हैं।
इस वक्त गिद्धों का विशाल समूह अयोध्या के मिल्कीपुर में पहुंच चुका है। जानकारी के मुताबिक दर्जन भर गिद्धों का झुंड देखने को मिले हैं। भगवान राम अब महल में विराजमान होंगे, इस स्वागत समारोह में जटायु भी सम्मिलित होकर अपनी सहभागिता सुनिश्चित कर रहे हैं।

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