इसरो जिसने न केवल इतिहास रचा है बल्कि उस नामुमकिन कार्य को भी करके दिखाया है जिसके आगे अच्छे-अच्छे देश ने हार मान ली। चंद्रयान-3 की सफलता के बाद अब एक कदम सूर्य की तरफ यानी कि आदित्य एल 1 द्वारा अभी भी एक और प्रयास जारी है। सूत्रों के अनुसार आदित्य एल 1 करीब 9.2 लाख किलोमीटर की दूरी तय कर चुका है। अब केवल आदित्य एल 1 उस सन प्वाइंट एल 1 की तलाश कर रहा है जिसको लेकर इसरो ने खासतौर पर परिश्रम किया है। आदित्य एल 1 ने पृथ्वी के प्रभाव वाले क्षेत्र को बड़ी ही सफलता के साथ तय किया है अर्थात आदित्य एल 1 ने पृथ्वी के ग्रेविटी वाले फोर्स को पार करके आगे का सफर जारी करने मे बढ़ चुका है। इस सूर्य मिशन में आदित्य एल 1 उस निश्चित प्वाइंट पर अगर स्थित रहा तो
आदित्य एल 1 मिशन क्या काम करेगा? विस्तार से जाने
आने वाले नए वर्ष की फरवरी या मार्च महीने में आदित्य एल 1 द्वारा दुनिया सूर्य को लगभग करीब से फोटो द्वारा देख पाएगी।
आदित्य एल 1 मिशन क्या काम करेगा?
आदित्य एल 1 मिशन जब अपनी निश्चित जगह पर पहुंचजाएगा तब VELC द्वारा सूरज की हाई क्वालिटी में फोटो ली जाएगी इतना ही नहीं अल्ट्रावायलेट वेल्थ, फोटोस्फेयर, क्रोमोस्फेयर की भी फोटो ली जाएगी। इसके अलावा पेलोड्स से सूरज की स्टडी, चार्जर कणों के वजन को मालूम करना, उष्ण हवाओं में उपलब्ध इलेक्ट्रोंस की जांच पड़ताल करना इन सभी कार्यों को आदित्य एल 1 मिशन द्वारा ही संभव है। आप सभी देशवासियों को उस समय का बेसब्री से इंतजार है जिसके लिए इसरो ने बहुत कड़ा ही परिश्रम किया है।
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