ई-गवर्नेंस क्या है? E-Governance in Hindi

दोस्तों आज का विषय बहुत ही खास है‌ एवं आपके लिए बहुत ही उपयोगी हो सकता है। गुजरते वक्त के साथ निरंतर बहुत सारी सुविधाएं बढ़ती जा रही है। आज का समय ऑफलाइन से हटकर ऑनलाइन हो चुका है।
इस Article में हम बात करेंगे कि E-Governance क्या होता है? यह कैसे वर्क करता है? इत्यादि के बारे बिना Time waste करे नीचे विस्तार से जानते हैं –

 

E-Governance क्या है ?

दोस्तों E-Governance को आप ऐसे समझ सकते हैं कि हमारे Government (सरकार) से related (संबंधित) जितनी भी Service (सेवाएं) होती है। जिसको लोगों तक पहुंचाना होता है। उनको ऑनलाइन मोड पर शिफ्ट करना यानी ऑनलाइन तरीके से लोगों तक पहुंचाया जा सकता है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि लोगों को Government office के चक्कर न लगाने पड़े और जो चक्कर लगाने में आपका Time waste होता है। आपका जो पैसा बर्बाद होता है। उसको वहां से बचाया जा सके तो दोस्तों आज ऐसे बहुत से कार्य है। जिसको गवर्नमेंट ने ऑनलाइन शिफ्ट कर दिया है। जैसे GST से रिलेटेड जो भी काम होते हैं। वह हम ऑनलाइन कर सकते हैं। आपके जितने भी Important Document है। जैसे – आधार कार्ड हो गया, पैन कार्ड हो गया, ड्राइविंग लाइसेंस हो गया, आपके और अन्य डॉक्यूमेंट्स है। उनको आप ऑनलाइन मोड पर apply कर सकते हैं। उनको ऑनलाइन मोड पर आप एडिट कर सकते हैं। ऑनलाइन मोड़ पर आप जैसे – ट्रेन की टिकट बुक कर सकते हैं। ट्रेन की टिकट बुक करने के लिए आपको रेलवे ट्रैक पर परेशान नहीं होना पड़ेगा, प्लेन की टिकट बुक कर सकते हैं, बिजली का बिल, पानी का बिल, टीवी रिचार्ज इत्यादि में आप Online Payment कर सकते हैं।

जी हां दोस्तों आज आप Online Payment की सर्विस का लाभ ले सकते हैं। ऑनलाइन कोई भी खरीदारी करना चाहे तो वह भी आज के समय में मुमकिन है क्योंकि जितने भी काम होते हैं‌ वो कहीं-न-कहीं सरकार से लिंक होते हैं। जिनको लोगों तक पहुंचाना कहीं-न-कहीं Important होता है। सभी कार्य E-Governance के तहत में आते हैं।
E Governance का एक उदाहरण है – Umang Application.

 

E-Governance का फुल फॉर्म क्या है ?

E-Governance का फुल फॉर्म “Electronic Governance” होता है।

 

E-Governance के उद्देश्य क्या है ?

E-governance के उद्देश्य निम्नलिखित होते हैं। जिन्हें step by step दर्शाया गया है –

  1) सरकारी सेवाओं और सुविधाओं को आसानी से आम जनता तक पहुंचना होता है।

  2) सरकार एवं नागरिकों के मध्य बड़ी सरलता के साथ संवाद होना। सारी सुविधाएं ऑनलाइन होने के कारण नागरिक और सरकार में अच्छी तरह से संवाद हो सकता है।

  3) सरकार आम जनता की समस्याओं का जवाब देने में बहुत समय लगाती है। लेकिन शासन का खास मकसद है आम जनता की समस्याओं को अति शीघ्र प्रतिक्रिया देकर समस्या को हल करना।

  4) लोगों को डिजिटल दुनिया से जोड़ने में मदद करना। ई-गवर्नेंस के उपयोग से लोग डिजिटल दुनिया से जुड़ सकते हैं।

  5) नागरिकों के लिए अच्छी एवं बेहतर सेवाओं को प्रदान करना होता है।

 

E-Governance के प्रकार –

ई-गवर्नेस मुख्यतः चार प्रकार की होती है –

  1. सरकार से सरकार तक –

ई-गवर्नेस के द्वारा जब सरकार के किसी क्षेत्र का दूसरे किसी अन्य क्षेत्र से संपर्क होता है। तो यह कैटेगरी government to government कहलाती है। उदाहरण – खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्रालय।

