अयोध्या में दिखा चमत्कारी रामनामी पेड़ – जो अपने आप लिखता है राम राम!

इस वक्त मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी की नगरी अयोध्या की चर्चाएं पूरे विश्व भर में चल रही है। राम जी सिंहासन पर विराजित होकर बहुत ही मनमोहक लग रहे हैं। सभी अयोध्या नगरी में श्री राम जी के दर्शन करने के लिए जा रहे हैं। दोस्तों अयोध्या नगरी बहुत ही अद्भुत है। यहां कई प्रकार के चमत्कार देखने को मिलते हैं जी हां आज हम मतलब चमत्कारी रामनामी पेड़ की बात करने वाले हैं। दोस्तों इस बात को सुनकर आपको हैरानी जरूर होगी कि आखिर इस पेड़ में क्या है तो दोस्तों आपको बता दे कि यहां पेड़ अयोध्या नगरी में स्थित है और यह बहुत चमत्कारी पेड़ है इसकी कई सारी विशेषताएं हैं। इंग्लैंड और नासा के महान वैज्ञानिक भी इससे बहुत ही हैरान है अगर दोस्तों आप भी इसके बारे में जानेंगे तो आप भी चौंक है जाएंगे चलिए हम बिना देर करें जल्द से जल्द इसके बारे में संपूर्ण जानकारी नीचे विस्तार से जानते हैं।

 

अयोध्या में दिखा चमत्कारी रामनामी पेड़ – जो अपने आप लिखता है राम राम!

दोस्तों हम जिस विषय पर बात करने वाले हैं शायद उसको जानकर आप भी यकीन नहीं करेंगे लेकिन यहां सच है। अयोध्या भगवान पुरुषोत्तम श्री राम जी की नगरी में दिखा एक चमत्कारी पेड़ जिसमें अपने आप लिखा जाता है राम नाम। इसको अजूबे का दर्जा दिया जाए तो वहां भी इसके आगे फीका पड़ जाएगा। मतलब अयोध्या में स्थित इस पेड़ के ऊपर अलग-अलग भाषा में राम-राम लिखा है। इस चमत्कारी पेड़ में ऊपर से लेकर नीचे तक केवल और केवल राम नाम ही लिखा हुआ है। इस पेड़ के बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं कि यहां कब उगा है और किस चीज का यहां पेड़ है इसकी किसी को भी जानकारी नहीं है। कहां जा रहा है कि जो बड़े-बड़े वैज्ञानिक है उन्होंने कई बार रिसर्च भी करी है किंतु वे असफल रहे यह पता लगाने में कि यहां कब पैदा हुआ था और अब इस पर अपने आप राम नाम लिखा जाता है। बताई जा रहा है कि लंदन से एक रिसर्चर टीम ने भी इसके पीछे के कारणों को जानने की पूरी कोशिश की है कि यहां पेड़ किस प्रजाति का है, किस प्रकार के फल इसमें आते हैं और इस पर अपने आप राम क्यों लिखा होता है। इसके पश्चात रिसर्चर टीम ने इसके कुछ पत्ते व इसकी खाल को लेकर कर गए हैं इसकी वजह जानने के लिए। आज तक इस पेड़ पर जो राम नाम अपने आप लिखता है इसके पीछे की वजह कोई भी नहीं जान सका है यहां तक की बड़े-बड़े वैज्ञानिक भी पस्त हो चुके हैं।

 

कितना पुराना है यहां चमत्कारी रामनामी पेड़?

दोस्तों अयोध्या नगरी के कुछ लोगों का मानना है कि यहां चमत्कारी पेड़ जिसका संबंध त्रेता युग के आसपास है। कुछ लोगों का कहना है कि जब तक रामजी अयोध्या नहीं आए थे तब तक यहां पेड़ उनकी प्रतीक्षा कर रहा था। कहां जा रहा है कि विश्व में ऐसा पेड़ कहीं भी नहीं देखा गया है। यहां अमेजॉन की जंगल की बात करें तो उसमें भी ऐसी प्रजाति का पेड़ नहीं मिलेगा। सिर्फ यहां पेड़ अयोध्या नगरी में ही देखा गया है जिसको देखकर कई वैज्ञानिक भी हैरान हुए हैं।

 

चमत्कारी पेड़ जिसकी क्या है सच्चाई? जानिए

दोस्तों ऊपर दी गई बात को सुनकर आपको ऐसा लगा जरूर होगा कि इस पेड़ के ऊपर कोई व्यक्ति राम नाम लिखता होगा तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है । दोस्तों इस पेड़ पर अलग-अलग भाषा जैसे कि तमिल, कन्नड़, हिंदी मतलब की कई सारी भाषा में इस पेड़ के ऊपर राम नाम लिखा हुआ मिलता है। कई बड़े प्रोफेसर ने इस पेड़ पर लिखी हुई भाषा का अवलोकन किया है। उनके अवलोकन से यहां मालूम हुआ कि इस पर केवल अलग-अलग भाषा में राम नाम ही लिखा है। वैज्ञानिकों का भी मानना है कि इसके पीछे किसी भी व्यक्ति विशेष का हाथ नहीं है। इसके पीछे की वजह को लंदन की वैज्ञानिक टीम बड़ी ही जल्द ढूंढ निकलेगी लेकिन लंदन की टीम का कहना है कि इसके पीछे कुछ और वजह है इस पेड़ पर जितने भी राम नाम लिखे हैं वहां किसी व्यक्ति के हाथ से नहीं लिखे गए हैं। इस पेड़ पर जो फल लगता है वहां बिल्कुल मूंगफली की तरह ही होता है। आज तक जितने भी वैज्ञानिक आए हैं तहकीकात करने के लिए वे अपनी तहकीकात करने में फेल हुए हैं।

 

चमत्कारी पेड़ के पत्ते पर भी दिखाई दिया राम का नाम

कहां जाता है कि इसके जो पत्ते हैं उन पर भी अगर दूरबीन की सहायता से देखा जाए तो राम नाम ही मिलता है। कई अंग्रेज लोग इस पेड़ को देखने के लिए आए थे उन्होंने दूरबीन की मदद से इस पेड़ के पत्तों पर देखा तो केवल ओर केवल राम-राम ही लिखा हुआ दिखाई दिया।

Advertisement

Leave a Comment