  2. सरकार से जनता तक –

सरकार एवं नागरिकों के मध्य पारस्परिक व्यवहार government to citizen वाली कैटेगरी में आता है। उदाहरण – बिजली एवं जल सम्बन्धी शिकायतें करना।

  3. सरकार से व्यवसाय तक –

government to business (व्यापार) कैटेगरी के अंतर्गत सरकार व्यापार जगत से संपर्क करके लेन-देन करती है। उदाहरण- ऑनलाइन ट्रेडिंग तथा सीमा एवं उत्पाद शुल्क संबंधी प्रकरण

  4. सरकार से कर्मचारी तक –

इस कैटेगरी में सरकार अपने कर्मचारियों (government to employee) से संचार करती है। मतलब सरकार एवं कर्मचारियों के बीच कुशलता और तेजी से संपर्क बनाने में पूर्ण सहायता होती है।

 

E-Governance के लाभ –

ई-गवर्नेन्स के कुछ प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं जैसे –

  1. ई-गवर्नेन्स, Current सिस्टम की क्षमता का सुधार करता है।

  2. ई-गवर्नेन्स के उपयोग से Money तथा Time की बचत होती है

  3. ई-गवर्नेन्स की help से साधारण कार्यो (tasks) को आसान बनाया जा सकता है।

  4. ई-गवर्नेन्स पब्लिक फायदों के साथ-साथ बिजनेस के लिये फायदेमंद है। जो बिना किसी समय, ऊर्जा तथा धन के खर्च किये बिना ही अत्यधिक Current इनफॉर्मेशन को प्राप्त करने में सहायक है।

  5. ई-गवर्नेंस के द्वारा सरकारी सेवाएं इंटरनेट और इलेक्ट्रॉनिक माध्यम के साथ प्रदान की जा सकती है।

  6. ई-गवर्नेन्स public services में अच्छी अभिगम्यता सर्विसेज में सुधार, क्षमता, पारदर्शिता और जवाबदेही इत्यादि के लिये प्रमाणित है।

 

E-Governance की हानियां –

ई-गवर्नेन्स की प्रमुख हानियां निम्नलिखित हैं –

  1. ई-गवर्नेन्स के कारण गवर्मेन्ट सेवायें इलैक्ट्रॉनिक बेस्ड सिस्टम में मूव कर चुकी हैं। अतः इस सिस्टम ने इंटरएक्शन को समाप्त कर दिया है।
जैसे – person to person

  2. ई-गवर्नेन्स सर्विस बहुत सारी टैक्नोलॉजियों पर आधारित सर्विसेस है। अतः इसमें excuse के कारण बनाना आसान है। server बन्द हो गया है, system खराब हो गया है इत्यादि। जिसके कारण सर्विसेस को नियमित (Regular) चलाने में बाधा आती है।

  3. ई-गवर्नेन्स के implementation (कार्यान्वयन) कुछ निश्चित प्रतिबंध होते हैं।

  4. नागरिकों की साक्षरता जैसे – अंग्रेजी में लिखना, पढ़ना इत्यादि ई-गवर्नेन्स की सर्विसेज के प्रयोग में बाधक होते हैं।

  5. ई-गवर्नेन्स का उपयोग करने के लिये इंटरनेट, कम्प्यूटर्स इत्यादि का प्रयोग करना आवश्यक है। जिसे सभी व्यक्तियों के लिये afford करना आसान नहीं है ।

 

निष्कर्ष –

दोस्तों इस आर्टिकल में आपको E-Governance के बारे में सभी जानकारियां समझ में जरूर आई होगी। ई-गवर्नेंस आज की लाइफ में बहुत महत्व रखता है। आज बहुत सारी सुविधाएं या फिर जो भी सरकार द्वारा योजनाएं बनाई जाती है। वह तुरंत नागरिकों तक आसानी से पहुंच जाती है। इसका वर्तमान समय में एक साक्षात उदाहरण है। जैसे – लाडली लक्ष्मी बहना योजना, इस योजना के आज ऑनलाइन फॉर्म भराते है और भी बहुत सी सुविधाएं ऑनलाइन मोड़ पर होने लगी है।
दोस्तों मुझे आशा है कि आपको E-Governance की सभी जानकारियां बहुत पसंद आई होगी। इन सभी जानकारियों को अपने Friends एवं Family के साथ जरूर शेयर करें और अगर आपका कोई सा भी question है तो निसंकोच कमेंट में पूछ सकते हैं।

 

“सभी को दिल से धन्यवाद”

Advertisement

Leave a Comment